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पीएम नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर उप राज्यपाल ने भेजा दिल्ली पुलिस को संदेश

दिल्ली के उप राज्यपाल विनय कुमार सक्सेना (Lt Governor Vinay Kumar Saxena) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन (PM Narendra Modi s birthday) पर दिल्ली पुलिस को संदेश भेजा है. उन्होंने कहा है कि समाज का कोई भी वर्ग हो, जब भी कोई समस्या आती है तो सबसे पहले वह पुलिस के पास ही पहुंचता है. दिल्ली में पुलिस की यह जिम्मेदारी और बढ़ जाती है क्योंकि दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी है.

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Published : Sep 16, 2022, 8:31 PM IST

Updated : Sep 16, 2022, 9:09 PM IST

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन (PM Narendra Modi s birthday) पर उप राज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने दिल्ली पुलिस को संदेश (message to Delhi Police) भेजा है. अपने संदेश में उपराज्यपाल ने कहा है कि 17 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जन्मदिवस है, जिसे पूरा देश “सेवा दिवस” के रूप में मना रहा है. जब हम जन सेवा की बात करते हैं तो सबसे पहला जिक्र स्वतः रूप से पुलिस का आता है.

ये भी पढ़ें :-दिल्ली में 1,295 नए कोरोना मरीज, उप राज्यपाल ने दिए दिशानिर्देश

समाज का कोई भी वर्ग हो, जब भी कोई समस्या आती है तो सबसे पहले वह पुलिस के पास ही पहुंचता है. दिल्ली में पुलिस की यह जिम्मेदारी और बढ़ जाती है क्योंकि दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी है. दिल्ली पुलिस कि जिम्मेदारी सिर्फ दिल्ली शहर तक सीमित नहीं है. दिल्ली पुलिस पूरे देश कि पुलिस है. देश की राजधानी होने के साथ-साथ, भारत की शासन व्यवस्था का केंद्र है– Parliament, Seat of Central Govt, Diplomatic establishments, historical monuments, foreign visitors, etc.

1 जुलाई, 1978 को दिल्ली में पुलिस आयुक्त प्रणाली लागू हुई थी. तब से लेकर आज के आधुनिक समय में पुलिस की कार्यशैली में अभूतपूर्व परिवर्तन हुए हैं. दिल्लीवासियों के बीच people-friendly police की छवि बनाने के उद्देश्य से दिल्ली पुलिस ने Community Outreach Initiative पर विशेष बल दिया है. इसके अंतर्गत समाज के soft target या vulnerable sections जैसे की बच्चे, महिलायें, वृद्ध नागरिक व देशी- विदेशी पर्यटकों की विशेष सुरक्षा के लिए विशेष कार्यक्रम, चलाए जा रहे हैं.

युवा : School dropouts, notorious और misguided youths को व्यवसायिक गतिविधियों का प्रक्षिशन MSME मंत्रालय द्वारा चिन्हित ट्रेनिंग पार्टनर्स द्वारा दिलवाकर उन्हें आत्म निर्भर बनाना.Go To School - Go to School initiative, Community Policing के तहत लिया गया एक कदम है जो स्कूली छात्रों को सड़क सुरक्षा उपायों, साइबर क्राइम ड्रग एब्यूज, Sexual offenses, Good/Bad Touch के बारे मैं शिक्षित करना है इसके तहत Local Police से अधिकारीगण स्कूलों व RWA's में व्यक्तिगत तौर पर जाकर स्कूली छात्रों बच्चों को उक्त विषयों पर शिक्षित करते हैं.सशक्ति दिल्ली पुलिस की महिला व बाल प्रकोष्ठ शाखा की ओर से महिला सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सशक्ति योजना की शुरुआत की गयी जिसने कामकाजी महिलाओं, ग्रहणियों व छात्राओं को शामिल किया गया. यह प्रशिक्षण ऑनलाइन व ऑफ़्लाइन दोनों ही प्रकार से दिया जाता है

सीनियर सिटीजन्स : समाज के वृद्ध नागरिको के लिए पुलिस स्टेशन, जिला स्तर व पुलिस मुख्रयालय के स्तर पर भी वृद्ध नागरिक प्रकोष्ठ बनाये गए है . जो समय समय पर वृद्ध नागरिकों के साथ पुलिस के विभिन्न स्तर के अधिकारियो से बड़े स्तर पर मुलाक़ात व थाने के बीट डिवीज़न व SHO's द्वारा भी लगातार वृद्ध नागरिकों के घरों पर जाकर उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जाती है. समाज में सौहार्द स्थापित करने के लिए व विभिन्न मतों व धर्मो के नागरिकों की भी इसमें सम्मिलित करके सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भी योजनाये बनायीं गयी हैं.

जैसे: अमन समिति: - समाज के विभिन्न वर्गों, जाति समुदाय व धर्मो के प्रतिष्ठित नागरिकों को दिल्ली पुलिस के विभिन्न स्तरों पर अमन समितिया बनायीं गयी है. जो समय समय पर मीटिंग्स करते है और समस्याओं का त्वरित निवारण किया जाता है. जिसकी मोनिटरिंग वरिस्थ अधिकारी भी करते है.

पुलिस मित्र : - प्रत्येक थाना क्षेत्र में पुलिस के प्रति सद्भावना रखने वाले सामाजिक व्यक्ति जो स्वेच्छा से पुलिस के कार्यो में पुलिस की मदद करना चाहते हैं. जैसे कि पिक्केट ड्यूटी, ट्रैफिक सञ्चालन, काननों व्यवस्था व् ख़ुफ़िया जानकारी एकत्रित करने में पुलिस की मदद करते है.

Eyes & Ears - प्रत्येक थाना क्षेत्र में रेहड़ी खोमचे वाले, पार्किंग, attendant TSR चालक, कुली, दुकानदार इत्यादि लोगों को Eyes & Ears स्कीम के तहत policing में शामिल किया जाता है. ऐसे लोग किसी भी घटना के होने की जानकारी तुरंत बीट अफसरों अथवा थाने में देते हैं. व्यवसायिक व औधोगिक गतिविधियों के बढ़ने से अपराध में भी बढ़ोत्तरी होती है जिसको पब्लिक की मदद से ही कम करने व् पब्लिक का ही योगदान लेने के लिये भी.

प्रहरी : - थाना स्तर पर तमाम सिक्यूरिटी गार्ड्स को बीट स्टाफ के साथ कानून व्यवस्था में शामिल करके शांति व् सुरक्षा सुनिश्चित की जाती है.

निगेहबान:- इस स्कीम के तहत तीसरी आंख यानि कि CCTV कमरों की मदद से क्राइम कण्ट्रोल किया जाता है व आम नागरिकों जिनमें दुकानदार व्यवसायी, RWA\MWA मेंबर्स आदि को अपने अपने स्थानों पर CCTV कैमरा लगाने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है.

Neighborhood watch scheme: इस स्कीम के तहत स्थानीय निवासी व लोकल पुलिस मिलकर अपराध की रोकथाम करते है.

अपराध की रोकथाम में टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल के लिए नेगाहबान स्कीम भी लागु की गयी है जिसके तहत दिल्ली पुलिस में हजारो CCTV कैमरे विभिन्न स्थानों पर लगाये हैं.लोगो को ज्यादा से ज्यादा सुविधा देने के लिए e-FIR, Lost & Found Report, passport verification, police clearance certificate & Tatpar App को भी लागु किया गया है.

ये भी पढ़ें :- दिल्ली में सुरक्षा व्यवस्था को किया जाएगा और भी दुरुस्त: एलजी

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन (PM Narendra Modi s birthday) पर उप राज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने दिल्ली पुलिस को संदेश (message to Delhi Police) भेजा है. अपने संदेश में उपराज्यपाल ने कहा है कि 17 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जन्मदिवस है, जिसे पूरा देश “सेवा दिवस” के रूप में मना रहा है. जब हम जन सेवा की बात करते हैं तो सबसे पहला जिक्र स्वतः रूप से पुलिस का आता है.

ये भी पढ़ें :-दिल्ली में 1,295 नए कोरोना मरीज, उप राज्यपाल ने दिए दिशानिर्देश

समाज का कोई भी वर्ग हो, जब भी कोई समस्या आती है तो सबसे पहले वह पुलिस के पास ही पहुंचता है. दिल्ली में पुलिस की यह जिम्मेदारी और बढ़ जाती है क्योंकि दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी है. दिल्ली पुलिस कि जिम्मेदारी सिर्फ दिल्ली शहर तक सीमित नहीं है. दिल्ली पुलिस पूरे देश कि पुलिस है. देश की राजधानी होने के साथ-साथ, भारत की शासन व्यवस्था का केंद्र है– Parliament, Seat of Central Govt, Diplomatic establishments, historical monuments, foreign visitors, etc.

1 जुलाई, 1978 को दिल्ली में पुलिस आयुक्त प्रणाली लागू हुई थी. तब से लेकर आज के आधुनिक समय में पुलिस की कार्यशैली में अभूतपूर्व परिवर्तन हुए हैं. दिल्लीवासियों के बीच people-friendly police की छवि बनाने के उद्देश्य से दिल्ली पुलिस ने Community Outreach Initiative पर विशेष बल दिया है. इसके अंतर्गत समाज के soft target या vulnerable sections जैसे की बच्चे, महिलायें, वृद्ध नागरिक व देशी- विदेशी पर्यटकों की विशेष सुरक्षा के लिए विशेष कार्यक्रम, चलाए जा रहे हैं.

युवा : School dropouts, notorious और misguided youths को व्यवसायिक गतिविधियों का प्रक्षिशन MSME मंत्रालय द्वारा चिन्हित ट्रेनिंग पार्टनर्स द्वारा दिलवाकर उन्हें आत्म निर्भर बनाना.Go To School - Go to School initiative, Community Policing के तहत लिया गया एक कदम है जो स्कूली छात्रों को सड़क सुरक्षा उपायों, साइबर क्राइम ड्रग एब्यूज, Sexual offenses, Good/Bad Touch के बारे मैं शिक्षित करना है इसके तहत Local Police से अधिकारीगण स्कूलों व RWA's में व्यक्तिगत तौर पर जाकर स्कूली छात्रों बच्चों को उक्त विषयों पर शिक्षित करते हैं.सशक्ति दिल्ली पुलिस की महिला व बाल प्रकोष्ठ शाखा की ओर से महिला सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सशक्ति योजना की शुरुआत की गयी जिसने कामकाजी महिलाओं, ग्रहणियों व छात्राओं को शामिल किया गया. यह प्रशिक्षण ऑनलाइन व ऑफ़्लाइन दोनों ही प्रकार से दिया जाता है

सीनियर सिटीजन्स : समाज के वृद्ध नागरिको के लिए पुलिस स्टेशन, जिला स्तर व पुलिस मुख्रयालय के स्तर पर भी वृद्ध नागरिक प्रकोष्ठ बनाये गए है . जो समय समय पर वृद्ध नागरिकों के साथ पुलिस के विभिन्न स्तर के अधिकारियो से बड़े स्तर पर मुलाक़ात व थाने के बीट डिवीज़न व SHO's द्वारा भी लगातार वृद्ध नागरिकों के घरों पर जाकर उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जाती है. समाज में सौहार्द स्थापित करने के लिए व विभिन्न मतों व धर्मो के नागरिकों की भी इसमें सम्मिलित करके सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भी योजनाये बनायीं गयी हैं.

जैसे: अमन समिति: - समाज के विभिन्न वर्गों, जाति समुदाय व धर्मो के प्रतिष्ठित नागरिकों को दिल्ली पुलिस के विभिन्न स्तरों पर अमन समितिया बनायीं गयी है. जो समय समय पर मीटिंग्स करते है और समस्याओं का त्वरित निवारण किया जाता है. जिसकी मोनिटरिंग वरिस्थ अधिकारी भी करते है.

पुलिस मित्र : - प्रत्येक थाना क्षेत्र में पुलिस के प्रति सद्भावना रखने वाले सामाजिक व्यक्ति जो स्वेच्छा से पुलिस के कार्यो में पुलिस की मदद करना चाहते हैं. जैसे कि पिक्केट ड्यूटी, ट्रैफिक सञ्चालन, काननों व्यवस्था व् ख़ुफ़िया जानकारी एकत्रित करने में पुलिस की मदद करते है.

Eyes & Ears - प्रत्येक थाना क्षेत्र में रेहड़ी खोमचे वाले, पार्किंग, attendant TSR चालक, कुली, दुकानदार इत्यादि लोगों को Eyes & Ears स्कीम के तहत policing में शामिल किया जाता है. ऐसे लोग किसी भी घटना के होने की जानकारी तुरंत बीट अफसरों अथवा थाने में देते हैं. व्यवसायिक व औधोगिक गतिविधियों के बढ़ने से अपराध में भी बढ़ोत्तरी होती है जिसको पब्लिक की मदद से ही कम करने व् पब्लिक का ही योगदान लेने के लिये भी.

प्रहरी : - थाना स्तर पर तमाम सिक्यूरिटी गार्ड्स को बीट स्टाफ के साथ कानून व्यवस्था में शामिल करके शांति व् सुरक्षा सुनिश्चित की जाती है.

निगेहबान:- इस स्कीम के तहत तीसरी आंख यानि कि CCTV कमरों की मदद से क्राइम कण्ट्रोल किया जाता है व आम नागरिकों जिनमें दुकानदार व्यवसायी, RWA\MWA मेंबर्स आदि को अपने अपने स्थानों पर CCTV कैमरा लगाने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है.

Neighborhood watch scheme: इस स्कीम के तहत स्थानीय निवासी व लोकल पुलिस मिलकर अपराध की रोकथाम करते है.

अपराध की रोकथाम में टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल के लिए नेगाहबान स्कीम भी लागु की गयी है जिसके तहत दिल्ली पुलिस में हजारो CCTV कैमरे विभिन्न स्थानों पर लगाये हैं.लोगो को ज्यादा से ज्यादा सुविधा देने के लिए e-FIR, Lost & Found Report, passport verification, police clearance certificate & Tatpar App को भी लागु किया गया है.

ये भी पढ़ें :- दिल्ली में सुरक्षा व्यवस्था को किया जाएगा और भी दुरुस्त: एलजी

Last Updated : Sep 16, 2022, 9:09 PM IST
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