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DUSU Elections 2023: डूसू चुनाव में वादों की झड़ी, फ्री मेट्रो पास पर क्या बोले छात्र संगठन जानिए... - एसएफआई

दिल्ली यूनिवर्सिटी (डीयू) में छात्र संघ चुनाव में डेढ़ लाख वोटर को रिझाने के लिए तमाम छात्र संगठन वादों की झड़ी लगा रहे हैं. अन्य चुनावों की तरह यहां भी फ्री की रेवड़ी बांटने का प्रयास किया जा रहा है.

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Sep 19, 2023, 7:59 AM IST

नई दिल्ली: दिल्ली यूनिवर्सिटी (डीयू) में छात्र संघ चुनाव में डेढ़ लाख वोटर को रिझाने के लिए तमाम छात्र संगठन वादों की झड़ी लगा रहे हैं. अन्य चुनावों की तरह यहां भी फ्री की रेवड़ी बांटने का प्रयास किया जा रहा है. अब देखने वाली बात होगी कि छात्र फ्री की रेवड़ी पर क्या रुख अपनाते हैं. इस चुनाव में छात्रों को फ्री मेट्रो पास देने का वायदा कांग्रेस समर्थित छात्र संगठन एनएसयूआई ने अपने घोषणा पत्र में किया है. एनएसयूआई का दावा है कि अगर वह यह डूसू चुनाव 4.0 से जीत जाते हैं तो डीयू के छात्रों को फ्री मेट्रो पास मुहैया करवाएंगे. वहीं दूसरी तरफ संघ की विचारधारा वाली अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने वायदा किया है कि अगर वह 4.0 से जीत जाते हैं तो छात्रों को मेट्रो पास में रियायत दिलवाएंगे.हालांकि, इन दोनों छात्र संगठन के इस वायदे पर एसएफआई और आइसा का क्या कहना है यह जानते हैं.

क्या कहते हैं अध्यक्ष पद के उम्मीदवार

एबीवीपी के अध्यक्ष पद के उम्मीदवार तुषार डेढ़ा ने कहा कि सबसे बड़ा मुद्दा यह है कि हम डीयू के छात्रों के लिए मेट्रो में छात्र के पास में रियायत दिलवाएंगे. क्योंकि भारी संख्या में छात्र मेट्रो के माध्यम से कॉलेज पहुंचता है. छात्र को रोजाना 100 से 150 रूपए का खर्चा करना पड़ता है. इस समस्या को हम दूर करेंगे.

एनएसयूआई के अध्यक्ष पद के उम्मीदवार हितेश गुलिया ने कहा कि एबीवीपी जो वायदे कर रहे हैं वह तो सत्ता में थे. केंद्र में सत्ता में थे दिल्ली यूनिवर्सिटी में सत्ता में थे उन्हें वायदे नहीं बल्कि काम करना चाहिए था.यही वजह है कि आज एबीवीपी डरी हुई न रहती.उन्होंने वायदे किए वायदे निभाए नहीं हम वायदे कर रहे हैं और इसे पूरा करेंगे.

ऑल इंडिया स्टूडेंट्स यूनियन (आइसा) के सचिव पद के उम्मीदवार आदित्य ने कहा कि चुनाव आते ही यह बड़े बड़े वायदे करते हैं हकीकत यह है कि चुनाव जीतने के बाद यह एक भी वायदे पूरे नहीं करते.छात्रों को मेट्रो पास दिलाने का वायदा कोई आज का नहीं है हर चुनाव में यह वायदे करते हैं और भूल जाते हैं पिछले 10 साल में एनएसयूआई और एबीवीपी के लोग ही रहे हैं फिर भी आज तक एक भी छात्र को मेट्रो पास नहीं मिला. आइसा ने साल 2018 में छात्रों को एसी बस में पास दिलाने के लिए संघर्ष किया.जबकि, हमने यूनियन का चुनाव भी नहीं जीता था. एबीवीपी और एनएसयूआई का यह वायदा सिर्फ एक ढकोसला है.

एसएफआई के अध्यक्ष पद के उम्मीदवार आरिफ ने कहा कि इनकी नीयत में गड़बड़ी है. यह वायदे करते हैं लेकिन इसे पूरा नहीं करते हैं. हमने हैदराबाद में छात्रों को मेट्रो पास दिलवाया है. डीयू में हमने मेट्रो पास में रियायत दिलाने के लिए कैंपेन चलाया है. हमने परिवहन मंत्रालय से भी मिले हैं अगर हम यूनियन में आते हैं तो यह मांग पूरी करेंगे जैसा हमने हैदराबाद में किया.एबीवीपी और एनएसयूआई तो सिर्फ वायदे करेंगे कभी पूरा नहीं करेंगे.

यह भी पढ़ें-MotoGP race in Noida: नोएडा में 21 और 22 सितंबर को कक्षा 12वीं तक के स्कूल बंद, 25 सितंबर तक धारा 144 लागू

यह भी पढ़ें-DUSU Election: नया छात्र जब DU आता है, पहले उसे ABVP का कार्यकर्ता मिलता है, हम चारों सीटें जीतेंगे: तुषार डेढ़ा

नई दिल्ली: दिल्ली यूनिवर्सिटी (डीयू) में छात्र संघ चुनाव में डेढ़ लाख वोटर को रिझाने के लिए तमाम छात्र संगठन वादों की झड़ी लगा रहे हैं. अन्य चुनावों की तरह यहां भी फ्री की रेवड़ी बांटने का प्रयास किया जा रहा है. अब देखने वाली बात होगी कि छात्र फ्री की रेवड़ी पर क्या रुख अपनाते हैं. इस चुनाव में छात्रों को फ्री मेट्रो पास देने का वायदा कांग्रेस समर्थित छात्र संगठन एनएसयूआई ने अपने घोषणा पत्र में किया है. एनएसयूआई का दावा है कि अगर वह यह डूसू चुनाव 4.0 से जीत जाते हैं तो डीयू के छात्रों को फ्री मेट्रो पास मुहैया करवाएंगे. वहीं दूसरी तरफ संघ की विचारधारा वाली अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने वायदा किया है कि अगर वह 4.0 से जीत जाते हैं तो छात्रों को मेट्रो पास में रियायत दिलवाएंगे.हालांकि, इन दोनों छात्र संगठन के इस वायदे पर एसएफआई और आइसा का क्या कहना है यह जानते हैं.

क्या कहते हैं अध्यक्ष पद के उम्मीदवार

एबीवीपी के अध्यक्ष पद के उम्मीदवार तुषार डेढ़ा ने कहा कि सबसे बड़ा मुद्दा यह है कि हम डीयू के छात्रों के लिए मेट्रो में छात्र के पास में रियायत दिलवाएंगे. क्योंकि भारी संख्या में छात्र मेट्रो के माध्यम से कॉलेज पहुंचता है. छात्र को रोजाना 100 से 150 रूपए का खर्चा करना पड़ता है. इस समस्या को हम दूर करेंगे.

एनएसयूआई के अध्यक्ष पद के उम्मीदवार हितेश गुलिया ने कहा कि एबीवीपी जो वायदे कर रहे हैं वह तो सत्ता में थे. केंद्र में सत्ता में थे दिल्ली यूनिवर्सिटी में सत्ता में थे उन्हें वायदे नहीं बल्कि काम करना चाहिए था.यही वजह है कि आज एबीवीपी डरी हुई न रहती.उन्होंने वायदे किए वायदे निभाए नहीं हम वायदे कर रहे हैं और इसे पूरा करेंगे.

ऑल इंडिया स्टूडेंट्स यूनियन (आइसा) के सचिव पद के उम्मीदवार आदित्य ने कहा कि चुनाव आते ही यह बड़े बड़े वायदे करते हैं हकीकत यह है कि चुनाव जीतने के बाद यह एक भी वायदे पूरे नहीं करते.छात्रों को मेट्रो पास दिलाने का वायदा कोई आज का नहीं है हर चुनाव में यह वायदे करते हैं और भूल जाते हैं पिछले 10 साल में एनएसयूआई और एबीवीपी के लोग ही रहे हैं फिर भी आज तक एक भी छात्र को मेट्रो पास नहीं मिला. आइसा ने साल 2018 में छात्रों को एसी बस में पास दिलाने के लिए संघर्ष किया.जबकि, हमने यूनियन का चुनाव भी नहीं जीता था. एबीवीपी और एनएसयूआई का यह वायदा सिर्फ एक ढकोसला है.

एसएफआई के अध्यक्ष पद के उम्मीदवार आरिफ ने कहा कि इनकी नीयत में गड़बड़ी है. यह वायदे करते हैं लेकिन इसे पूरा नहीं करते हैं. हमने हैदराबाद में छात्रों को मेट्रो पास दिलवाया है. डीयू में हमने मेट्रो पास में रियायत दिलाने के लिए कैंपेन चलाया है. हमने परिवहन मंत्रालय से भी मिले हैं अगर हम यूनियन में आते हैं तो यह मांग पूरी करेंगे जैसा हमने हैदराबाद में किया.एबीवीपी और एनएसयूआई तो सिर्फ वायदे करेंगे कभी पूरा नहीं करेंगे.

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