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जेल के बाहर भी लोकल पुलिस लगाएगी गश्त, जानिए क्या है वजह...

दिल्ली की तीनों जिलों के बाहर अब पुलिस के जवान समय-समय पर पेट्रोलिंग करेंगे. यह आदेश पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना की तरफ से दिए गए हैं. उन्होंने तीनों जेल से संबंधित लोकल पुलिस को जेल की चारदीवारी के साथ गश्त लगाने को कहा है. उनका मानना है कि इससे दीवार के पास से अंदर फेंके जाने वाले मोबाइल, मादक पदार्थ एवं हथियार पकड़े जाएंगे.

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Published : Mar 16, 2022, 2:22 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली की तीनों जिलों के बाहर अब पुलिस के जवान समय-समय पर पेट्रोलिंग करेंगे. यह आदेश पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना की तरफ से दिए गए हैं. उन्होंने तीनों जेल से संबंधित लोकल पुलिस को जेल की चारदीवारी के साथ गश्त लगाने को कहा है. उनका मानना है कि इससे दीवार के पास से अंदर फेंके जाने वाले मोबाइल, मादक पदार्थ एवं हथियार पकड़े जाएंगे.

जानकारी के अनुसार दिल्ली में कुल तीन जेल हैं, जहां पर लगभग 20 हजार कैदी रहते हैं. इनमें सबसे बड़ी जेल हरी नगर स्थित तिहाड़ जेल है. इसके अलावा दो अन्य जेल रोहिणी और मंडोली में बनी हुई है. इन जेलों के अंदर मादक पदार्थ, मोबाइल और हथियार पहुंचने की शिकायतें आए दिन सामने आती हैं. एक तरफ जहां तिहाड़ प्रशासन इसे लेकर चिंतित रहता है तो वहीं दूसरी तरफ दिल्ली पुलिस के लिए भी यह एक बड़ी परेशानी का कारण है. इनकी वजह से भी अपराधों में बढ़ोतरी होती है. कई बार मोबाइल का इस्तेमाल कर कैदी बाहर जबरन उगाही के लिए कॉल करते हैं. इस समस्या को लेकर कई बार दिल्ली पुलिस और तिहाड़ जेल प्रशासन बैठक कर चुका है.

दिल्ली पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना ने ऐसे मामलों की रोकथाम के लिए खास निर्देश दिए हैं. उन्होंने तीनों ही जेल की लोकल पुलिस को जेल के पास गश्त करने के निर्देश दिए हैं. उन्हें बताया गया है कि जेल की चारदीवारी के पास पुलिसकर्मी को समय बदलकर गश्त करना है. ऐसा देखने में आया है कि जेल की चारदीवारी के बाहर से कुछ लोग मोबाइल, हथियार एवं मादक पदार्थ जेल के भीतर फेंक देते हैं. उनके साथी बाद में यहां से यह सामान उठा लेते हैं. उन्होंने लोकल पुलिस को चारदीवारी के पास गश्त करने को कहा है ताकि सामान फेंकने वाले लोगों को पकड़ा जा सके. इससे निश्चित तौर पर जेल से होने वाले अपराधों में कमी आएगी.

पुलिस कमिश्नर ने यह भी निर्देश दिए हैं कि पुलिस गश्त के साथ ही जेल प्रशासन के साथ बैठकर प्लान तैयार करें. इस तरह की तस्करी को रोकने के लिए किस तरह के कदम उठाए जा सकते हैं, इस पर जेल अधिकारियों के साथ विचार विमर्श किया जाए. उन्होंने पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों को भी निर्देश दिए हैं कि वह इसकी मॉनिटरिंग करें. इससे यह पता लगेगा कि लोकल पुलिस द्वारा हो रही गश्त का कितना लाभ मिल रहा है.

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नई दिल्ली: दिल्ली की तीनों जिलों के बाहर अब पुलिस के जवान समय-समय पर पेट्रोलिंग करेंगे. यह आदेश पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना की तरफ से दिए गए हैं. उन्होंने तीनों जेल से संबंधित लोकल पुलिस को जेल की चारदीवारी के साथ गश्त लगाने को कहा है. उनका मानना है कि इससे दीवार के पास से अंदर फेंके जाने वाले मोबाइल, मादक पदार्थ एवं हथियार पकड़े जाएंगे.

जानकारी के अनुसार दिल्ली में कुल तीन जेल हैं, जहां पर लगभग 20 हजार कैदी रहते हैं. इनमें सबसे बड़ी जेल हरी नगर स्थित तिहाड़ जेल है. इसके अलावा दो अन्य जेल रोहिणी और मंडोली में बनी हुई है. इन जेलों के अंदर मादक पदार्थ, मोबाइल और हथियार पहुंचने की शिकायतें आए दिन सामने आती हैं. एक तरफ जहां तिहाड़ प्रशासन इसे लेकर चिंतित रहता है तो वहीं दूसरी तरफ दिल्ली पुलिस के लिए भी यह एक बड़ी परेशानी का कारण है. इनकी वजह से भी अपराधों में बढ़ोतरी होती है. कई बार मोबाइल का इस्तेमाल कर कैदी बाहर जबरन उगाही के लिए कॉल करते हैं. इस समस्या को लेकर कई बार दिल्ली पुलिस और तिहाड़ जेल प्रशासन बैठक कर चुका है.

दिल्ली पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना ने ऐसे मामलों की रोकथाम के लिए खास निर्देश दिए हैं. उन्होंने तीनों ही जेल की लोकल पुलिस को जेल के पास गश्त करने के निर्देश दिए हैं. उन्हें बताया गया है कि जेल की चारदीवारी के पास पुलिसकर्मी को समय बदलकर गश्त करना है. ऐसा देखने में आया है कि जेल की चारदीवारी के बाहर से कुछ लोग मोबाइल, हथियार एवं मादक पदार्थ जेल के भीतर फेंक देते हैं. उनके साथी बाद में यहां से यह सामान उठा लेते हैं. उन्होंने लोकल पुलिस को चारदीवारी के पास गश्त करने को कहा है ताकि सामान फेंकने वाले लोगों को पकड़ा जा सके. इससे निश्चित तौर पर जेल से होने वाले अपराधों में कमी आएगी.

पुलिस कमिश्नर ने यह भी निर्देश दिए हैं कि पुलिस गश्त के साथ ही जेल प्रशासन के साथ बैठकर प्लान तैयार करें. इस तरह की तस्करी को रोकने के लिए किस तरह के कदम उठाए जा सकते हैं, इस पर जेल अधिकारियों के साथ विचार विमर्श किया जाए. उन्होंने पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों को भी निर्देश दिए हैं कि वह इसकी मॉनिटरिंग करें. इससे यह पता लगेगा कि लोकल पुलिस द्वारा हो रही गश्त का कितना लाभ मिल रहा है.

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