नई दिल्ली: करोड़ों रुपये का लोन घोटाला कर फरार हुआ एक जालसाज आठ साल बाद गिरफ्तार हुआ है. उसके बच्चे के जन्म प्रमाणपत्र की मदद से आठ साल बाद पुलिस उसे गिरफ्तार करने में कामयाब रही. आरोपी की पहचान भुवनेश खरबंदा के रूप में की गई है. पूरे फर्जीवाड़े को लेकर उससे पूछताछ की जा रही है.
कंपनी ने दिया था 2.76 करोड़ का लोन
संयुक्त आयुक्त ओपी मिश्रा के अनुसार कॉरपोरेशन बैंक ने आर्थिक अपराध शाखा में शिकायत दर्ज कर बताया कि भुवनेश खरबंदा बीके एंटरप्राइजेज लिमिटेड कंपनी का मालिक है. जिसका दफ्तर पश्चिमी पटेल नगर में है. उसने बैंक की वसंत विहार शाखा से अगस्त 2012 में संपर्क किया और तीन करोड़ रुपए का लोन मांगा. कंपनी ने बैंक की तरफ से उसे 2.76 करोड़ का लोन दिया. इसके लिए उसने पश्चिमी पटेल नगर और मानसरोवर गार्डन स्थित प्रॉपर्टी के दस्तावेज गिरवी रखे, जो जांच के दौरान फर्जी पाए गए. उसके द्वारा बैंक अकाउंट की स्टेटमेंट भी फर्जी पाई गई. उसने जो संपत्ति गिरवी रखी थी वह किसी अन्य बैंक के पास पहले से गिरवी थी.
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आठ साल बाद बच्चे के सुराग से हुआ गिरफ्तार
शुरुआती छानबीन के बाद पुलिस टीम ने इस बाबत मामला दर्ज कर लिया. एसीपी वीरेंद्र सिंह सजवान की देखरेख में एसआई नीरज कुमार ने उसकी तलाश शुरू की. लेकिन वह अपने घर से फरार हो चुका था. 2012 से फरार चल रहे इस शख्स के बारे में किसी भी प्रकार की जानकारी नहीं मिल पा रही थी. इस बीच उन्हें पता चला कि 2019 में आरोपी पिता बना है. एमसीडी ऑफिस से पुलिस टीम ने बच्चे के जन्म प्रमाण पत्र की जानकारी जुटाई और उसके माध्यम से अस्पताल तक जा पहुंची. इसकी मदद से उसके ठिकाने का पता चल गया जिसके बाद भुवनेश खरबंदा को गिरफ्तार कर लिया गया.
तीन दिन के रिमांड पर लिया गया आरोपी
गिरफ्तार किया गया भुवनेश खरबंदा शालीमार बाग का रहने वाला है. वह दसवीं कक्षा तक पढ़ा है. उसका ससुर संजय भाटिया फर्जी दस्तावेजों पर बैंक से लोन लेकर जालसाजी करता था. वह भी उसके साथ मिलकर फर्जी दस्तावेजों पर बैंक से लोन लेने लगा. इसके लिए उसने कई फर्जी कंपनियां भी खोल रखी थी. पुलिस ने आरोपी को अदालत के समक्ष पेश कर 3 दिन के रिमांड पर लिया है. उससे पूरे घटनाक्रम को लेकर पूछताछ की जा रही है.