नई दिल्ली: कोरोना की भयावहता के बीच बड़ी चिंता गर्भवती महिलाओं की डिलीवरी को लेकर भी है. राजधानी दिल्ली के तमाम बड़े अस्पताल वर्तमान समय में कोरोना के इलाज से जुड़े हैं. ऐसे में इस समय गर्भवती महिलाओं की डिलीवरी को लेकर क्या कुछ तैयारियां और प्रोटोकॉल है, इसे लेकर ईटीवी भारत ने लोकनायक अस्पताल के मेडिकल डायरेक्टर डॉ. सुरेश कुमार से बातचीत की.
अब तक 190 सफल डिलीवरी
डॉ. सुरेश कुमार ने बताया कि डॉक्टर्स और गाइनैकॉलजिस्ट की तरफ से इसे लेकर प्रोटोकॉल बनाए गए हैं और सामान्य अस्पतालों में डिलीवरी हो रही है. लेकिन इस समय इसे लेकर घरवालों या अस्पताल को थोड़ी चिंता तब होती है, जब महिला गर्भवती हो. डॉ. सुरेश कुमार ने बताया कि ऐसे मामलों के लिए एलएनजेपी अस्पताल में तमाम व्यवस्था की गई है और यहां अब तक 190 गर्भवती महिलाओं की सफल डिलीवरी कराई जा चुकी है.
संक्रमित थीं सभी महिलाएं
यह पूरे भारत में किसी भी एक अस्पताल द्वारा कोरोना काल में कराई गई गर्भवती महिलाओं की डिलीवरी का सबसे बड़ा आंकड़ा है. आपको बता दें कि एलएनजेपी अस्पताल पूरी तरह से कोरोना अस्पताल है. यहां अभी सिर्फ कोरोना मरीज ही भर्ती होते हैं और ये सभी 190 गर्भवती महिलाएं भी कोरोना संक्रमित थीं. डॉ. सुरेश कुमार ने बताया कि इनमें से 81 महिलाओं की सिजेरियन डिलीवरी हुई, वहीं 109 की नॉर्मल.
केवल एक बच्चे में संक्रमण
कोरोना संक्रमित गर्भवती महिलाओं के मामले में सबसे बड़ी चिंता यह होती है कि मां से बच्चे में संक्रमण न फैले और इस मामले में भी एलएनजेपी सफल साबित हुआ है. डॉ. सुरेश कुमार का कहना था कि इनमें से सिर्फ एक मामले में बच्चे को मां से संक्रमण हुआ. हालांकि उसे भी बाद में संक्रमण मुक्त कर लिया गया. बाकी सभी 189 बच्चे जन्म लेते समय पूरी तरह से संक्रमण से दूर थे.
सोनीपत से भी आ रहे मरीज
ऐसे मामलों में एलएनजेपी अस्पताल की व्यवस्था और विशेषज्ञता को देखते हुए दिल्ली एनसीआर ही नहीं पड़ोसी राज्यों के अन्य अस्पताल भी संक्रमित गर्भवती महिलाओं के केस एलएनजेपी को ट्रांसफर कर रहे हैं. डॉ. सुरेश कुमार ने बताया कि गाजियाबाद, नोएडा, गुरुग्राम और सोनीपत तक के सरकारी और प्राइवेट अस्पताल भी कोरोना संक्रमित गर्भवती महिलाओं वाले केस एलएनजेपी में भेज रहे हैं.
डेडिकेटेड ओटी और विशेष नर्सरी
एलएनजेपी ने ऐसे मामलों को लेकर अस्पताल में खास व्यवस्था की है. डॉ. सुरेश कुमार ने बताया कि यहां संक्रमित गर्भवती महिलाओं को ध्यान में रखते हुए अलग से लेबर रूम बनाया गया है. सिजेरियन मामलों के मद्देनजर डेडिकेट ऑपरेशन थियेटर है. वहीं नवजात शिशु के लिए अलग से नर्सरी तैयार की गई है. यह पूरी व्यवस्था इस तरह है, ताकि बच्चे तक संक्रमण न पहुंचे.
रिकॉर्ड 1520 सफल डायलिसिस
संक्रमित गर्भवती महिलाओं के अलावा, एलएनजेपी अस्पताल में ऐसे कोरोना मरीजों का भी इलाज चल रहा है, जो अन्य गंभीर बीमारियों से पीड़ित हैं. डॉ. सुरेश कुमार ने बताया कि एलएनजेपी अब तक 1520 कोरोना मरीजों की सफल डायलिसिस कर चुका है. उनका कहना था कि एलएनजेपी के लिए यह एक रिकॉर्ड उपलब्धि है.
3560 मरीज ठीक होकर गए
संक्रमितों के इलाज का पूरा आंकड़ा बताते हुए डॉ. सुरेश कुमार ने कहा कि एलएनजेपी में अब तक 6785 कोरोना मरीज आए हैं, इनमें से अब तक 4791 मरीज डिस्चार्ज या ट्रांसफर किए जा चुके हैं. इनमें 3560 मरीज ऐसे थे, जो संक्रमण के साथ आए थे और उन्हें पूरी तरह से संक्रमण मुक्त करके घर भेजा गया है. डॉ. सुरेश कुमार ने बताया कि यह पूरे उत्तर भारत में किसी भी एक अस्पताल द्वारा ठीक करके भेजे गए कोरोना मरीजों की सबसे बड़ी संख्या है.