नई दिल्ली: शिक्षा प्रणाली में बड़े सुधार लाने के लिए महाराष्ट्र की शिक्षा टीम के साथ दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया की ऑनलाइन चर्चा आयोजित की गई. इस लाइव चर्चा के दौरान दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने दिल्ली की शिक्षा प्रणाली में बदलाव लाने के लिए अपनाए गए सभी विचारों और इसकी ओर उठाए गए कदम साझा किए. इसके अलावा उन्होंने महाराष्ट्र के शिक्षा अधिकारियों से अपने दृष्टिकोण भी साझा करने की बात कही. साथ ही उन्होंने कहा कि इस सत्र के पीछे का विचार दोनों टीमों के लिए अपने शिक्षा मॉडल और एक दूसरे के साथ जुड़े विचारों को साझा करने के लिए एक मंच खोलना है.
इन बातों पर की गई चर्चा
- छात्रों का मानसिक विकास
वहीं स्टेट काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (एससीईआरटी) महाराष्ट्र और लीडरशिप फॉर इक्विटी (एलईएफ) के जरिये आयोजित लाइव चर्चा में शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने अपने शिक्षा मॉडल के बारे में चर्चा की. इस दौरान उन्होंने कहा कि शिक्षा हमेशा दिल्ली सरकार के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता रही है. हमारा ध्यान हमेशा अपने सभी स्कूलों के लिए एक मानक बेंच मार्क सेट करने पर रहा है ना कि केवल चुनिंदा शीर्ष स्कूलों पर ध्यान केंद्रित करना. साथ ही उन्होंने कहा कि हम छात्रों को प्रशिक्षित कर सकते हैं और उन्हें कौशल अपनाने में मदद कर सकते हैं, लेकिन उनमें सही मानसिकता विकसित करना सबसे महत्वपूर्ण काम है.
- शिक्षा के गुणवत्ता पर जोर
वहीं एडवाइजर टू डायरेक्टर एजुकेशन शैलेंद्र शर्मा ने कहा कि अगर हम इसे समग्र दृष्टिकोण से देखें तो दिल्ली सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता हमेशा से शिक्षा ही रही है. कुल बजट का एक चौथाई हिस्सा शिक्षा के लिए आवंटित किया गया है. हमें सरकार के इरादे को समझने की जरूरत है. इसके अलावा उन्होंने पुस्तकालय बनाने, प्रयोगशाला में कक्षाओं में किए जा रहे सभी बदलाव, इंफ्रास्ट्रक्चर की बेहतरी आदि के बारे में भी चर्चा की और कहा कि दिल्ली सरकार के इस काम से अभिभावक और शिक्षकों का दिल्ली सरकार की शिक्षा प्रणाली के प्रति विश्वास कई गुना बढ़ गया है.
- अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शिक्षकों की ट्रेनिंग
साथ ही उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी उन्होंने शिक्षकों और प्रिंसिपल को प्रशिक्षित किया और उन्हें ट्रेनिंग के लिए भेजा जिसका मकसद अन्य देशों की नकल करना नहीं था बल्कि उनसे कुछ सीख ले कर अपने यहां और विकसित तरीके से काम करना था. उन्होंने कहा कि स्कूल प्रबंधन समिति को पुनर्जीवित कर उन्हें सभी चीजों में भागीदारी दी गई और 5 से 7 लाख का बजटीय आवंटन भी प्रदान किया गया, जिससे वह सुचारू रूप से कार्य कर सकें.
- मिशन बुनियाद और हैप्पीनेस करिकुलम
साथ ही मेगा पीटीएम आयोजित कर माता-पिता की व्यस्तता बढ़ाने पर भी काम किया गया है, जिससे अभिभावक और बच्चों के बीच का संबंध पहले से अधिक ठोस और मजबूत हो गया है. साथ ही उन्होंने मिशन बुनियाद और हैप्पीनेस करिकुलम के बारे में भी चर्चा की और कहा कि इस तरह के पाठ्यक्रमों से न केवल बच्चों की शिक्षा बेहतर हुई है बल्कि उनकी निजी जीवन में भी काफी सकारात्मक परिवर्तन आए हैं.
- मूल्यवर्धन कार्यक्रम की शुरुआत
वहीं महाराष्ट्र शिक्षा टीम द्वारा की गई एक अच्छी पहल पर प्रकाश डालते हुए विशाल सोलंकी ने कहा हमने मूल्यवर्धन कार्यक्रम के साथ शुरुआत की है, जो एक स्कूल आधारित मूल्य शिक्षा कार्यक्रम है जिसे हमने कुछ साल पहले शुरू किया था. हम इस कार्यक्रम के माध्यम से अपने बच्चों के मन में संवैधानिक मूल्यों को शामिल करते हैं.
बता दें कि एससीईआरटी महाराष्ट्र और इक्विटी फॉर लीडरशिप के माध्यम से आयोजित रिप्लाई सत्र में दिल्ली सरकार की ओर से एजुकेशन डायरेक्टर बिनय भूषण, एडवाइजर टू डायरेक्टर एजुकेशन शैलेंद्र शर्मा और दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया शामिल हुए, वहीं महाराष्ट्र की ओर से महाराष्ट्र राज्य की प्रमुख सचिव डॉ. वंदना कृष्णा स्कूल शिक्षा एवं खेल विभाग, जिला शिक्षा अधिकारी नासिक वैशाली वीर और लीडरशिप फॉर इक्विटी की सीईओ मधुकर बनुरी शामिल हुए थे.