नई दिल्ली: दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने सीएम अरविंद केजरीवाल को पत्र लिखकर जल संयंत्रों के रखरखाव पर नाराजगी जताई है. उन्होंने पत्र में लिखा है कि वजीराबाद स्थित जल शोधन संयंत्र की सफाई वर्षों से नहीं हुई है, जिससे लोगों के घरों में जो पानी की आपूर्ति हो रही है वह ठीक नहीं है. गर्मी के मौसम में पानी की किल्लत न हो इस बाबत सरकार समर एक्शन प्लान को लेकर कई बैठक कर कर चुकी है. लेकिन साफ पानी की आपूर्ति नहीं होगी तो लोगों को गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं. इसपर उपराज्यपाल ने मुख्यमंत्री का ध्यान आकर्षित किया है.
दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने वजीराबाद बैराज के पीछे जलाशय के तालाब की साफ-सफाई को लेकर दिल्ली जल बोर्ड की घोर निष्क्रियता के बारे में भी बात कही है जो वज़ीराबाद और चंद्रावल जल उपचार संयंत्रों को पानी की आपूर्ति करता है. उन्होंने कहा है कि, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में 9 लाख मिलियन गैलन से अधिक पानी बर्बाद हो गया, क्योंकि तालाब से गाद नहीं निकाली गई थी. अगर सफाई कर दी जाती तो इतना पानी बर्बाद नहीं होता. तालाब की सफाई न होने की वजह से पीने का पानी बर्बाद हो रहा है. उन्होंने कहा है कि 2013 से ही इस तलाब से गाद निकालने का अनुबंध भी है, इसके बावजूद भी काम नहीं हुआ. साथ ही इसकी वजह से आठ वर्षों में तालाब की गहराई 4.26 मीटर से कम होकर महज 0.42 मीटर रह गई है. इस तालाब की क्षमता करीब 250 एमजीडी पानी की है, लेकिन सफाई न होने से यह क्षमता 93 प्रतिशत तक कम हो गई है और तालाब अब महज 16 एमजीडी पानी ही रख पा रहा है.
एलजी ऑफिस से मिली जानकारी के अनुसार साल 2013 के अक्टूबर महीने से ही 7.79 लाख क्यूबिक मीटर गाद आठ महीने में निकालने का अनुबंध हुआ है. इसके बावजूद महज एक बार 5 लाख क्यूबिक मीटर और एक बार 1.15 लाख क्यूबिक मीटर गाद ही निकाली गई है. यह भी 2014 से 2018 के बीच में हुआ है. इसके बाद से यहां बिल्कुल काम नहीं हुआ है. इस अनुबंध को फरवरी-2022 में खत्म किया गया था.
उधर दिल्ली के जल मंत्री सौरभ भारद्वाज ने उपराज्यपाल से हरियाणा में अवैध रेत खनन को लेकर जल्द से जल्द संज्ञान लेने की अपील की है. जलमंत्री सौरभ भारद्वाज ने एलजी को अवगत कराया है कि हरियाणा में अवैध रेत खनन के चलते दिल्ली की ओर यमुना के पानी की आपूर्ति बाधित हो रही है और हरियाणा के औद्योगिक अपशिष्ट जल को दिल्ली की ओर छोड़ा जा रहा है. सौरभ भारद्वाज ने उपराज्यपाल को हरियाणा में इन अवैध रेत खनन वाले इलाकों में संयुक्त निरीक्षण करने के लिए आमंत्रित करते हुए कहा है कि, दिल्ली के लोग बेहद दुखी हैं. एलजी को या तो पानी की आपूर्ति के संवेदनशील मुद्दे तथ्यों की जानकारी नहीं है, या वह जानबूझकर घटिया राजनीति कर रहे हैं. यह हरियाणा सरकार की अक्षमता और निष्क्रियता का कारण है, जिससे दिल्ली के लोग परेशान हैं. उपराज्यपाल दिल्ली सरकार पर हरियाणा सरकार की गलती का ठीकरा फोड़ने की कोशिश कर रहे हैं.
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बता दें कि पिछले सप्ताह सौरभ भारद्वाज ने वजीराबाद जल शोधन संयंत्र के तालाबों में पानी के लगातार घटते स्तर को दिखाने के लिए मीडियाकर्मियों के साथ वजीराबाद संयंत्र का दौरा किया था. वजीराबाद और चंद्रावल डब्ल्यूटीपी से फुल प्रोडक्शन के लिए वजीराबाद पॉन्ड का स्तर 674.5 फीट होना चाहिए जो पिछले कुछ हफ्तों से 671.4 फीट पर पहुंच गया है, जिससे कि चंद्रावल और वजीराबाद में पानी के प्रोडक्शन पर काफी असर पड़ा है. चंद्रावल का उत्पादन अब 100 एमजीडी के सामान्य उत्पादन के मुकाबले 90 एमजीडी है जबकि वजीराबाद, 135 एमजीडी के सामान्य उत्पादन के मुकाबले 90 एमजीडी का उत्पादन कर रहा है, जिससे की पूरी दिल्ली में पानी की आपूर्ति प्रभावित हो रही है. उधर द्वारका, नांगलोई, हैदरपुर और ओखला जैसे डब्ल्यूटीपी के अन्य हिस्सों से रॉ वॉटर लिया जा रहा है. वर्तमान में वजीराबाद पॉन्ड में जो पानी जमा है, उसमें केवल हरियाणा के नालों से निकलने वाला औद्योगिक कचरा है.
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