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Delhi Mayor Election: 6 फरवरी को होगा मेयर का चुनाव, LG ने दी सत्र बुलाने की मंजूरी

दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने 6 फरवरी को दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) का सत्र बुलाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. इससे पहले दिल्ली सरकार ने उपराज्यपाल को तीन फरवरी, चार और छह फरवरी को सदन का सत्र बुलाने का सुझाव दिया था. बता दें, मेयर चुनाव का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुका है.

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Published : Feb 1, 2023, 5:32 PM IST

Updated : Feb 1, 2023, 6:21 PM IST

नई दिल्लीः दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने 6 फरवरी को दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) का सत्र बुलाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. इस सत्र में मेयर, डिप्टी मेयर और स्टैंडिंग कमिटी के 6 सदस्यों का चुनाव किया जाना है. दिल्ली नगर निगम ने 10 फरवरी को सदन बुलाने का प्रस्ताव सरकार को भेजा था, लेकिन सरकार ने देरी का हवाला देते हुए तीन नई तारीखों का प्रस्ताव भेजा था, जिसे मानते हुए उपराज्यपाल ने 6 फरवरी को इसकी मंजूरी दे दी. वहीं, डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने बीजेपी पर आरोप लगाया है कि एमसीडी में 'आप' का मेयर न बन पाए, इसके लिए वह साजिश कर रही है.

बता दें, दिल्ली सरकार ने एमसीडी के सत्र के लिए तीन तारीखों- तीन फरवरी, चार और छह फरवरी का सुझाव दिया था. इसमें एलजी ने 6 फरवरी की तारीख को स्वीकृति दे दी है. वहीं, आम आदमी पार्टी की मेयर पद की उम्मीदवार शैली ओबेरॉय ने समयबद्ध तरीके से मेयर का चुनाव कराने की मांग को लेकर गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है, जिसे कोर्ट ने सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर लिया है.

दो बार स्थगित हो चुका है चुनावः दिल्ली नगर निगम की बैठक हंगामे की वजह से दो बार स्थगित करनी पड़ी थी. पहली बैठक 6 जनवरी को बुलाई गई थी. इस बैठक में जमकर हंगामा हुआ था. आम आदमी पार्टी के पार्षदों ने सत्या शर्मा को पीठासीन अधिकारी बनाए जाने और मनोनीत निगम पार्षदों को सबसे पहले सपथ कराने का विरोध किया था, जिसके बाद बैठक हंगामें में तब्दील हो गया. हंगामे की वजह से कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी, इस कारण नवनिर्वाचित पार्षदों का शपथ भी नहीं हो पाया. आम आदमी पार्टी की तरफ से पीठासीन अधिकारी पर भाजपा के इशारे पर काम करने का आरोप लगाया.

इसके बाद 24 जनवरी को बैठक बुलाई गई. पीठासीन अधिकारी सत्या शर्मा ने एक बार फिर मनोनीत निगम पार्षदों को सबसे पहले शपथ के लिए बुलाया, जिसका आम आदमी पार्टी की तरफ से विरोध किया गया लेकिन शपथ ग्रहण समारोह चलता रहा और मनोनीत निगम पार्षदों और नवनिर्वाचित पार्षदों का शपथ ग्रहण संबंध हो गया. इसके बाद जब मेयर चुनाव के लिए तैयारी चल रही थी, इस बीच सदन में एक बार फिर हंगामा हो गया और पीठासीन अधिकारी ने सदन की कार्यवाही को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी.

ये भी पढ़ेंः List of World's Richest People: दुनिया के टॉप 10 अमीरों की सूची में अंबानी ने अडाणी को पछाड़ा

मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचाः एक बार फिर मेयर का चुनाव टलने से आम आदमी पार्टी ने भाजपा पर हमला और तेज कर दिया. आम आदमी पार्टी के पार्षद सदन में रात 8 बजे तक बैठे रहे और मेयर का चुनाव करने की मांग करने लगे. वहीं, दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी की तरफ से आरोप लगाया गया कि आम आदमी पार्टी के पार्षदों के हंगामे की वजह से कार्यवाही को स्थगित करना पड़ा. इन सबके बीच दिल्ली नगर निगम के चुनाव का मामला अदालत में भी पहुंच चुका है. आम आदमी पार्टी से मेयर पद की उम्मीदवार शैली ओबरॉय ने समयबद्ध तरीके से चुनाव कराने जाने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. सुप्रीम कोर्ट ने अर्जी को मंजूर करते हुए 3 फरवरी को सुनवाई की तारीख तय की है.

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नई दिल्लीः दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने 6 फरवरी को दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) का सत्र बुलाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. इस सत्र में मेयर, डिप्टी मेयर और स्टैंडिंग कमिटी के 6 सदस्यों का चुनाव किया जाना है. दिल्ली नगर निगम ने 10 फरवरी को सदन बुलाने का प्रस्ताव सरकार को भेजा था, लेकिन सरकार ने देरी का हवाला देते हुए तीन नई तारीखों का प्रस्ताव भेजा था, जिसे मानते हुए उपराज्यपाल ने 6 फरवरी को इसकी मंजूरी दे दी. वहीं, डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने बीजेपी पर आरोप लगाया है कि एमसीडी में 'आप' का मेयर न बन पाए, इसके लिए वह साजिश कर रही है.

बता दें, दिल्ली सरकार ने एमसीडी के सत्र के लिए तीन तारीखों- तीन फरवरी, चार और छह फरवरी का सुझाव दिया था. इसमें एलजी ने 6 फरवरी की तारीख को स्वीकृति दे दी है. वहीं, आम आदमी पार्टी की मेयर पद की उम्मीदवार शैली ओबेरॉय ने समयबद्ध तरीके से मेयर का चुनाव कराने की मांग को लेकर गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है, जिसे कोर्ट ने सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर लिया है.

दो बार स्थगित हो चुका है चुनावः दिल्ली नगर निगम की बैठक हंगामे की वजह से दो बार स्थगित करनी पड़ी थी. पहली बैठक 6 जनवरी को बुलाई गई थी. इस बैठक में जमकर हंगामा हुआ था. आम आदमी पार्टी के पार्षदों ने सत्या शर्मा को पीठासीन अधिकारी बनाए जाने और मनोनीत निगम पार्षदों को सबसे पहले सपथ कराने का विरोध किया था, जिसके बाद बैठक हंगामें में तब्दील हो गया. हंगामे की वजह से कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी, इस कारण नवनिर्वाचित पार्षदों का शपथ भी नहीं हो पाया. आम आदमी पार्टी की तरफ से पीठासीन अधिकारी पर भाजपा के इशारे पर काम करने का आरोप लगाया.

इसके बाद 24 जनवरी को बैठक बुलाई गई. पीठासीन अधिकारी सत्या शर्मा ने एक बार फिर मनोनीत निगम पार्षदों को सबसे पहले शपथ के लिए बुलाया, जिसका आम आदमी पार्टी की तरफ से विरोध किया गया लेकिन शपथ ग्रहण समारोह चलता रहा और मनोनीत निगम पार्षदों और नवनिर्वाचित पार्षदों का शपथ ग्रहण संबंध हो गया. इसके बाद जब मेयर चुनाव के लिए तैयारी चल रही थी, इस बीच सदन में एक बार फिर हंगामा हो गया और पीठासीन अधिकारी ने सदन की कार्यवाही को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी.

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मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचाः एक बार फिर मेयर का चुनाव टलने से आम आदमी पार्टी ने भाजपा पर हमला और तेज कर दिया. आम आदमी पार्टी के पार्षद सदन में रात 8 बजे तक बैठे रहे और मेयर का चुनाव करने की मांग करने लगे. वहीं, दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी की तरफ से आरोप लगाया गया कि आम आदमी पार्टी के पार्षदों के हंगामे की वजह से कार्यवाही को स्थगित करना पड़ा. इन सबके बीच दिल्ली नगर निगम के चुनाव का मामला अदालत में भी पहुंच चुका है. आम आदमी पार्टी से मेयर पद की उम्मीदवार शैली ओबरॉय ने समयबद्ध तरीके से चुनाव कराने जाने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. सुप्रीम कोर्ट ने अर्जी को मंजूर करते हुए 3 फरवरी को सुनवाई की तारीख तय की है.

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Last Updated : Feb 1, 2023, 6:21 PM IST
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