नई दिल्ली: दिल्ली के उपराज्यपाल और मुख्यमंत्री केजरीवाल के बीच तनातनी के चलते शुक्रवार शाम स्थगित साप्ताहिक मीटिंग के बाद आज शनिवार को भी इनकी मुलाकात नहीं हो पाई. अब एलजी और सीएम का आमना-सामना कब होगा इस पर सबकी नजरें टिकी हुई हैं. दरअसल, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को उपराज्यपाल की तरफ से लिखे गए पत्र का जवाब देते हुए उनसे गुजारिश की थी कि वह समय दें तो शनिवार दोपहर 1 बजे वे विधायकों के संग मीटिंग के लिए राज निवास पहुंच जाएंगे. मगर उपराज्यपाल कार्यालय के सूत्रों की मानें तो अगर मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री सिर्फ सार्थक बातचीत के लिए मिलना चाहते हैं तो मीटिंग संभव है.
दिल्ली विधानसभा सत्र के दौरान एलजी की ओर से शिक्षकों के ट्रेनिंग के लिए फिनलैंड भेजे जाने की अनुमति नहीं देने के विरोध में मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री व तमाम विधायक विधानसभा से लेकर राजनिवास तक मार्च करते हुए निकले थे और वे उपराज्यपाल से मिलना चाहते थे. तब भी उपराज्यपाल ने मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री को मिलने के लिए बुलाया, मगर मुख्यमंत्री ने कहा कि मिलेंगे तो सभी विधायक भी साथ में होंगे. लेकिन इस शर्त पर तब भी उपराज्यपाल कार्यालय से समय नहीं मिला था. शुक्रवार को दोबारा मुख्यमंत्री उसी शर्त यानी अपने साथ सभी विधायकों को लेकर वे उपराज्यपाल के साथ मुलाकात करना चाहते हैं. परिणाम यह है कि शनिवार दोपहर 1 बजे उपराज्यपाल से मिलने के लिए मुख्यमंत्री ने जो समय मांगा था वह नहीं मिल पाया.
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शुक्रवार को अरविंद केजरीवाल ने एलजी से मिली चिट्ठी का जवाब देते हुए बिल्कुल साहित्यिक अंदाज में लिखा कि, सूर्य अपना काम करे और चंदा अपना काम करे, तभी अच्छे लगते हैं. सीएम को अपना काम करने दीजिए और आप दिल्ली की कानून व्यवस्था ठीक कीजिए. आपका काम क़ानून व्यवस्था, पुलिस और डीडीए संभालना है. हमारा काम दिल्ली के अन्य सभी विषयों पर काम करना है. आप अपने काम छोड़कर रोज हमारे काम में दखल देंगे, तो व्यवस्था कैसे चलेगी?
अरविंद केजरीवाल को एलजी ने फिर एक चिट्ठी भेजी हैं एलजी की चिट्ठी का जवाब चिट्ठी से देते सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि आपका पत्र मिला. आपने लिखा है कि कुछ दिन पहले जब हम सब एमएलए आपसे मिलने आये थे, तो आप इसलिए नहीं मिल पाए क्योंकि हम बिन बताए अचानक आ गए. अगर दिल्ली के मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, सारी कैबिनेट और सारे विधायक यदि आपके द्वार पर खड़े थे तो जाहिर है कि राज्य से संबंधित बड़ी ही समस्या लेकर आये थे. आप चाहते तो पांच मिनट चाहे बाहर आकर ही हमसे मिल सकते थे, आप हमसे नहीं मिले, इससे पूरे प्रदेश में लोगों को बुरा लगा. दिल्ली के लोगों ने अपमानित महसूस किया कि दिल्ली के उपराज्यपाल ने 2 करोड़ लोगों के प्रतिनिधियों से मिलने से मना कर दिया.
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केजरीवाल ने संवैधानिक अधिकारों की याद दिलाते हुए लिखा है कि संविधान ने आपको तीन जिम्मेदारियों दी हैं दिल्ली की कानून व्यवस्था, दिल्ली पुलिस और डीडीए. आज पूरे देश में दिल्ली की कानून व्यवस्था सबसे ख़राब है. जब दुनिया दिल्ली को रेप कैपिटल कहती है तो हर दिल्लीवासी का सर शर्म से झुक जाता है. दिल्ली में लगातार अपराध बढ़ते जा रहे हैं.