नई दिल्ली: दिल्ली राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (डीएसएलएसए) ने सोमवार को दिल्ली हाई कोर्ट के एस ब्लॉक स्थित सभागार में विधिक सेवा सप्ताह का समापन समारोह आयोजित किया. इस दौरान हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश जस्टिस मनमोहन ने कहा कि शुरू से ही हमारे संविधान में सबको समानता का अधिकार दिया गया है. लेकिन, अभी तक यह जमीन पर दिखाई नहीं देता है. अभी लोगों को सामाजिक और आर्थिक न्याय मिलने में समय लग जाता है. जो धनवान व्यक्ति है उसे उतनी ही उच्च स्तर की कानूनी सहायता मिल जाती है. जबकि गरीब आदमी सामान्य कानूनी सहायता भी प्राप्त नहीं कर पाता है.
मुख्य न्यायाधीश ने कानूनी सेवाओं की जानकारी से संबंधित समर्पण ऐप लांच किया. इसके साथ ही कानूनी सेवा संस्थानों, मुफ्त कानूनी सहायता के अधिकार सहित मौलिक कानूनी प्रावधानों के बारे में जागरूकता और साक्षरता फैलाने के लिए कानूनी सेवा सूचना पुस्तिका का भी विमोचन किया.
समारह में नुक्कड़ नाटक के माध्यम से भी लोगों को अपने अधिकार और आर्टिकल 39 A के बारे में जागरूक किया गया. राष्ट्रीय कानूनी सेवा दिवस के उपलक्ष्य में आरोह: कानूनी सेवा के बढ़ते कदम नाम के नाम से इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस दौरान उत्कृष्ट कार्य करने वाले पैरा लीगल वालंटियर (पीएलवी) को भी हाई कोर्ट के न्यायाधीशों द्वारा सम्मानित किया गया.
एक नवंबर से सात नवंबर तक विधिक सेवा सप्ताह के दौरान डीएसएलएसए द्वारा घर-घर अभियान चलाए गए. लीगल एड ऑन व्हील्स कार्यक्रम ने उन लोगों के घरों तक कानूनी सेवाएं पहुंचाईं जिनके पास इन्हें प्राप्त करने के साधन नहीं हैं. आंकड़ों के अनुसार, एक सप्ताह में कुल 260 कार्यक्रम हुए, जिनमें लगभग 67,000 लोग शामिल हुए.