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मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामला: वकील एपी सिंह ने ब्रजेश ठाकुर की सजा को हाईकोर्ट में दी चुनौती - सुप्रीम कोर्ट

वकील एपी सिंह ने साकेत कोर्ट द्वारा मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले के एक दोषी को सुनाई गई सजा के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की.

Lawyer AP Singh
वकील एपी सिंह
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Published : Dec 29, 2020, 10:57 AM IST

नई दिल्ली: वकील एपी सिंह ने साकेत कोर्ट द्वारा मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले के एक दोषी ब्रजेश ठाकुर को सुनाई गई सजा के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की है. इस याचिका में कहा गया है कि साकेत कोर्ट ने राजनीतिक दबाव में न्याय नहीं किया है.

वकील एपी सिंह

वकील एपी सिंह की हाईकोर्ट से अपील

एपी सिंह ने कहा है कि मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले में साकेत कोर्ट ने जल्दबाजी में सुनवाई की है, इसलिए निर्दोष को भी दोषी ठहरा दिया गया. एपी सिंह की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि इस मामले मीडिया ट्रायल और राजनीतिक दबाव की वजह से ट्रायल कोर्ट ने साक्ष्यों को नजरअंदाज किया था. जिन अफसरों ने वेलफेयर के लिए शिकायत की उन्हें ही दोषी बना दिया गया.

कोर्ट ने चार्जशीट के तथ्यों को नजरअंदाज किया. एपी सिंह ने कहा कि मीडिया ट्रायल और राजनीतिक दबाव का मतलब ये नहीं है कि न्याय की अवधारणा ही खत्म हो जाए.

ब्रजेश ठाकुर को मौत तक उम्रकैद की सजा

इस मामले के मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर कर ट्रायल कोर्ट से मिली सजा को चुनौती दी है. इस मामले पर अगली सुनवाई 18 फरवरी को होनी है. ब्रजेश ठाकुर को दिल्ली की साकेत कोर्ट ने पिछले 11 फरवरी को मौत तक कैद की सजा का आदेश सुनाया था. जिसमें साकेत कोर्ट ने ब्रजेश ठाकुर पर 32 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया था.

ये भी पढ़ें:- निर्भया को याद कर बोलीं मां, काली रात की तरह है 16 दिसंबर की तारीख

तीन महिलाओं समेत 11 दोषियों को उम्रकैद

साकेत कोर्ट ने तीन महिलाओं समेत 11 दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई थी. कोर्ट ने चार महिलाओं समेत छह दोषियों को सात साल की कैद की सजा सुनाई थी. एक महिला को छह महीने की कैद की सजा सुनाई गई थी. हालांकि उसने छह महीने से ज्यादा दिनों तक जेल में काट लिए थे इसलिए कोर्ट ने उसे रिहा करने का आदेश दिया.

सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर बिहार से दिल्ली ट्रांसफर हुआ था केस

पहले इस मामले की सुनवाई बिहार की कोर्ट में चल रही थी. 7 फरवरी 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने इस केस की सुनवाई बिहार से दिल्ली की साकेत कोर्ट में ट्रांसफर किया था. सुप्रीम कोर्ट ने निर्दश दिया था कि इस मामले की सुनवाई 6 महीने में पूरी की जाए. उसके बाद साकेत कोर्ट ने 25 फरवरी 2019 से सुनवाई शुरु की थी.

नई दिल्ली: वकील एपी सिंह ने साकेत कोर्ट द्वारा मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले के एक दोषी ब्रजेश ठाकुर को सुनाई गई सजा के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की है. इस याचिका में कहा गया है कि साकेत कोर्ट ने राजनीतिक दबाव में न्याय नहीं किया है.

वकील एपी सिंह

वकील एपी सिंह की हाईकोर्ट से अपील

एपी सिंह ने कहा है कि मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले में साकेत कोर्ट ने जल्दबाजी में सुनवाई की है, इसलिए निर्दोष को भी दोषी ठहरा दिया गया. एपी सिंह की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि इस मामले मीडिया ट्रायल और राजनीतिक दबाव की वजह से ट्रायल कोर्ट ने साक्ष्यों को नजरअंदाज किया था. जिन अफसरों ने वेलफेयर के लिए शिकायत की उन्हें ही दोषी बना दिया गया.

कोर्ट ने चार्जशीट के तथ्यों को नजरअंदाज किया. एपी सिंह ने कहा कि मीडिया ट्रायल और राजनीतिक दबाव का मतलब ये नहीं है कि न्याय की अवधारणा ही खत्म हो जाए.

ब्रजेश ठाकुर को मौत तक उम्रकैद की सजा

इस मामले के मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर कर ट्रायल कोर्ट से मिली सजा को चुनौती दी है. इस मामले पर अगली सुनवाई 18 फरवरी को होनी है. ब्रजेश ठाकुर को दिल्ली की साकेत कोर्ट ने पिछले 11 फरवरी को मौत तक कैद की सजा का आदेश सुनाया था. जिसमें साकेत कोर्ट ने ब्रजेश ठाकुर पर 32 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया था.

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तीन महिलाओं समेत 11 दोषियों को उम्रकैद

साकेत कोर्ट ने तीन महिलाओं समेत 11 दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई थी. कोर्ट ने चार महिलाओं समेत छह दोषियों को सात साल की कैद की सजा सुनाई थी. एक महिला को छह महीने की कैद की सजा सुनाई गई थी. हालांकि उसने छह महीने से ज्यादा दिनों तक जेल में काट लिए थे इसलिए कोर्ट ने उसे रिहा करने का आदेश दिया.

सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर बिहार से दिल्ली ट्रांसफर हुआ था केस

पहले इस मामले की सुनवाई बिहार की कोर्ट में चल रही थी. 7 फरवरी 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने इस केस की सुनवाई बिहार से दिल्ली की साकेत कोर्ट में ट्रांसफर किया था. सुप्रीम कोर्ट ने निर्दश दिया था कि इस मामले की सुनवाई 6 महीने में पूरी की जाए. उसके बाद साकेत कोर्ट ने 25 फरवरी 2019 से सुनवाई शुरु की थी.

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