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जंतर-मंतर पर मजदूरों का हल्ला बोल, प्रवासी मजदूर नीति की मांग

मजदूर संगठन अपनी मांगों को लेकर दिल्ली के जंतर-मंतर पर सरकार के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन कर रहा है. बंधुआ मुक्ति मोर्चा की ओर से निर्मल अग्नि ने बताया कि प्रवासी मजदूर नीति लागू किए जाने की मांग कर रहे हैं. यह नीति हर एक राज्य में लागू की जानी चाहिए, जिससे कि दूसरे राज्यों से आए प्रवासी मजदूरों को उस राज्य में काम मिल सके.

Labourers protest against government at Jantar Mantar in Delhi
मजदूरों का हल्ला बोल
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Published : Mar 18, 2021, 7:13 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली के जंतर-मंतर पर अलग-अलग राज्यों से तमाम मजदूर संगठन अपनी मांगों को लेकर एकत्रित हुए. लॉकडाउन के 1 साल होने वाले हैं और मजदूरों की हालत जैसे की तैसी ही बनी हुई है, लोग डाउन खत्म होने के बाद धीरे-धीरे सभी सेक्टर में बदलाव देखने को मिला, काम धंधा पटरी पर भी लौटते हुए दिखा. लेकिन मजदूरों के हालात अभी भी वही बने हुए हैं, कई मजदूरों के पास काम नहीं है, तो कई मजदूरों को मालिकों ने पैसा ही नहीं दिया है.

मजदूरों का हल्ला बोल
बंधुआ मुक्ति मोर्चा की ओर से निर्मल अग्नि ने बताया कि आज हम जंतर मंतर पर प्रवासी मजदूर नीति लागू किए जाने की मांग कर रहे हैं, यह नीति हर एक राज्य में लागू की जानी चाहिए. जिससे कि दूसरे राज्यों से आए प्रवासी मजदूरों को उस राज्य में काम मिल सके.

ये भी पढ़ें:-जंतर मंतर पर एकजुट हुए अभिभावक, स्कूलों की मनमानी के खिलाफ प्रदर्शन किया

उन्हें न्यूनतम मजदूरी के साथ रहने के लिए घर और सुरक्षा भी मुहैया कराई जाए, क्योंकि लॉकडाउन के दौरान जो तस्वीर हमने देखी वह बहुत भयावह थी और खबरें यह भी आ रही हैं कि दोबारा से कुछ राज्यों में लॉकडाउन लगाया जा सकता है. ऐसा होता है, तो सबसे ज्यादा प्रभावित प्रवासी मजदूर होंगे. वहीं राजधानी दिल्ली एक ऐसी जगह है, जहां पर ना केवल दिल्ली के बल्कि तमाम राज्यों से प्रवासी मजदूर आ कर रहते हैं और यहां अपना रोजगार कमाते हैं.

ये भी पढ़ें:-दिल्ली की जनता के अधिकारों के लिए संघर्ष जारी रहेगा: केजरीवाल



निर्मल अग्नि ने कहा कि छत्तीसगढ़ और तेलंगाना की सरकार ने प्रवासी मजदूर नीति को लेकर ड्राफ्ट भी तैयार किया है, लेकिन अन्य राज्यों में इसको लेकर कोई पहल नहीं की गई है. दिल्ली सरकार से हम कई बार अपील कर चुके हैं, मिलने के लिए समय भी मांगा है. हम केंद्र सरकार से भी अपील करते हैं कि प्रवासी मजदूर नीति को लेकर कदम उठाए जाएं और इसे जल्द से जल्द राज्यों में लागू करवाया जाए.

ये भी पढ़ें:-सरकार की नीतियों के खिलाफ जंतर मंतर पर टैक्सी चालकों का प्रदर्शन


साफ सफाई करने वाले मजदूर के मालिक ने बताया कि उनके परिवार में 4 लोग हैं और पिछले करीब 2 साल से काम धंधा बंद है. लॉकडाउन के दौरान उन्हें कोई काम नहीं मिला और अब जैसे-तैसे गुजारा कर रहे हैं. अन्य मजदूर ने कहा कि 8 जनवरी को उनका काम छूट गया था और उसके बाद उन्हें कोई काम नहीं मिला और जहां वह पहले काम करते थे. वहां के मालिक ने उन्हें पैसे नहीं दिए. ऐसे में लॉकडाउन के दौरान काफी परेशानियों से गुजरना पड़ा. अब वापस अपने गांव से आए हैं, लेकिन अब भी कोई काम नहीं मिल रहा है.

नई दिल्ली: दिल्ली के जंतर-मंतर पर अलग-अलग राज्यों से तमाम मजदूर संगठन अपनी मांगों को लेकर एकत्रित हुए. लॉकडाउन के 1 साल होने वाले हैं और मजदूरों की हालत जैसे की तैसी ही बनी हुई है, लोग डाउन खत्म होने के बाद धीरे-धीरे सभी सेक्टर में बदलाव देखने को मिला, काम धंधा पटरी पर भी लौटते हुए दिखा. लेकिन मजदूरों के हालात अभी भी वही बने हुए हैं, कई मजदूरों के पास काम नहीं है, तो कई मजदूरों को मालिकों ने पैसा ही नहीं दिया है.

मजदूरों का हल्ला बोल
बंधुआ मुक्ति मोर्चा की ओर से निर्मल अग्नि ने बताया कि आज हम जंतर मंतर पर प्रवासी मजदूर नीति लागू किए जाने की मांग कर रहे हैं, यह नीति हर एक राज्य में लागू की जानी चाहिए. जिससे कि दूसरे राज्यों से आए प्रवासी मजदूरों को उस राज्य में काम मिल सके.

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उन्हें न्यूनतम मजदूरी के साथ रहने के लिए घर और सुरक्षा भी मुहैया कराई जाए, क्योंकि लॉकडाउन के दौरान जो तस्वीर हमने देखी वह बहुत भयावह थी और खबरें यह भी आ रही हैं कि दोबारा से कुछ राज्यों में लॉकडाउन लगाया जा सकता है. ऐसा होता है, तो सबसे ज्यादा प्रभावित प्रवासी मजदूर होंगे. वहीं राजधानी दिल्ली एक ऐसी जगह है, जहां पर ना केवल दिल्ली के बल्कि तमाम राज्यों से प्रवासी मजदूर आ कर रहते हैं और यहां अपना रोजगार कमाते हैं.

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निर्मल अग्नि ने कहा कि छत्तीसगढ़ और तेलंगाना की सरकार ने प्रवासी मजदूर नीति को लेकर ड्राफ्ट भी तैयार किया है, लेकिन अन्य राज्यों में इसको लेकर कोई पहल नहीं की गई है. दिल्ली सरकार से हम कई बार अपील कर चुके हैं, मिलने के लिए समय भी मांगा है. हम केंद्र सरकार से भी अपील करते हैं कि प्रवासी मजदूर नीति को लेकर कदम उठाए जाएं और इसे जल्द से जल्द राज्यों में लागू करवाया जाए.

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साफ सफाई करने वाले मजदूर के मालिक ने बताया कि उनके परिवार में 4 लोग हैं और पिछले करीब 2 साल से काम धंधा बंद है. लॉकडाउन के दौरान उन्हें कोई काम नहीं मिला और अब जैसे-तैसे गुजारा कर रहे हैं. अन्य मजदूर ने कहा कि 8 जनवरी को उनका काम छूट गया था और उसके बाद उन्हें कोई काम नहीं मिला और जहां वह पहले काम करते थे. वहां के मालिक ने उन्हें पैसे नहीं दिए. ऐसे में लॉकडाउन के दौरान काफी परेशानियों से गुजरना पड़ा. अब वापस अपने गांव से आए हैं, लेकिन अब भी कोई काम नहीं मिल रहा है.

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