नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली के लोग इन दिनों साइबर फ्रॉड के शिकार हो रहे हैं. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इस साल दिल्ली में साइबर फ्रॉड के मामलों में बढ़ोतरी हुई है, जो चिंता का विषय है. साइबर एक्सपर्ट एडवोकेट पवन दुग्गल के मुताबिक, साइबर क्राइम के मामलों में कई चीजे निकलकर सामने आती है. इनमें ई-मेल टेकओवर, डेबिट-क्रेडिट कार्ड का फ्रॉड, ई-वॉलेट, UPI और इंटरनेट बैंकिंग के फ्रॉड से जुड़े मामले आते हैं.
दिल्ली पुलिस का दावा है कि वह इस तरह के मामलों को रोकने के लिए लगातार कई अभियान चला रही है, ताकि लोगों को जागरुक किया जा सके. हालांकि, इनका असर जमीन स्तर पर क्या है यह एक सवाल है. साइबर क्राइम, साइबर लॉ और साइबर सुरक्षा को लेकर अपनी खास बातचीत में पवन दुग्गल ने क्या कहा आइये जानते हैं...
सवाल: साइबर क्राइम का शिकार होने से कैसे बचें?
जवाब: साइबर क्राइम से बचने के लिए जितनी जल्दी हो ठोस कदम उठाएं. ऐसे किसी भी लिंक को न खोलें जिनका सोर्स अज्ञात हो. मजबूत पासवर्ड का प्रयोग करें और उन्हें समय-समय पर बदलते रहें. अपनी जानकारी को साझा करना है तो नीड टू नो का तरीका अपनाएं. कोई आपको वास्तव में जितना जानना चाहता है उससे कम बताएं.
सवाल: डीपफेक वीडियो क्या होता है इससे कैसे बचाव करें?
जवाब: अगर आपको लगता है कि आपका कोई डीप फेक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है तो आप राष्ट्रीय साइबर क्राइम हेल्पलाइन 1930 पर कॉल कर रिपोर्ट दर्ज करा सकते हैं. www.cybercrime.gov.in पर जाकर रिपोर्ट करिए. इसके अलावा जिस प्लेटफार्म पर आपका डीप फेक वीडियो उपलब्ध है उस सर्विस प्रोवाइडर को लिखित में शिकायत करिए. सरकार कहती है कि शिकायत के 24 घंटे के अंदर उस सर्विस प्रोवाइडर को आपका वह डीप फेक वीडियो वहां से निकालना होगा.
सवाल: AI के गलत इस्तेमाल को कैसे रोकें, कानूनी तौर पर क्या है हल?
जवाब: AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) हम सब की जिंदगी का हिस्सा बनता जा रहा है और बनेगा. AI एक सुपर तकनीक है, इस तकनीक का गलत प्रयोग घातक है. AI से जुड़े अपराधों को रेगुलेट करने के लिए कानून के दायरे में लाने के भारत में कानूनी व्यवस्था नहीं है. यदि आप या आपके परिवार का कोई सदस्य AI के गलत इस्तेमाल का शिकार होता है तो उसे साइबर क्राइम पोर्टल www.cybercrime.gov.in पर रिपोर्ट दर्ज करानी है. डीप फेक वीडियो या ऑडियो कहां पर किस प्लेटफॉर्म पर है, उस प्लेटफॉर्म के सर्विस प्रोवाइडर को आपको लिखना होगा कि आप इस कॉन्टेंट को हटाएं.
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सवाल: डेबिट-क्रेडिट कार्ड द्वारा फ्रॉड से कैसे बचें?
जवाब: कार्ड ट्रैपिंग और कैश ट्रैपिंग कर एटीएम धोखाधड़ी की जा सकती है. फ्रॉड कार्ड स्किमिंग में एटीएम पर एक उपकरण लगा देते हैं. जब कोई पिन दर्ज करता है तब उसके कार्ड की जानकारी उपकरण संग्रहित कर लेता है. जिससे आप फ्रॉड के शिकार हो सकते हैं. ऐसे में एटीएम मशीन इस्तेमाल करते वक्त ज्यादा सावधान रहे.
वहीं, RBI ने 2017 में एक नोटिफिकेशन जारी किया था. इसमें स्पष्ट तौर पर कहा गया है कि फ्रॉड होने पर बैंक में 72 घंटे के अंदर लिखित शिकायत दें. ऐसा करने पर बैंक आपका पूरा पैसा वापस करेगा. नहीं करने पर बैंक के खिलाफ साइबर क्राइम का FIR दर्ज हो सकता है.