ETV Bharat / state

महिलाओं को मौका मिलेगा तो इकॉनमी बढ़ेगी, 'फ्री मेट्रो फॉर वुमेन' योजना का होगा फायदा- केजरीवाल

सीएम ने कहा कि, आप महिलाओं को अपने से अलग क्यों देख रहे हैं. घर की कोई ना कोई महिला मेट्रो में सफर करती है तो इससे हर घर का मेट्रो का किराया आधा हो जाएगा और ये बचत उस आदमी की ही होगी.

अरविंद केजरीवाल
author img

By

Published : Jun 13, 2019, 10:52 AM IST

Updated : Jun 13, 2019, 1:19 PM IST

नई दिल्ली: मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने राजधानी की महिलाओं के लिए मेट्रो और बसों में मुफ्त सवारी की योजना का ऐलान किया. इसे पूरी तरह से विधानसभा चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है. हालांकि केजरीवाल सरकार इससे साफ इंकार करती रही है.

'आंकड़े असमानता बयां करते हैं'
इस योजना को लेकर मेट्रो द्वारा भेजे गए प्रस्ताव से उत्साहित अरविंद केजरीवाल ने इस चर्चा पर विराम लगाने की कोशिश की. केजरीवाल ने एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि जेंडर इक्वालिटी को किताब से इतर धरातल पर उतारने के लिए ये योजना लाई गई है. उन्होंने कहा कि महिला-पुरूष के बीच के जो आंकड़े हैं वो ठीक नहीं हैं.

Women
महिलाएं

केजरीवाल ने कहा कि देश भर में कामकाजी महिलाओं का आकंड़ा 24 फीसद है तो वहीं दिल्ली में सिर्फ 11 फीसद महिलाएं कामकाजी हैं. दिल्ली सरकार की इस योजना से कामकाजी महिलाओं की संख्या बढ़ेगी.

'फ्री मेट्रो से घरों में बचत होगी'
केजरीवाल कहते हैं कि अगर कोई ये सवाल उठाता है कि सिर्फ महिलाओं को मुफ्त सवारी क्यों, पुरुषों को क्यों नहीं? इस योजना का विरोध करने वालों की तरफ इशारा करते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि जो आदमी इसका विरोध करते हैं, उनसे मैं कहना चाहता हूं कि जो भी महिलाएं हैं, वो या तो आपकी बेटी हैं, आपकी मां हैं, आपकी बहन हैं या आपकी बीवी हैं.

सीएम ने कहा कि, आप उन्हें अपने से अलग क्यों देख रहे हैं. घर की कोई ना कोई महिला मेट्रो में सफर करती है तो इससे हर घर का मेट्रो का किराया आधा हो जाएगा और ये बचत उस आदमी की ही होगी.

केजरीवाल ने प्रेस कांफ्रेंस को किया संबोधित

जेंडर इंक्वलिटी पर उठाए सवाल
केजरीवाल ने जेंडर इक्वलिटी को लेकर भी कहा कि जो लोग कह रहे हैं महिलाओं की फ्री राइड जेंडर इक्वलिटी के खिलाफ है, उनसे पूछना चाहता हूं कि हमारे देश में जेंडर इक्वलिटी है क्या? आज देश की स्थिति है कि पैदा होने से पहले पता चल जाए कि लड़की है तो उसका अबॉर्शन करा देते हैं.

आज अगर किसी परिवार के अंदर एक बेटा और एक बेटी है और एक को ही पढ़ाने के पैसे हैं, तो बेटे को पढ़ाते हैं बेटी को नहीं. मेट्रो में 70 फीसद आदमी है और 30 फीसद महिलाएं करती हैं. इसी से झलकता है कि जेंडर इक्वलिटी कितनी है.

'महिलाओं के लिए जरूरी योजना'
केजरीवाल ने कहा कि जब महिलाओं को मौके मिलेंगे तो वो बाहर निकलेंगी. परिवार की आमदनी बढ़ेगी. डिमांड बढ़ेगी और इकोनॉमी भी बढ़ेगी. दिल्ली सरकार द्वारा मेट्रो और डीटीसी बसों में महिलाओं की मुक्त सवारी को उन्होंने इसी दिशा में एक बड़ा कदम बताया है.

नई दिल्ली: मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने राजधानी की महिलाओं के लिए मेट्रो और बसों में मुफ्त सवारी की योजना का ऐलान किया. इसे पूरी तरह से विधानसभा चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है. हालांकि केजरीवाल सरकार इससे साफ इंकार करती रही है.

'आंकड़े असमानता बयां करते हैं'
इस योजना को लेकर मेट्रो द्वारा भेजे गए प्रस्ताव से उत्साहित अरविंद केजरीवाल ने इस चर्चा पर विराम लगाने की कोशिश की. केजरीवाल ने एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि जेंडर इक्वालिटी को किताब से इतर धरातल पर उतारने के लिए ये योजना लाई गई है. उन्होंने कहा कि महिला-पुरूष के बीच के जो आंकड़े हैं वो ठीक नहीं हैं.

Women
महिलाएं

केजरीवाल ने कहा कि देश भर में कामकाजी महिलाओं का आकंड़ा 24 फीसद है तो वहीं दिल्ली में सिर्फ 11 फीसद महिलाएं कामकाजी हैं. दिल्ली सरकार की इस योजना से कामकाजी महिलाओं की संख्या बढ़ेगी.

'फ्री मेट्रो से घरों में बचत होगी'
केजरीवाल कहते हैं कि अगर कोई ये सवाल उठाता है कि सिर्फ महिलाओं को मुफ्त सवारी क्यों, पुरुषों को क्यों नहीं? इस योजना का विरोध करने वालों की तरफ इशारा करते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि जो आदमी इसका विरोध करते हैं, उनसे मैं कहना चाहता हूं कि जो भी महिलाएं हैं, वो या तो आपकी बेटी हैं, आपकी मां हैं, आपकी बहन हैं या आपकी बीवी हैं.

सीएम ने कहा कि, आप उन्हें अपने से अलग क्यों देख रहे हैं. घर की कोई ना कोई महिला मेट्रो में सफर करती है तो इससे हर घर का मेट्रो का किराया आधा हो जाएगा और ये बचत उस आदमी की ही होगी.

केजरीवाल ने प्रेस कांफ्रेंस को किया संबोधित

जेंडर इंक्वलिटी पर उठाए सवाल
केजरीवाल ने जेंडर इक्वलिटी को लेकर भी कहा कि जो लोग कह रहे हैं महिलाओं की फ्री राइड जेंडर इक्वलिटी के खिलाफ है, उनसे पूछना चाहता हूं कि हमारे देश में जेंडर इक्वलिटी है क्या? आज देश की स्थिति है कि पैदा होने से पहले पता चल जाए कि लड़की है तो उसका अबॉर्शन करा देते हैं.

आज अगर किसी परिवार के अंदर एक बेटा और एक बेटी है और एक को ही पढ़ाने के पैसे हैं, तो बेटे को पढ़ाते हैं बेटी को नहीं. मेट्रो में 70 फीसद आदमी है और 30 फीसद महिलाएं करती हैं. इसी से झलकता है कि जेंडर इक्वलिटी कितनी है.

'महिलाओं के लिए जरूरी योजना'
केजरीवाल ने कहा कि जब महिलाओं को मौके मिलेंगे तो वो बाहर निकलेंगी. परिवार की आमदनी बढ़ेगी. डिमांड बढ़ेगी और इकोनॉमी भी बढ़ेगी. दिल्ली सरकार द्वारा मेट्रो और डीटीसी बसों में महिलाओं की मुक्त सवारी को उन्होंने इसी दिशा में एक बड़ा कदम बताया है.

Intro:नई दिल्ली. लोकसभा चुनाव में भाजपा की जीत का बड़ा कारण मोदी सरकार द्वारा अपने पहले कार्यकाल में महिलाओं के लिए खास तौर से उज्जवला योजना जिसमें उन्हें मुफ्त गैस कनेक्शन दिए गए, इसके अलावा घर में शौचालय बनाने की पहल प्रधानमंत्री के आह्वान पर किया गया, इसको बड़े योगदान के तौर पर देखा गया. देश की आधी आबादी का अच्छा खासा वोट भाजपा को मिला.

कुछ इसी तर्ज़ पर अब दिल्ली की सत्ता में काबिज आम आदमी पार्टी सरकार विधानसभा चुनाव में करने जा रही है. लोकसभा चुनाव के लिए लागू आचार संहिता खत्म होने के तुरंत बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने राजधानी की महिलाओं के लिए मेट्रो व बसों में मुफ्त सवारी की योजना का ऐलान किया. इसे विशुद्ध रूप से विधानसभा चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है.


Body:केजरीवाल सरकार का मानना है की दिल्ली की महिलाओं का हित साध लें, तो आगामी विधानसभा चुनाव में उनकी जीत भी सुनिश्चित होगी. तभी आनन-फानन में उन्होंने मेट्रो और डीटीसी की बसों में महिलाओं के लिए मुफ्त सवारी की योजना को लागू करने को लेकर उत्साहित हैं.


इस योजना को लेकर मेट्रो द्वारा भेजे गए प्रस्ताव से उत्साहित मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस चर्चा पर भी विराम लगाने की कोशिश की कि सिर्फ महिलाओं के लिए सरकार इसलिए सोच रही है ताकि वें घर से बाहर निकले. जेंडर इक्वलिटी की जो बातें होती है, पुरुषों के बराबर महिलाओं के कंधे से कंधे मिलाकर काम करने की जो किताबी बातें हैं, वह हकीकत में दिल्ली में लागू हो. क्योंकि अभी जो आंकड़े हैं वह ठीक नहीं है. देशभर में कामकाजी महिलाओं का आकंड़ा 24 फीसद है तो वहीं दिल्ली में सिर्फ 11 फीसद महिलाएं कामकाजी हैं. दिल्ली सरकार की इस योजना से कामकाजी महिलाओं की संख्या बढ़ेगी.


केजरीवाल कहते हैं कि अगर कोई यह सवाल उठाता है कि सिर्फ महिलाओं को मुफ्त सवारी क्यों? पुरुषों को क्यों नहीं? तो इस योजना का विरोध करने वालों की तरफ इशारा करते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि जो आदमी इसका विरोध करते हैं करते हुए कह रहे हैं कि आदमियों को क्यों नहीं? उनसे "मैं कहना चाहता हूं कि जो भी महिलाएं हैं, वह या तो आपकी बेटी हैं, या आपकी मां है, आपकी बहन है या आपकी बीवी है. आप उन्हें अपने से अलग क्यों देख रहे हैं. घर की कोई ना कोई महिला मेट्रो में सफर करती है तो इससे हर घर का मेट्रो का किराया आधा हो जाएगा और यह बचत उस आदमी की ही होगी."

जेंडर इक्वलिटी पर उठाए सवाल

केजरीवाल ने जेंडर इक्वलिटी को लेकर भी कहा कि जो लोग कह रहे हैं महिलाओं की फ्री राइड जेंडर इक्वलिटी के खिलाफ है, उनसे पूछना चाहता हूं कि हमारे देश में जेंडर इक्वलिटी है क्या? आज देश की स्थिति है कि पैदा होने से पहले पता चल जाए कि लड़की है तो उसका ओबर्शन करा देते हैं. आज अगर किसी परिवार के अंदर एक बेटा और एक बेटी है और एक को ही पढ़ाने के पैसे हैं, तो बेटे को पढ़ाते हैं बेटी को नहीं. मेट्रो में 70 फीसद आदमी है और 30 महिलाएं करती हैं. इसी से झलकता है कि जेंडर इक्वलिटी कितनी है. जब महिलाओं को मौके मिलेंगे तो वह बाहर निकलेंगी. परिवार की आमदनी बढ़ेगी. डिमांड बढ़ेगी और इकोनॉमी भी तब बढ़ेगी. दिल्ली सरकार द्वारा मेट्रो और डीटीसी बसों में महिलाओं की मुक्त सवारी को उन्होंने इसी दिशा में एक बड़ा कदम बताया है.


Conclusion:बता दें कि दिल्ली की सत्ता में बिजली बिल हाफ पानी बिल माफ का नारा देकर आई दिल्ली सरकार आम आदमी पार्टी सरकार अब 6 महीने बाद दिल्ली में होने वाले विधानसभा चुनाव में महिलाओं के लिए मुफ्त सवारी योजना को तुरूप का पत्ता मानकर चल रही है. मेट्रो ने जो प्रस्ताव दिल्ली सरकार को भेजा है उसे लागू करने में 8 महीने का समय लागू होने की बात कही है तो केजरीवाल ने साफ कहा कि इसे कम से कम किया जाए.

समाप्त, आशुतोष झा
Last Updated : Jun 13, 2019, 1:19 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.