नई दिल्ली: दिल्ली सरकार महिलाओं की तरह दिल्ली में पंजीकृत लाखों निर्माण श्रमिकों को भी डीटीसी की बसों में फ्री सफर का तोहफा दे सकती है. इस संबंध में सीएम अरविंद केजरीवाल ने श्रम विभाग को डीटीसी से बात कर इसकी संभावना तलाशने का निर्देश दिया है. अगर यह संभव होता है, तो दिल्ली सरकार बस पास के बदले डीटीसी को एक तय शुल्क का भुगतान करेगी, ताकि उसको आर्थिक नुकसान न हो. इसके अलावा वकीलों की तरह निर्माण श्रमिकों को भी ग्रुप लाइफ इंश्योरेंस की सुविधा मिल सकती है. मुख्यमंत्री ने विभाग को इसका आंकलन करने को कहा है. बुधवार को श्रम विभाग की विभिन्न योजनाओं की उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक के दौरान सीएम अरविंद केजरीवाल ने ये दिशा निर्देश दिए.
समीक्षा बैठक पर सीएम ने की चर्चा: समीक्षा बैठक में सीएम अरविंद केजरीवाल ने श्रम विभाग की चल रही विभिन्न योजनाओं और उनकी मौजूदा स्थिति पर विस्तार पूर्वक चर्चा की. इस दौरान उन्होंने विभाग द्वारा एकत्र किए जाने वाले टैक्स और संसाधनों के इस्तेमाल का ब्यौरा लिया और कुछ मुद्दों की पहचान कर उसका समधान करने का निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा एकत्र किए गए टैक्स के पैसे का सकारात्मक और प्रभावी उपयोग किया जाए.
23.5 लाख श्रमिक केंद्र के ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकृत हैं: सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि करीब 23.5 लाख श्रमिक केंद्र के ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकृत हैं, लेकिन उन्हें वहां कोई लाभ नहीं मिलता है. हमने अपने श्रमिकों के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं, लेकिन कई लोग इसका लाभ लेने के लिए आगे नहीं आते हैं. हमें श्रमिकों को अपनी योजनाओं के तहत पंजीकृत कराने का प्रयास तेज करने की आवश्यकता है, ताकि उन्हें अधिक से अधिक लाभ मिल सके.
मुफ्त बस पास देने के संबंध में संभावना तलाशे: सीएम अरविंद केजरीवाल ने अधिकारियों को हर एक श्रमिक को मुफ्त बस पास उपलब्ध कराने की संभावना तलाशने का निर्देश दिया है. उन्होंने अधिकारियों से डीटीसी के साथ बात करने के लिए कहा कि क्या सरकार श्रमिकों की ओर से बसों के पास के लिए कुछ शुल्क का भुगतान कर सकती है, जिससे वे बसों में मुफ्त यात्रा कर सकें. ऐसा करने से डीटीसी राजस्व भी अर्जित करेगा और श्रमिकों को मुफ्त बस पास भी मिल सकेगा.
शिक्षा पर भी हुई समीक्षा: दिल्ली सरकार विभिन्न योजनाओं के जरिए निर्माण श्रमिकों के बच्चों को छात्रवृत्ति और अन्य मदद करती है. मुख्यमंत्री ने विभाग को जय भीम मुख्यमंत्री प्रतिभा विकास योजना की तर्ज पर इस योजना पर काम करने का निर्देश दिया, जहां निर्माण श्रमिकों के बच्चे मुफ्त कोचिंग का लाभ उठा सकते हैं. उन्होंने विभाग से पाठ्यक्रम आधारित छात्रवृत्ति की अधिकतम सीमा हटाने को भी कहा. उन्होंने कहा कि इस निर्धारित सहायता के बजाय विभाग को छात्रों को राहत देने के लिए वास्तविक जरूरत के अनुसार भुगतान करना चाहिए.
सीएम को नई पहल से अवगत कराया गया: विभाग के अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को विभाग की नई पहलों से भी अवगत कराया, जिसमें डॉक्टर्स ऑन व्हील्स (निर्माण स्थलों पर मुफ्त चिकित्सा जांच), कौशल विकास, कौशल प्रशिक्षण के बाद टूलकिट वितरण और निर्माण स्थलों पर क्रैच की सुविधाएं शामिल हैं. इस दौरान सीएम अरविंद केजरीवाल ने विभाग के काम की सराहना भी की.
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