नई दिल्ली: दिल्ली सरकार के मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण रोकथाम को लेकर बृहस्पतिवार को सचिवालय में बैठक की. इसके बाद निर्णय लिया गया कि दिल्ली के सभी मंत्री ग्राउंड जीरो पर उतरकर प्रदूषण की रोकथाम के लिए काम करेंगे. विभिन्न मंत्रियों की अलग-अलग जिलों में ड्यूटी रहेगी. पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने इसकी जानकारी दी.
पर्यावरण मंत्री ने कहा कि पिछले 10 दिन से उत्तर भारत में हवा की गति धीमी है. इससे प्रदूषण आगे नहीं निकल पा रहा है. सीएक्यूएम की तरफ से ग्रैप 4 लागू है, जिसके तहत बीएस 3 पेट्रोल बीएस 4 डीजल वाहनों पर प्रतिबंध है. दिल्ली के अंदर सभी तरह के सरकारी व गैर सरकारी निर्माण पर रोक है. बावजूद इसके नियमों का सख्ती के साथ पालन नहीं हो रहा है. इसको लेकर आज मंत्रियों के साथ बैठक की गई. बैठक में सभी विभागों को कैसे सक्रिय किया जाए इसपर बात की गई.
प्रशासनिक लापरवाही पर मंत्रिमंडल ने जाहिर की नाराजगी: प्रशासनिक लापरवाही पर मंत्रिमंडल ने नाराजगी भी जाहिर की. सभी मंत्री मिलकर ग्राउंड जीरो पर उतरकर निरीक्षण करेंगे. सभी मंत्री अपने-अपने निर्धारित क्षेत्र में निरीक्षण कर नियमों को सख्ती से लागू कराएंगे. गाजीपुर, सिंधु बॉर्डर, सीमापुरी समेत अन्य बॉर्डर पर विशेष ध्यान दिया जाएगा. बाहर से आने वाली बसों की जांच की जाएगी. कई बार निर्माण स्थल पर निर्माणबंद होता है लेकिन सामग्री खुली रहती है और वहां से धूल उड़ती रहती है. निर्माण स्थलों पर प्रदूषण न हो इसकी जिम्मेदारी एजेंसी की होती है. इसकी भी जांच की जाएगी.
AAP मंत्रियों की इन जिलों में रहेगी निगरानी:
मंत्री | जिले |
गोपाल राय | नॉर्थ और नॉर्थ ईस्ट |
कैलाश गहलोत | साउथ वेस्ट और वेस्ट |
आतिशी | ईस्ट और साउथ ईस्ट |
सौरभ भारद्वाज | साउथ और नई दिल्ली |
इमरान हुसैन | सेंट्रल और शाहदरा |
राज कुमार आनंद | नार्थ वेस्ट |
सरकार को बारिश से राहत का इंतजार: पर्यावरण मंत्री ने कहा कि वैज्ञानिकों के मुताबिक शुक्रवार या शनिवार को हल्की बारिश हो सकती है. यदि बारिश होती है तो प्रदूषण से राहत मिलेगी लेकिन यह देखना होगा की कितनी बारिश होती है. अगले एक हफ्ते तक हवा का रुख ऐसा ही रहेगा. तेज हवा न चलने के कारण प्रदूषण आगे नहीं निकल पा रहा है.
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टैक्सियों के संचालक पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के बाद लिया जाएगा फैसला: पर्यावरण मंत्री ने बुधवार को कहा था कि दिल्ली से बाहर के राज्य में रजिस्टर्ड नंबर की ओला उबर समेत अन्य एप आधारित टैक्सियों को दिल्ली में प्रवेश नहीं दिया जाएगा. इस पर नियम बनाने को लेकर दिल्ली के ट्रांसपोर्ट विभाग को निर्देश दिया गया है. बृहस्पतिवार को राय ने कहा कि ट्रांसपोर्ट विभाग इस पर नियम बना रहा है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश में यह स्पष्ट नहीं है कि सीएनजी की टैक्सियों को छूट देनी है या नहीं. ऐसे में संशय की स्थिति बनी हुई है. शुक्रवार को कोर्ट में सुनवाई है. इसके बाद स्थिति स्पष्ट होने पर टैक्सियों के संचालन के संबंध में निर्णय लिया जाएगा.