नई दिल्ली: केंद्र द्वारा लाए गए दिल्ली में अध्यादेश के खिलाफ लगातार आम आदमी पार्टी बीजेपी पर हमलावर है. इसी बीच शुक्रवार को दिल्ली सरकार के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर एक बार फिर इस अध्यादेश के खिलाफ भाजपा पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि दिल्ली की जनता ने 2013 में केजरीवाल को पहली बार 70 में से 67 विधानसभाओं पर जीत देकर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया. 2015 में दूसरी और 2020 में 62 सीटें जीताकर तीसरी बार अपना मुख्यमंत्री चुना है. कहा जा सकता है कि देश के सबसे प्रसिद्ध मुख्यमंत्रियों में केजरीवाल का नाम शुमार होता रहा है.
दिल्ली की सत्ता पर कब्जा जमाना चाहती है बीजेपी: सौरभ भारद्वाज ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने तीनों चुनावों में खूब जोर लगाया था, लेकिन उनको जीत हासिल नहीं हुई. अब मोदी सरकार दिल्ली के लोगों से बदला लेना चाहती है. राष्ट्रीय राजधानी में बिजली, पानी, इलाज, महिलाओं की बस यात्रा और बुजुर्गों की तीर्थयात्रा मुफ्त है. इससे केंद्र को बहुत दिक्कत है. केंद्र सरकार गैर कानूनी तरीके से दिल्ली की सत्ता पर कब्जा जमाना चाहती है. सुप्रीम कोर्ट की 5 जजों की संविधान पीठ ने चुनी हुई सरकार को अधिकार दिया. उसके विपरीत केंद्र ने रात में ही अध्यादेश लाकर दिल्ली की पावर उपराज्यपाल को सौंप दी.
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गली-मोहल्ले-चौके पर जलाई जाएंगी अध्यादेश की प्रतियां: मंत्री ने कहा है कि भाजपा के कट्टर समर्थक भी कह रहे हैं कि ये दिल्ली की जनता के साथ धोखा है. इस काले अध्यादेश का विरोध करना चाहिए. ऐसे में अब आम आदमी पार्टी इस अध्यादेश का दिल्ली की सड़कों पर विरोध करेगी. 3 जुलाई को मुख्यमंत्री केजरीवाल अपने सभी मंत्री और विधायक के साथ मिलकर पार्टी मुख्यालय पर अध्यादेश की प्रतियों को जलाएंगे. 5 जुलाई को सभी 70 विधानसभाओं में इसकी प्रतियां जलाई जाएंगी. 6 से 13 जुलाई तक दिल्ली के हर गली-मोहल्ले-चौके पर अध्यादेश की प्रतियां जलाई जाएगी. इस आदेश की कॉपी जब दिल्ली के कोने-कोने में जलाई जाएंगी तब यह संकेत जाएगा कि इस काले अध्यादेश से यहां के लोग खुश नहीं है. केंद्र ने दिल्ली के साथ धोखा किया है.
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