नई दिल्ली: दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने दिल्ली दंगों में साजिश रचने के मामले में उमर खालिद, शरजील इमाम और फैजान खान के खिलाफ दायर पूरक चार्जशीट पर संज्ञान ले लिया है. एडिशनल सेशंस जज अमिताभ रावत ने कहा कि आरोपियों के खिलाफ अभियोजन के लिए पर्याप्त तथ्य हैं.
प्रिंटेड प्रति देने के आदेश पर हाईकोर्ट लगा चुका रोक
पिछले 23 नवंबर को पेशी के दौरान उमर खालिद ने कहा था कि उनकी हिरासत गैरकानूनी तरीके से बढ़ाई गई है और इसकी सूचना उसके वकीलों को नहीं दी गई. पिछले 23 नवंबर को सुनवाई के दौरान एडिशनल सेशंस जज अमिताभ रावत ने कहा था कि उमर खालिद और शरजील इमाम के खिलाफ 22 नवंबर को पूरक चार्जशीट दाखिल किया गया है.
हमने आदेश दिया था कि चार्जशीट की प्रिंटेड कापी आरोपियों को उपलब्ध कराया जाए. लेकिन हाईकोर्ट ने इस आदेश पर रोक लगा दिया है. तब उमर खालिद के वकील त्रिदिप पायस ने कहा था कि अभी इस मामले में ट्रायल शुरु नहीं हुआ है. कोर्ट सॉफ्ट प्रति देने का आदेश दे सकती है.
वकील अदीत एस पुजारी ने कहा था कि हाईकोर्ट ने कहा है कि ट्रायल कोर्ट दूसरी अर्जियों पर सुनवाई कर सकती है. वकील सुरभि धर ने कहा था कि सॉफ्ट प्रति देने में कोई समस्या नहीं है. हाईकोर्ट का आदेश केवल प्रिंटेड प्रति देने तक सीमित है.
दिल्ली पुलिस आरोपियों को सॉफ्ट प्रति देगी
सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस की ओर से वकील अमित प्रसाद ने आरोपियों को सॉफ्ट प्रति देने की बात कही थी, तब त्रिदिप पायस ने कहा था कि प्रिंटेड प्रति से अभी इंकार नहीं किया गया है. तब कोर्ट ने कहा था कि हमारे बारे में साफ कहा गया है. हमें हाईकोर्ट के आदेश के संदर्भ में इसे देखना होगा. ट्रायल कोर्ट होने के नाते हाईकोर्ट के फैसले का पालन करना होगा.
इन धाराओं के तहत दाखिल की गई चार्जशीट
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने इस मामले में पूरक चार्जशीट दाखिल कर उमर खालिद, शरजील इमाम और फैजान खान को आरोपी बनाया है. पिछले 22 नवंबर को स्पेशल सेल ने यूएपीए की धारा 13, 16, 17, और 18 के अलावा भारतीय दंड संहिता की धारा 120 बी, 109, 124 ए, 147,148,149, 153 ए, 186, 201, 212, 295, 302, 307, 341, 353, 395, 419, 420, 427, 435, 436, 452, 454, 468, 471 और 43 के अलावा आर्म्स एक्ट की धारा 25 और 27 और प्रिवेंशन आफ डेमेज टू पब्लिक प्रोपर्टी एक्ट की धारा 3 और 4 के तहत आरोप लगाए गए हैं.
17 सितंबर को लिया था चार्जशीट पर संज्ञान
पिछले 17 सितंबर को कोर्ट ने उमर खालिद, शरजील इमाम और फैजान खान को छोड़कर 15 आरोपियों के खिलाफ दायर चार्जशीट पर संज्ञान लिया था. चार्जशीट में 24 फरवरी के व्हाट्स ऐप चैट का हवाला दिया गया है, जिस दिन उत्तर-पूर्वी दिल्ली में दंगों की शुरुआत हुई थी.
उस समय मुख्य साजिशकर्ता जमीनी कार्यकर्ताओं को दिशानिर्देश जारी कर रहे थे. साजिशकर्ताओं ने व्हाट्स ऐप के जरिये सीलमपुर और जाफराबाद में हिंसा को भड़काने का काम किया था. 25 स्थानों पर विरोध प्रदर्शनों के लिए 25 व्हाट्स ऐप ग्रुप बनाए गए थे.
ये साजिशकर्ता ये जताने की कोशिश कर रहे थे कि वे नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में होनेवाले प्रदर्शनों के ग्रुप हैं लेकिन इन ग्रुप के जरिये वे हिंसा को भड़काने के लिए लोगों को उकसा रहे थे.
कौन-कौन हैं आरोपी
स्पेशल सेल ने ताहिर हुसैन को मुख्य आरोपी बनाया है. ताहिर हुसैन के अलावा जिन्हें आरोपी बनाया गया है. उनमें मोहम्मद परवेज अहमद, मोहम्मद इलियास, खालिद सैफी, शादाब अहमद, नताशा नरवाल, देवांगन कलीता, तसलीम अहमद, सलीम मलिक, मोहम्मद सलीम खान और अतहर खान के नाम शामिल हैं.
दिल्ली दंगों में कम से कम 53 लोगों की मौत हो गई थी और काफी लोग घायल हुए थे. उमर खालिद को एक दूसरे एफआईआर में आरोपी बनाया गया है और वह फिलहाल न्यायिक हिरासत में है.