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सीमापुरी हिंसा: कड़कड़डूमा कोर्ट ने 11 आरोपियों की जमानत याचिका पर सुनवाई टाली

दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने CAA को लेकर सीमापुरी हिंसा के आरोपियों की जमानत याचिका पर सुनवाई टाल दी है. इससे पहले कोर्ट ने सीलमपुर हिंसा के मामले में दो आरोपियों को अंतरिम जमानत दी थी.

Karkardooma court
कड़कड़डूमा कोर्ट
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Published : Jan 6, 2020, 5:10 PM IST

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने सीमापुरी हिंसा मामले में 11 आरोपियों की जमानत याचिका पर सुनवाई टाल दी है. कोर्ट अब 8 जनवरी को याचिका पर सुनवाई करेगा.

'कोर्ट ने उठाए जांच प्रणाली की धीमी गति पर सवाल'
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने जांच अधिकारी से मामले से जुड़े अहम सबूत पेश करने का निर्देश दिए. कोर्ट ने जांच अधिकारी की धीमी कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए, सभी अभियुक्तों के बारे में अलग-अलग जांच रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया.

'मामले की जांच का हवाला दिया था'
पिछले 31 दिसंबर को सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने कोर्ट को बताया था कि सभी 11 मामलों में जांच जारी है और इस मामले की जांच क्राईम ब्रांच कर रही है. पुलिस ने इन मामलों की जांच रिपोर्ट दाखिल करने के लिए समय की मांग की थी जिसके बाद कोर्ट ने 6 जनवरी तक रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया था.

'सीलमपुर हिंसा मामले में दो को मिल चुकी है जमानत'
31 दिसंबर को ही कोर्ट ने सीलमपुर हिंसा के मामले में दो आरोपियों को अंतरिम जमानत दी थी. कोर्ट ने आरोपियों युसूफ अली और मोईनुद्दीन को इलाज कराने के लिए तीन सप्ताह के लिए जमानत दे दी. कोर्ट ने दोनों को बीस हजार रुपए के मुचलके पर जमानत दी थी.

'RML अस्पताल में इलाज कराने का दिया था आदेश'
कोर्ट ने आदेश दिया था कि दोनों का इलाज राममनोहर लोहिया अस्पताल में कराया जाए. कोर्ट ने कहा था कि इस मामले में अंतिम सुनवाई 21 जनवरी को होगी. सुनवाई के दौरान युसूफ अली के वकील ने कोर्ट को बताया था कि उसे हाइपोथायराइड की बीमारी की वजह से जेल में बेहोश हो जाता है जिसकी इलाज की जरूरत है.

'हाथ के ऑपरेशन की जरूरत थी'
सुनवाई के दौरान मोईनुद्दीन के वकील ने कहा था कि उसके हाथ का ऑपरेशन करने की जरूरत है. मोईनुद्दीन के वकील ने कहा कि उसे ये चोट प्रदर्शन के दौरान पुलिस की लाठियों से लगी. उनकी इस दलील का दिल्ली पुलिस ने विरोध करते हुए कहा था कि उसने खुद को नुकसान पहुंचाया था.

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने सीमापुरी हिंसा मामले में 11 आरोपियों की जमानत याचिका पर सुनवाई टाल दी है. कोर्ट अब 8 जनवरी को याचिका पर सुनवाई करेगा.

'कोर्ट ने उठाए जांच प्रणाली की धीमी गति पर सवाल'
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने जांच अधिकारी से मामले से जुड़े अहम सबूत पेश करने का निर्देश दिए. कोर्ट ने जांच अधिकारी की धीमी कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए, सभी अभियुक्तों के बारे में अलग-अलग जांच रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया.

'मामले की जांच का हवाला दिया था'
पिछले 31 दिसंबर को सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने कोर्ट को बताया था कि सभी 11 मामलों में जांच जारी है और इस मामले की जांच क्राईम ब्रांच कर रही है. पुलिस ने इन मामलों की जांच रिपोर्ट दाखिल करने के लिए समय की मांग की थी जिसके बाद कोर्ट ने 6 जनवरी तक रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया था.

'सीलमपुर हिंसा मामले में दो को मिल चुकी है जमानत'
31 दिसंबर को ही कोर्ट ने सीलमपुर हिंसा के मामले में दो आरोपियों को अंतरिम जमानत दी थी. कोर्ट ने आरोपियों युसूफ अली और मोईनुद्दीन को इलाज कराने के लिए तीन सप्ताह के लिए जमानत दे दी. कोर्ट ने दोनों को बीस हजार रुपए के मुचलके पर जमानत दी थी.

'RML अस्पताल में इलाज कराने का दिया था आदेश'
कोर्ट ने आदेश दिया था कि दोनों का इलाज राममनोहर लोहिया अस्पताल में कराया जाए. कोर्ट ने कहा था कि इस मामले में अंतिम सुनवाई 21 जनवरी को होगी. सुनवाई के दौरान युसूफ अली के वकील ने कोर्ट को बताया था कि उसे हाइपोथायराइड की बीमारी की वजह से जेल में बेहोश हो जाता है जिसकी इलाज की जरूरत है.

'हाथ के ऑपरेशन की जरूरत थी'
सुनवाई के दौरान मोईनुद्दीन के वकील ने कहा था कि उसके हाथ का ऑपरेशन करने की जरूरत है. मोईनुद्दीन के वकील ने कहा कि उसे ये चोट प्रदर्शन के दौरान पुलिस की लाठियों से लगी. उनकी इस दलील का दिल्ली पुलिस ने विरोध करते हुए कहा था कि उसने खुद को नुकसान पहुंचाया था.

Intro:नई दिल्ली। दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने सीमापुरी हिंसा मामले में 11 आरोपियों की जमानत याचिका पर सुनवाई टाल दिया है। कोर्ट उनकी याचिका पर 8 जनवरी को सुनवाई करेगा। आज सुनवाई के दौरान कोर्ट ने जांच अधिकारी से मामले से जुड़े अहम सबूत पेश करने का निर्देश दिया। कोर्ट ने जांच अधिकारी की धीमी कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए सभी अभियुक्तों के बारे में अलग-अलग जांच रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया।



Body:मामले की जांच का हवाला दिया था
पिछले 31 दिसंबर को सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने कोर्ट को बताया था कि सभी 11 मामलों में जांच जारी है और इस मामले की जांच क्राईम ब्रांच कर रही है। पुलिस ने इन मामलों की जांच रिपोर्ट दाखिल करने के लिए समय की मांग की थी जिसके बाद कोर्ट ने 6 जनवरी तक रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया था।
सीलमपुर हिंसा मामले में दो को मिल चुकी है जमानत
31 दिसंबर को ही कोर्ट ने सीलमपुर हिंसा के मामले में दो आरोपियों को अंतरिम जमानत दिया था। कोर्ट ने आरोपियों युसूफ अली और मोईनुद्दीन को इलाज कराने के लिए तीन सप्ताह के लिए जमानत दे दिया । कोर्ट ने दोनों को बीस हजार रुपए के मुचलके पर जमानत दिया था।
राममनोहर लोहिया अस्पताल में इलाज कराने का दिया था आदेश
कोर्ट ने आदेश दिया था कि दोनों का इलाज राममनोहर लोहिया अस्पताल में कराया जाए। कोर्ट ने कहा था कि इस मामले में अंतिम सुनवाई 21 जनवरी को होगी। सुनवाई के दौरान युसूफ अली के वकील ने कोर्ट को बताया था कि उसे हाइफथायराइड की बीमारी की वजह से जेल में बेहोश हो जाता है जिसकी इलाज की जरूरत है। 



Conclusion:हाथ के आपरेशन की जरूरत थी
सुनवाई के दौरान मोईनुद्दीन के वकील ने कहा था कि उसके हाथ का आपरेशन करने की जरूरत है। मोईनुद्दीन के वकील ने कहा कि उसे ये चोट प्रदर्शन के दौरान पुलिस की लाठियों से लगी। उनकी इस दलील का दिल्ली पुलिस ने विरोध करते हुए कहा था कि उसने खुद को नुकसान पहुंचाया।
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