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टू-जी मामले को करीम मोरानी ने डिवीजन बेंच के पास भेजने की मांग की - पूर्व केंद्रीय मंत्री ए राजा

टू-जी स्पेक्ट्रम केस में आरोपी करीम मोरानी ने इस मामले को डिवीजन बेंच को रेफर करने की मांग की. मामले को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट 22 अक्टूबर को भी सुनवाई जारी रखेगा.

Delhi high court
दिल्ली हाईकोर्ट
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Published : Oct 21, 2020, 8:18 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट टू-जी स्पेक्ट्रम केस में पूर्व केंद्रीय मंत्री ए राजा और दूसरे आरोपियों को ट्रायल कोर्ट से बरी करने के फैसले के खिलाफ सीबीआई और ईडी की याचिका पर कल यानि 22 अक्टूबर को भी सुनवाई जारी रखेगा. आज आरोपी करीम मोरानी की ओर से वकील सुधीर नंद्राजोग ने इस मामले के डिवीजन बेंच को रेफर करने की मांग की.

टू-जी स्पेक्ट्रम केस को डिवीजन बेंच के पास रेफर करने की मांग
डिवीजन बेंच के पास रेफर करने की मांग

सुनवाई के दौरान एक आरोपी करीम मोरानी की ओर से वकील सुधीर नंद्राजोग ने कोर्ट ने कहा कि इस मामले से जुड़ा कानूनी पहलू डिवीजन बेंच के पास लंबित है. ऐसे में इस मामले को डिवीजन बेंच को रेफर कर दिया जाए या डिवीजन बेंच के फैसले का इंतजार किया जाए क्योंकि उस फैसले का बड़ा असर होगा. उन्होंने कहा कि जज कामिनी की ओर से रेफर किए गए सवालों पर जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल की बेंच सुनवाई कर रही है.

सुप्रीम कोर्ट में भी मामला लंबित है

सुधीर नंद्राजोग ने कोर्ट से आग्रह किया कि इस मसले पर राज्यसभा और लोकसभा में हुए चर्चाओं पर गौर करना चाहिए. दोनों सदनों में राजनेता हैं और बड़ी संख्या में वकील भी हैं. उन्होंने कहा कि ये साफ है कि विधायिका की इच्छा धारा 13(1)(डी) को हटाने की थी. इस पहलू पर मनमोहन सिंह का केस अभी सुप्रीम कोर्ट में लंबित है. उन्होंने कहा कि धाराओं को बदलने का मतलब प्रावधान को खत्म करना है.

शरद गुप्ता के वकील को दलीलें रखने की अनुमति नहीं मिली

सुनवाई के दौरान वकील रिद्धिमा मांधर ने कोर्ट से कहा कि आरोपी शरद गुप्ता की ओर से वकील रमेश गुप्ता दलीलें रखना चाहते हैं तब कोर्ट ने कहा कि नहीं , आपको हमें पहले बताना चाहिए था, हम हर पक्षकार से पूछ रहे हैं. तब मांधर ने कहा कि शरद गुप्ता अंतिम प्रतिवादी हैं. उसके बावजूद कोर्ट ने उन्हें दलीलें रखने की अनुमति नहीं दी.

सीबीआई और ईडी को अपील का अधिकार नहीं

पिछले 20 अक्टूबर को सुनवाई के दौरान आरोपियों की ओर से कहा गया था कि सीबीआई और ईडी को अपील करने का अधिकार नहीं है. आरोपियों की ओर से वकील सिद्धार्थ लूथरा ने कहा था कि ट्रायल कोर्ट ने आरोपियों को बरी किया है. ईडी और सीबीआई अपील करने की अनुमति मांग रहे हैं, अपील नहीं कर रहे हैं. उन्होंने जनरल क्लॉज एक्ट की धारा 6 को उद्धृत करते हुए सवाल किया था कि क्या उन्हें अपील करने का अधिकार है. लूथरा ने कहा था कि इस सवाल का जवाब है नहीं.

ए राजा समेत 19 आरोपी हैं

इस मामले में सीबीआई और ईडी ने ए राजा और कनिमोझी समेत सभी 19 आरोपियों को बरी करने के ट्रायल कोर्ट के फैसले को चुनौती दी है. 25 मई 2018 को कोर्ट ने पूर्व केंद्रीय मंत्री ए राजा और कनिमोझी समेत सभी आरोपियों को नोटिस जारी किया था. हाईकोर्ट ने इसी मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की अपील पर सुनवाई करते हुए सभी आरोपियों को नोटिस जारी किया है.


2017 में बरी किया गया था

बता दें कि पटियाला हाउस कोर्ट ने 21 दिसंबर 2017 को फैसला सुनाते हुए सभी आरोपियों को बरी कर दिया था. जज ओपी सैनी ने कहा था कि अभियोजन पक्ष यह साबित करने में नाकाम रहा है कि दो पक्षों के बीच पैसे का लेन देन हुआ है.

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट टू-जी स्पेक्ट्रम केस में पूर्व केंद्रीय मंत्री ए राजा और दूसरे आरोपियों को ट्रायल कोर्ट से बरी करने के फैसले के खिलाफ सीबीआई और ईडी की याचिका पर कल यानि 22 अक्टूबर को भी सुनवाई जारी रखेगा. आज आरोपी करीम मोरानी की ओर से वकील सुधीर नंद्राजोग ने इस मामले के डिवीजन बेंच को रेफर करने की मांग की.

टू-जी स्पेक्ट्रम केस को डिवीजन बेंच के पास रेफर करने की मांग
डिवीजन बेंच के पास रेफर करने की मांग

सुनवाई के दौरान एक आरोपी करीम मोरानी की ओर से वकील सुधीर नंद्राजोग ने कोर्ट ने कहा कि इस मामले से जुड़ा कानूनी पहलू डिवीजन बेंच के पास लंबित है. ऐसे में इस मामले को डिवीजन बेंच को रेफर कर दिया जाए या डिवीजन बेंच के फैसले का इंतजार किया जाए क्योंकि उस फैसले का बड़ा असर होगा. उन्होंने कहा कि जज कामिनी की ओर से रेफर किए गए सवालों पर जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल की बेंच सुनवाई कर रही है.

सुप्रीम कोर्ट में भी मामला लंबित है

सुधीर नंद्राजोग ने कोर्ट से आग्रह किया कि इस मसले पर राज्यसभा और लोकसभा में हुए चर्चाओं पर गौर करना चाहिए. दोनों सदनों में राजनेता हैं और बड़ी संख्या में वकील भी हैं. उन्होंने कहा कि ये साफ है कि विधायिका की इच्छा धारा 13(1)(डी) को हटाने की थी. इस पहलू पर मनमोहन सिंह का केस अभी सुप्रीम कोर्ट में लंबित है. उन्होंने कहा कि धाराओं को बदलने का मतलब प्रावधान को खत्म करना है.

शरद गुप्ता के वकील को दलीलें रखने की अनुमति नहीं मिली

सुनवाई के दौरान वकील रिद्धिमा मांधर ने कोर्ट से कहा कि आरोपी शरद गुप्ता की ओर से वकील रमेश गुप्ता दलीलें रखना चाहते हैं तब कोर्ट ने कहा कि नहीं , आपको हमें पहले बताना चाहिए था, हम हर पक्षकार से पूछ रहे हैं. तब मांधर ने कहा कि शरद गुप्ता अंतिम प्रतिवादी हैं. उसके बावजूद कोर्ट ने उन्हें दलीलें रखने की अनुमति नहीं दी.

सीबीआई और ईडी को अपील का अधिकार नहीं

पिछले 20 अक्टूबर को सुनवाई के दौरान आरोपियों की ओर से कहा गया था कि सीबीआई और ईडी को अपील करने का अधिकार नहीं है. आरोपियों की ओर से वकील सिद्धार्थ लूथरा ने कहा था कि ट्रायल कोर्ट ने आरोपियों को बरी किया है. ईडी और सीबीआई अपील करने की अनुमति मांग रहे हैं, अपील नहीं कर रहे हैं. उन्होंने जनरल क्लॉज एक्ट की धारा 6 को उद्धृत करते हुए सवाल किया था कि क्या उन्हें अपील करने का अधिकार है. लूथरा ने कहा था कि इस सवाल का जवाब है नहीं.

ए राजा समेत 19 आरोपी हैं

इस मामले में सीबीआई और ईडी ने ए राजा और कनिमोझी समेत सभी 19 आरोपियों को बरी करने के ट्रायल कोर्ट के फैसले को चुनौती दी है. 25 मई 2018 को कोर्ट ने पूर्व केंद्रीय मंत्री ए राजा और कनिमोझी समेत सभी आरोपियों को नोटिस जारी किया था. हाईकोर्ट ने इसी मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की अपील पर सुनवाई करते हुए सभी आरोपियों को नोटिस जारी किया है.


2017 में बरी किया गया था

बता दें कि पटियाला हाउस कोर्ट ने 21 दिसंबर 2017 को फैसला सुनाते हुए सभी आरोपियों को बरी कर दिया था. जज ओपी सैनी ने कहा था कि अभियोजन पक्ष यह साबित करने में नाकाम रहा है कि दो पक्षों के बीच पैसे का लेन देन हुआ है.

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