नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा के बजट सत्र में मंगलवार को दिल्ली का बजट पेश करने की तैयारी में जुटे वित्त मंत्री कैलाश गहलोत सोमवार दोपहर दो बजे तक इस बात से अनजान थे कि अभी बजट को मंत्रालय से स्वीकृति मिली है या नहीं? सोमवार दोपहर दो बजे उनके संज्ञान में यह मामला सामने आया.
देर शाम जब आम आदमी पार्टी और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक न्यूज चैनल के इंटरव्यू में कहा कि गृह मंत्रालय ने विधानसभा में बजट पेश होने पर रोक लगा दी है, तब गृह मंत्रालय की तरफ से इसका खंडन किया गया और कहा गया कि रोक नहीं लगाई गई, बल्कि कुछ सवालों पर सरकार से स्पष्टीकरण मांगा गया है. वहीं, LG ऑफिस के अनुसार, फाइल एलजी सचिवालय में सोमवार रात 9:25 बजे प्राप्त हुई और कानून के अनुसार आगे की कार्रवाई के लिए एलजी की मंजूरी के बाद रात 10:05 बजे मुख्यमंत्री को वापस भेज दी गई.
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We have responded to MHA’s concerns and submitted the file back to Delhil’s LG, after CM’s approval, at 9pm today. It’s very clear that the concerns raised by MHA are irrelevant & seemingly done only to scuttle Delhi govt's budget for next year. Sad day for Indian democracy. 2/2 https://t.co/y17JecNeEY
— Kailash Gahlot (@kgahlot) March 20, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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— Kailash Gahlot (@kgahlot) March 20, 2023
रात 10 बजे वित्त मंत्री ने जारी किया बयानः सोमवार रात 10 बजे दिल्ली के बजट को लेकर वित्त मंत्री कैलाश गहलोत ने अपना बयान जारी किया है. उन्होंने कहा कि बजट को मंजूरी के लिए पिछले दिनों गृह मंत्रालय को भेजा गया था. 17 मार्च को मंत्रालय की तरफ से मुख्य सचिव को एक लेटर भेजा गया. मुख्य सचिव ने तीन दिन तक वह पत्र अपने पास रखा और 20 मार्च यानी सोमवार को जब दिल्ली विधानसभा में वित्त मंत्री आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट और आउटकम बजट पेश कर रहे रहे थे, उसके बाद उन्हें जानकारी मिली कि गृह मंत्रालय ने कुछ जानकारी मांगी है.
कैलाश गहलोत ने कहा कि यह हैरान करने वाली बात है कि बजट जब पेश होना है. उससे एक दिन पहले मुख्य सचिव की तरफ से गृह मंत्रालय के पत्र की जानकारी दी गई. कैलाश गहलोत के अनुसार, सोमवार रात 9 बजे मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की सहमति से उपराज्यपाल को मांगी गई जानकारी और स्पष्टीकरण को भेज दिया गया है. लेकिन प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आई कि दिल्ली के मुख्य सचिव और वित्त सचिव ने मामले में देरी की है और यह जांच का विषय है. कैलाश गहलोत ने गृह मंत्रालय द्वारा दिल्ली के बजट में फंडों के आवंटन को लेकर जो बातें फैलाई गई, उस पर भी खंडन किया है. उन्होंने कहा कि बजट में 22,000 करोड़ रुपए विकास कार्यों में खर्च के लिए निर्धारित किया है. जबकि विज्ञापन मद में 550 करोड़ रुपये का प्रावधान है जोकि पिछले साल के तरह ही है.