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Delhi Govt. Crisis: सिसोदिया गए जेल, कैलाश गहलोत पेश कर सकते हैं दिल्ली सरकार का बजट

दिल्ली शराब घोटाला मामले में डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को रविवार को गिरफ्तार कर लिया गया था और सोमवार को कोर्ट ने उन्हें 5 दिन की सीबीआई रिमांड पर भेज दिया. वहीं, खबर यह सामने आ रही है कि दिल्ली का आगामी बजट परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत पेश कर सकते हैं. हालांकि इसकी पुष्टि नहीं हुई है.

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Published : Feb 27, 2023, 6:07 PM IST

नई दिल्ली: शराब घोटाले में गिरफ्तार मनीष सिसोदिया के नहीं होने से अब दिल्ली सरकार में आने वाले वित्त वर्ष का बजट कौन पेश करेगा, इस पर चर्चाएं शुरू हो गई हैं. सिसोदिया के पास शहरी विकास विभाग, शिक्षा, वित्त विभाग, स्वास्थ्य विभाग, गृह विभाग सहित कुल 18 विभाग की जिम्मेदारी है. उनके गिरफ्तार होने के बाद अभी तक या विभाग किसको दिया जाए यह तय नहीं हुआ है. दिल्ली सचिवालय में सोमवार को पहले कार्य दिवस के दिन चर्चा चल रही थी कि अगले महीने दिल्ली सरकार का बजट इस बार मंत्री कैलाश गहलोत पेश कर सकते हैं. फिलहाल यह तय नहीं हुआ है.

आम आदमी पार्टी सरकार को पहले से आशंका थी कि CBI उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार कर सकती है. इसलिए नए वित्त वर्ष के बजट तैयार करने के लिए जो भी बैठकें हुई, उन्हें मनीष सिसोदिया के साथ-साथ मंत्री कैलाश गहलोत भी हिस्सा लेते रहे और तकरीबन बजट से संबंधित सभी बैठकों में उन्होंने भाग लिया. अगले महीने मार्च में दिल्ली सरकार का बजट पेश किया जाना है.

दिल्ली सरकार की वेबसाइट के मुताबिक, सिसोदिया के पास लोक निर्माण विभाग, सेवा विभाग, बिजली विभाग, गृह और शहरी विकास विभाग सहित 18 विभाग है. अन्य विभागों के भी वे प्रभारी हैं. विशेष रूप से सत्येंद्र जैन के मंत्रालय की जिम्मेदारी भी उनके पास है. अब वह सीबीआई के शिकंजे में है. ऐसे में सरकार ने अभी सिसोदिया के विभाग किसी को सौंपने पर तो निर्णय नहीं लिया है लेकिन प्रबल संभावनाएं है कि जब तक सिसोदिया रिहा नहीं होते हैं तब सरकार के मंत्री कैलाश गहलोत विधानसभा में बजट पेश करेंगे.

बजट की तैयारी को लेकर हुई मीटिंग में शामिल होते रहे हैं कैलाश गहलोत.
बजट की तैयारी को लेकर हुई मीटिंग में शामिल होते रहे हैं कैलाश गहलोत.

उधर, विपक्ष लगातार दिल्ली सरकार के मंत्री सत्येंद्र जैन और अब मनीष सिसोदिया दोनों पर लगे गंभीर आरोपों के बाद दोनों के इस्तीफे की मांग कर रही है. इस बाबत कई बार बीजेपी के नेताओं ने मुख्यमंत्री को पत्र भी लिखा है. जिस तरह से दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपने मंत्रिमंडल से सत्येंद्र जैन को हटाने का फैसला नहीं लिया है, इससे माना जा रहा है कि मनीष सिसोदिया भले ही गिरफ्तार हो गए हो, लेकिन केजरीवाल सरकार उन्हें मंत्री पद से नहीं हटाएगी.

ये भी पढे़ंः Delhi Liquor Scam: मनीष सिसोदिया 5 दिन की CBI रिमांड पर, रिश्वत लेने और सबूत नष्ट करने का आरोप

BJP ने की कैबिनेट से हटाने की मांगः दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सलाह दी है कि दो मंत्रियों-मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन को तुरंत केबिनेट से हटाएं. दिल्ली मंत्रिमंडल में फौरन फेरबदल किया जाए क्योंकि यह दिल्ली के हित में नहीं है कि करीब आधे मंत्री काम ही नहीं करें. संवैधानिक और नैतिक रूप से भी यह जरूरी है कि दिल्ली केबिनेट में तुरंत बदलाव किया जाए.

बिधूड़ी ने कहा है कि सत्येंद्र जैन पिछले साल मई से जेल में है. उनके सारे विभाग उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को सौंपे गए थे और अब सिसोदिया भी सीबीआई की गिरफ्त में हैं. अरविंद केजरीवाल पूरे देश में अकेले ऐसे मुख्यमंत्री हैं जिन्होंने अपने पास कोई विभाग नहीं रखा हुआ. इस तरह सात में से तीन मंत्रियों के पास अब कोई विभाग नहीं है. शेष चार मंत्रियों के भरोसे पूरी दिल्ली को छोड़ना ठीक नहीं है. उन्होंने कहा कि यह दिल्ली की जनता के साथ न्याय नहीं होगा कि जिस पार्टी के 70 में से 62 विधायक हैं, वह दिल्ली को पूरी सरकार भी नहीं दे पा रही.

ये भी पढे़ंः Protest Against Arrest of Sisodia: AAP कार्यालय से ही हुंकार भरते रहे आप के नेता, फ्लॉप रहा प्रदर्शन

नई दिल्ली: शराब घोटाले में गिरफ्तार मनीष सिसोदिया के नहीं होने से अब दिल्ली सरकार में आने वाले वित्त वर्ष का बजट कौन पेश करेगा, इस पर चर्चाएं शुरू हो गई हैं. सिसोदिया के पास शहरी विकास विभाग, शिक्षा, वित्त विभाग, स्वास्थ्य विभाग, गृह विभाग सहित कुल 18 विभाग की जिम्मेदारी है. उनके गिरफ्तार होने के बाद अभी तक या विभाग किसको दिया जाए यह तय नहीं हुआ है. दिल्ली सचिवालय में सोमवार को पहले कार्य दिवस के दिन चर्चा चल रही थी कि अगले महीने दिल्ली सरकार का बजट इस बार मंत्री कैलाश गहलोत पेश कर सकते हैं. फिलहाल यह तय नहीं हुआ है.

आम आदमी पार्टी सरकार को पहले से आशंका थी कि CBI उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार कर सकती है. इसलिए नए वित्त वर्ष के बजट तैयार करने के लिए जो भी बैठकें हुई, उन्हें मनीष सिसोदिया के साथ-साथ मंत्री कैलाश गहलोत भी हिस्सा लेते रहे और तकरीबन बजट से संबंधित सभी बैठकों में उन्होंने भाग लिया. अगले महीने मार्च में दिल्ली सरकार का बजट पेश किया जाना है.

दिल्ली सरकार की वेबसाइट के मुताबिक, सिसोदिया के पास लोक निर्माण विभाग, सेवा विभाग, बिजली विभाग, गृह और शहरी विकास विभाग सहित 18 विभाग है. अन्य विभागों के भी वे प्रभारी हैं. विशेष रूप से सत्येंद्र जैन के मंत्रालय की जिम्मेदारी भी उनके पास है. अब वह सीबीआई के शिकंजे में है. ऐसे में सरकार ने अभी सिसोदिया के विभाग किसी को सौंपने पर तो निर्णय नहीं लिया है लेकिन प्रबल संभावनाएं है कि जब तक सिसोदिया रिहा नहीं होते हैं तब सरकार के मंत्री कैलाश गहलोत विधानसभा में बजट पेश करेंगे.

बजट की तैयारी को लेकर हुई मीटिंग में शामिल होते रहे हैं कैलाश गहलोत.
बजट की तैयारी को लेकर हुई मीटिंग में शामिल होते रहे हैं कैलाश गहलोत.

उधर, विपक्ष लगातार दिल्ली सरकार के मंत्री सत्येंद्र जैन और अब मनीष सिसोदिया दोनों पर लगे गंभीर आरोपों के बाद दोनों के इस्तीफे की मांग कर रही है. इस बाबत कई बार बीजेपी के नेताओं ने मुख्यमंत्री को पत्र भी लिखा है. जिस तरह से दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपने मंत्रिमंडल से सत्येंद्र जैन को हटाने का फैसला नहीं लिया है, इससे माना जा रहा है कि मनीष सिसोदिया भले ही गिरफ्तार हो गए हो, लेकिन केजरीवाल सरकार उन्हें मंत्री पद से नहीं हटाएगी.

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BJP ने की कैबिनेट से हटाने की मांगः दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सलाह दी है कि दो मंत्रियों-मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन को तुरंत केबिनेट से हटाएं. दिल्ली मंत्रिमंडल में फौरन फेरबदल किया जाए क्योंकि यह दिल्ली के हित में नहीं है कि करीब आधे मंत्री काम ही नहीं करें. संवैधानिक और नैतिक रूप से भी यह जरूरी है कि दिल्ली केबिनेट में तुरंत बदलाव किया जाए.

बिधूड़ी ने कहा है कि सत्येंद्र जैन पिछले साल मई से जेल में है. उनके सारे विभाग उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को सौंपे गए थे और अब सिसोदिया भी सीबीआई की गिरफ्त में हैं. अरविंद केजरीवाल पूरे देश में अकेले ऐसे मुख्यमंत्री हैं जिन्होंने अपने पास कोई विभाग नहीं रखा हुआ. इस तरह सात में से तीन मंत्रियों के पास अब कोई विभाग नहीं है. शेष चार मंत्रियों के भरोसे पूरी दिल्ली को छोड़ना ठीक नहीं है. उन्होंने कहा कि यह दिल्ली की जनता के साथ न्याय नहीं होगा कि जिस पार्टी के 70 में से 62 विधायक हैं, वह दिल्ली को पूरी सरकार भी नहीं दे पा रही.

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