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लाल किले पर झंडा फहराने के आरोपी जुगराज सिंह की गिरफ्तारी पर अगले आदेश तक रोक - लाल किला हिंसा का आरोपी जुगराज सिंह

तीस हजारी कोर्ट ने 26 जनवरी को लाल किले पर धार्मिक झंडा फहराने के आरोपी जुगराज सिंह की गिरफ्तारी पर अंतरिम रोक लगा दी है. जुगराज सिंह पर आरोप है कि उसने 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली के दौरान भीड़ के साथ लाल किले में प्रवेश किया. लाल किले पर पहुंचकर जुगराज सिंह ने सिख धर्म का झंडा फहराया.

जुगराज सिंह की गिरफ्तारी पर अगले आदेश तक रोक
जुगराज सिंह की गिरफ्तारी पर अगले आदेश तक रोक
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Published : Jul 1, 2021, 4:08 PM IST

नई दिल्ली : दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने 26 जनवरी को लाल किले पर धार्मिक झंडा फहराने के आरोपी जुगराज सिंह की गिरफ्तारी पर अंतरिम रोक लगा दी है. एडिशनल सेशंस जज नीलोफर आबिदा परवीन ने अगले आदेश तक जुगराज सिंह की गिरफ्तारी पर रोक लगाई है.


जांच में शामिल होने का आदेश

कोर्ट ने जुगराज सिंह को निर्देश दिया कि वो उनके खिलाफ दर्ज दो FIR के मामले की जांच में शामिल हों. जुगराज सिंह पर आरोप है कि उसने 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली के दौरान भीड़ के साथ लाल किले में प्रवेश किया. लाल किले पर पहुंचकर जुगराज सिंह ने सिख धर्म का झंडा फहराया. जुगराज सिंह के खिलाफ दो FIR दर्ज किए गए हैं. एक FIR दिल्ली पुलिस ने दर्ज किया है, जबकि दूसरी FIR आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया ने दर्ज किया है.


लाल किले पर कब्जे की साजिश

पिछले 19 जून को कोर्ट ने इस मामले में दिल्ली पुलिस की ओर से दायर चार्जशीट पर संज्ञान लिया था. मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट गजेंद्र नागर ने दीप सिद्धू समेत सभी आरोपियों को आज कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया था. चार्जशीट में कहा गया है कि 26 जनवरी को लाल किले पर कब्जे की साजिश रची गई थी और लालकिले को विरोध प्रदर्शन का केंद्र बनाने की योजना थी. चार्जशीट में कहा गया है कि गणतंत्र दिवस के दिन हिंसा फैलाने को सोची-समझी साजिश थी. इस हिंसा के जरिये केंद्र सरकार को बदनाम करने की योजना बनाई गई थी.

ये भी पढ़ें- Delhi High court: इस्लाम धर्म कबूल करने वाली महिला को पर्याप्त सुरक्षा देने का निर्देश


किन-किन कानूनों के तहत आरोप लगाए गए हैं

दिल्ली पुलिस ने भारतीय दंड संहिता, आर्म्स एक्ट, प्रिवेंशन ऑफ डैमेज टू पब्लिक प्रोपर्टी, एंशिएंट मानुमेंट्स एंड आर्कियोलॉजिकल साईट्स एंड रिमेंस एक्ट, एपिडेमिक डिसीज एक्ट और डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के तहत आरोप लगाए हैं. कोर्ट ने उन आरोपों पर संज्ञान नहीं लिया जिनमें अभी अनुमति नहीं ली गई थी. जिन मामलों में अनुमति नहीं ली गई थी उनमें आर्म्स एक्ट, एपिडेमिक एक्ट और डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के कुछ आरोप शामिल हैं. बता दें कि पिछले 17 जून को दिल्ली पुलिस ने इस मामले में पूरक चार्जशीट दाखिल किया था.

ये भी पढ़ें- गुलशन कुमार हत्याकांड : रऊफ मर्चेंट की सजा बरकरार, रशीद को उम्र कैद



दीप सिद्धू समेत 16 को आरोपी बनाया गया है

पिछले 28 मई को आरोपियों के खिलाफ एपिडेमिक एक्ट और आर्म्स एक्ट के तहत मुकदमे के लिए जरूरी मंजूरी न मिलने के चलते आज कोर्ट ने दिल्ली पुलिस की ओर से दाखिल चार्जशीट पर संज्ञान नहीं लिया था. पिछले 21 मई को दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने चार्जशीट दाखिल किया था. क्राइम ब्रांच ने इस मामले में दीप सिद्धू समेत 16 लोगों को आरोपी बनाया है. दीप सिद्धू को इस मामले में जमानत मिल चुकी है.

नई दिल्ली : दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने 26 जनवरी को लाल किले पर धार्मिक झंडा फहराने के आरोपी जुगराज सिंह की गिरफ्तारी पर अंतरिम रोक लगा दी है. एडिशनल सेशंस जज नीलोफर आबिदा परवीन ने अगले आदेश तक जुगराज सिंह की गिरफ्तारी पर रोक लगाई है.


जांच में शामिल होने का आदेश

कोर्ट ने जुगराज सिंह को निर्देश दिया कि वो उनके खिलाफ दर्ज दो FIR के मामले की जांच में शामिल हों. जुगराज सिंह पर आरोप है कि उसने 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली के दौरान भीड़ के साथ लाल किले में प्रवेश किया. लाल किले पर पहुंचकर जुगराज सिंह ने सिख धर्म का झंडा फहराया. जुगराज सिंह के खिलाफ दो FIR दर्ज किए गए हैं. एक FIR दिल्ली पुलिस ने दर्ज किया है, जबकि दूसरी FIR आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया ने दर्ज किया है.


लाल किले पर कब्जे की साजिश

पिछले 19 जून को कोर्ट ने इस मामले में दिल्ली पुलिस की ओर से दायर चार्जशीट पर संज्ञान लिया था. मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट गजेंद्र नागर ने दीप सिद्धू समेत सभी आरोपियों को आज कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया था. चार्जशीट में कहा गया है कि 26 जनवरी को लाल किले पर कब्जे की साजिश रची गई थी और लालकिले को विरोध प्रदर्शन का केंद्र बनाने की योजना थी. चार्जशीट में कहा गया है कि गणतंत्र दिवस के दिन हिंसा फैलाने को सोची-समझी साजिश थी. इस हिंसा के जरिये केंद्र सरकार को बदनाम करने की योजना बनाई गई थी.

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किन-किन कानूनों के तहत आरोप लगाए गए हैं

दिल्ली पुलिस ने भारतीय दंड संहिता, आर्म्स एक्ट, प्रिवेंशन ऑफ डैमेज टू पब्लिक प्रोपर्टी, एंशिएंट मानुमेंट्स एंड आर्कियोलॉजिकल साईट्स एंड रिमेंस एक्ट, एपिडेमिक डिसीज एक्ट और डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के तहत आरोप लगाए हैं. कोर्ट ने उन आरोपों पर संज्ञान नहीं लिया जिनमें अभी अनुमति नहीं ली गई थी. जिन मामलों में अनुमति नहीं ली गई थी उनमें आर्म्स एक्ट, एपिडेमिक एक्ट और डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के कुछ आरोप शामिल हैं. बता दें कि पिछले 17 जून को दिल्ली पुलिस ने इस मामले में पूरक चार्जशीट दाखिल किया था.

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दीप सिद्धू समेत 16 को आरोपी बनाया गया है

पिछले 28 मई को आरोपियों के खिलाफ एपिडेमिक एक्ट और आर्म्स एक्ट के तहत मुकदमे के लिए जरूरी मंजूरी न मिलने के चलते आज कोर्ट ने दिल्ली पुलिस की ओर से दाखिल चार्जशीट पर संज्ञान नहीं लिया था. पिछले 21 मई को दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने चार्जशीट दाखिल किया था. क्राइम ब्रांच ने इस मामले में दीप सिद्धू समेत 16 लोगों को आरोपी बनाया है. दीप सिद्धू को इस मामले में जमानत मिल चुकी है.

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