नई दिल्ली: आज यानी 13 दिसंबर को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन का जन्मदिन है. उनके जन्मदिन को दिल्ली बीजेपी लोक सेवा दिवस के रूप में मना रही है. दिल्ली में पैदा हुए हर्षवर्धन का जन्म 13 दिसम्बर 1954 को हुआ था. उनकी शुरुआती शिक्षा एंग्लो संस्कृत विक्टोरिया जुबली सीनियर सेकेण्डरी स्कूल दरियागंज से हुई. इसके बाद उन्होंने कानपुर के गणेश शंकर विद्यार्थी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज से आयुर्विज्ञान तथा शल्य-चिकित्सा में स्नातक की डिग्री प्राप्त की साथ ही यहीं से उन्होंने स्नातकोत्तर की डिग्री प्राप्त करने बाद जनता की सेवा में जुट गए.
राजनीति के पुरोधा
हर्षवर्धन दिल्ली की राजनीति के बड़े पुरोधा माने जाते हैं. उन्होंने दिल्ली के इतिहास में आज तक एक भी चुनाव नहीं हारा है. 1993 में हुए पहली विधानसभा चुनाव में उन्होंने कृष्णा नगर से जीत हासिल की और बीजेपी की मदन लाल खुराना सरकार में दिल्ली के पहले स्वास्थ्य मंत्री बने. इसके अलावा वे 1993-1998 के दौरान भाजपा की सरकार में स्वास्थ्य मंत्री, कानून मंत्री और शिक्षा मंत्री सहित राज्य मंत्रिमंडल में विभिन्न पदों को संभाल चुके हैं.
दिल्ली में हर्षवर्धन के कद का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि साल 2013 के विधानसभा चुनाव में उन्हें केजरीवाल के खिलाफ बीजेपी के मुख्यमंत्री पद का प्रत्याशी बनाया गया था. जिसमें बीजेपी 32 सीटों के साथ पहली सबसे बड़ी पार्टी बनी थी. उसके बाद हुए दिल्ली विधानसभा चुनावों में बीजेपी किरण बेदी और प्रधानमंत्री मोदी के चेहरे पर भी चुनाव लड़ चुकी है, लेकिन दहाई का आंकड़ा भी नहीं पार कर पाई है.
महत्वपूर्ण कार्य
हर्षवर्धन को जो भी जिम्मेदारी मिली, उन्होंने बखूबी निभाई. दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री रहते 1994 में हर्षवर्धन ने पोलियो उन्मूलन अभियान चलाया.जो बेहद सफल रहा और फ़िर इसे भारत सरकार द्वारा पूरे देश भर में अपनाया गया. जिसके चलते हर्षवर्धन की ख्याति पूरे विश्व में हुई और विश्व स्वास्थ्य संगठन ने हर्षवर्धन को सम्मानित भी किया. इस अभियान ने हर्षवर्धन को बड़ी ख्याति दिलाई.
2014 में मोदी की पहली सरकार में जब उन्हें पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन का मंत्री बनाया गया, तो इन्होंने पर्यावरण की रक्षा के लिए एक बड़े नागिरक अभियान 'ग्रीन गुड डीड्स' की शुरुआत की. जिसे ब्रिक्स देशों ने अपने आधिकारिक प्रस्ताव में शामिल किया. वहीं हर्षवर्धन की सकारात्मक सोच और स्वास्थ्य के क्षेत्र में उनके महत्वपूर्ण योगदान को देखते हुए उन्हें विश्व की सबसे प्रमुख स्वास्थ्य संगठन डब्ल्यूएचओ के एक्जिक्युटिव बोर्ड का चेयरमैन बनाया गया है.