नई दिल्ली: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय प्रशासन और छात्र के बीच ऑनलाइन क्लास को लेकर अब तक सहमति नहीं बन पाई है. वहीं इसी कड़ी में जेएनयू छात्र ने ऑनलाइन टीचिंग और ऑनलाइन मूल्यांकन प्रक्रिया को लेकर अपना विरोध शुरू कर दिया है. साथ ही छात्र संघ ने सभी छात्रों से अपील की वह ईमेल कैंपेन का हिस्सा बने और यूजीसी को ईमेल के जरिए अपने परेशानी से अवगत कराएं.
जेएनयू प्रशासन छात्रहित के विपरीत
कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते विश्वविद्यालय के छात्रों को ऑनलाइन क्लास दी जा रही है. वहीं जेएनयू प्रशासन द्वारा मूल्यांकन प्रक्रिया और परीक्षा भी ऑनलाइन कराए जाने को लेकर जेएनयू छात्रसंघ विरोध पर उतर आया है.
जेएनयू छात्र संघ ने कहा कि कोविड-19 महामारी में जब सभी अकादमिक संस्थान बंद है, ऐसे में सभी इन कोशिशों में लगे हैं कि किस तरह अकादमिक गतिविधियों को जारी रखा जाए जिससे कि किसी भी वर्ग के छात्र को नुकसान ना हो, लेकिन जेएनयू प्रशासन इसके बिल्कुल कार्य व्यवहार कर रहा है.
छात्र संघ ने प्रशासन पर लगाए आरोप
वहीं छात्र संघ ने आरोप लगाए कि जेएनयू प्रशासन ने बिना छात्रों की राय लिए ऑनलाइन क्लास और कई स्कूलों ने ऑनलाइन परीक्षा के मूल्यांकन प्रक्रिया की घोषणा कर दी है. साथ ही कहा कि जब सभी निर्णय पारित किए जा रहे थे, उस समय छात्र प्रतिनिधियों को जान बूझकर इन सब से दूर रखा गया.
जेएनयू छात्रों का कहना है कि जेएनयू में हर प्रांत से बच्चे पढ़ने के लिए आते हैं और इस समय जो स्थिति है, ऐसे में कई छात्र है जो इंटरनेट की सुविधा से महरूम है. साथ ही लॉकडाउन के चलते छात्रों की फेलोशिप बंद कर दी गई है, जिससे उनकी परेशानियां और बढ़ गई हैं. इसको लेकर जेएनयू छात्रसंघ पहले ही एमएचआरडी और जेएनयू प्रशासन को लेकर शिकायत कर चुका है. लेकिन अब तक उस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है.
ईमेल कैंपेन ज्वाइन करने की अपील
जेएनयू छात्र संघ ने कहा कि जेएनयू प्रशासन ने छात्रों के प्रति गैर जिम्मेदाराना रवैया दिखाया है. साथ ही कहा कि प्रशासन ने छात्रों की परेशानी जाने बिना ऑनलाइन क्लास, ऑनलाइन एग्जाम सहित कई अन्य फैसले ले लिए हैं, जोकि छात्र विरोधी है.
इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुए छात्र संघ सभी छात्रों से मास ईमेल कैंपेन ज्वाइन करने की अपील करता है. वहीं छात्र संघ ने कहा कि सभी छात्र यूजीसी के चेयरमैन को मेल के जरिए अपने परेशानियों से अवगत कराएं. इसके अलावा यूजीसी को भेजे गए ईमेल का स्क्रीनशॉट लेकर यूजीसी को ट्विटर पर टैग करते हुए 1 मई को शाम 5 बजे हेस्टैक के साथ ट्वीट जरूर करें.