नई दिल्ली: जहां एक तरफ जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में स्नातक और स्नातकोत्तर में दाखिले के लिए आवेदन प्रक्रिया चल रही है. वहीं, दूसरी तरफ जेएनयू ने अपने आधिकारिक वेबसाइट पर एक नोटिस शेयर कर बड़ी चेतावनी दी है. जेएनयू ने साफ कह दिया है कि अगर जेएनयू के कैंपस में कोई भी व्यक्ति शांति भंग करता पाया जाता है तो उस पर सख्त कार्यवाई की जाएगी.
जेएनयू का यह ऑर्डर उस वक्त आया है जब मणिपुर में माहौल ठीक नहीं है. वहां पर क्या हालात हैं इस बारे में आज हर किसी की नजर बनी हुई है. मालूम हो कि मणिपुर में दो समुदाय के बीच हिंसा की कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है. कुछ दिनों पहले वहां महिला से जुड़ी एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुई, जिसके बाद से मणिपुर हिंसा टॉप ट्रेंडिंग में आ गया है. इसके बाद विपक्ष के नेता सरकार पर लगातार आरोप लगा रहे हैं और इस पर खूब राजनीति हो रही है. इसकी जांच के लिए सीबीआई को जिम्मेदारी दी गई है. बहरहाल जेएनयू में किसी भी तरह मणिपुर हिंसा से माहौल खराब न हो इसके लिए विश्वविद्यालय प्रशासन ने सख्त नोटिस के माध्यम से अपना रुख स्पष्ट कर दिया है.
क्या है जेएनयू के नोटिस में: जेएनयू ने अपने नोटिस में कहा कि मौजूदा स्थिति और देश के उत्तर पूर्वी हिस्से पर मिल रही रिपोर्ट्स को देखते हुए, परिसर के सभी हितधारकों को सतर्क रहने और परिसर में शांति और सद्भाव बनाए रखने की सलाह दी जाती है. अफवाहें/फर्जी खबरें फैलाते या अनधिकृत गतिविधियों में लिप्त पाए जाने वाले किसी भी व्यक्ति के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. जेएनयू प्रशासन कैंपस में किसी भी प्रकार की हिंसा/अनुशासनहीनता को बर्दाश्त नहीं करेगा. जेएनयू परिसर के सभी हितधारकों से ऐसी सभी गतिविधियों से दूर रहने की अपील करता है, अन्यथा विश्वविद्यालय के नियमों के अनुसार सख्त कार्रवाई की जाएगी.
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मणिपुर हिंसा पर विश्वविद्यालयों की टिप्पणी: मणिपुर के छात्रों की पढ़ाई, वहां हो रही हिंसा से प्रभावित हो रही है. दिल्ली यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर प्रोफेसर योगेश सिंह ने मणिपुर के छात्रों को मदद करने की बात कही है. वहीं जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय की कुलपति नजमा अख्तर ने कहा कि हमें अभी मणिपुर के किसी छात्र द्वारा अप्रोच नहीं किया गया. अगर मदद मांगी जाएगी तो इसके लिए एक पॉलिसी बनाई जाएगी, जिसके तहत मदद की जाएगी. हालांकि जेएनयू ने इम मामले में कोई टिप्पणी नहीं की है.
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