नई दिल्लीः ज्वैलर के दो करोड़ रुपये की हेरफेर कर फरार हुए कर्मचारी को आर्थिक अपराध शाखा ने गिरफ्तार किया है. आरोपी ने इसमें से एक बड़ी रकम ऑनलाइन वीडियो चैट पर खर्च कर दी थी. एफआईआर होने के बाद से वह फरार चल रहा था. पुलिस ने अदालत के समक्ष पेश कर उसे पूछताछ के लिए रिमांड पर लिया है. संयुक्त आयुक्त ओपी मिश्रा के अनुसार करोल बाग में जौहरी का काम करने वाले दिनेश कुमार ने आर्थिक अपराध शाखा में शिकायत दर्ज कराई थी.
उन्होंने बताया कि महेश बडोला और शरद अग्रवाल ने उनके साथ ठगी की है. महेश बडोला एम सी ज्वेलर्स प्राइवेट लिमिटेड में पिछले 17 साल से नौकरी करता था. वह पहले उनके पास अकाउंटेंट का काम करता था. उसने कंपनी के मालिक का विश्वास जीता. कंपनी ने उसे अपना एचडीएफसी डेबिट कार्ड दिया ताकि वह कारोबार से संबंधित पेमेंट कर सके. इसका फोन नंबर भी महेश बडोला के पास ही था.
ऑडिट में पता चला दो करोड़ का घोटाला
उन्होंने जब अप्रैल 2019 में कंपनी के खातों की जांच की तो पाया कि दो करोड़ से ज्यादा रुपये गलत तरीके से महेश ने ट्रांसफर किए हैं. इस शिकायत पर 4 अक्टूबर 2019 को करोल बाग थाने में मामला दर्ज किया गया था, जिसकी जांच बाद में आर्थिक अपराध शाखा को भेज दी गई. इसके बाद से आरोपी लगातार फरार चल रहा था.
इस मामले की जांच एसीपी वीरेंद्र सजवान की देखरेख में एसआई रितेश राज ने शुरू की. पेटीएम से इस मामले को लेकर जब संपर्क किया तो उन्होंने बताया कि यह रकम महेश बडोला के पेटीएम अकाउंट में भेजी गई है. इससे चाइनीज ऐप बिगो पर रुपये भेजे गए हैं.
वीडियो चैट में उड़ाई अधिकांश रकम
बिगो सर्विस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड से संपर्क किया गया और उनसे पता चला कि यह रकम आगे भी भेजी गई है. उनके यहां पेटीएम से रिचार्ज कर आरोपी ने लड़के-लड़कियों से वीडियो चैट की है. महेश ने बहुत ही शातिर तरीके से बचने की कोशिश की लेकिन 10 फरवरी 2020 को अदालत ने उसे भगोड़ा घोषित कर दिया.
पुलिस टीम लगातार उसके पीछे लगी हुई थी और 28 अगस्त को आखिरकार उसे बुराड़ी से गिरफ्तार कर लिया. आरोपी ने पुलिस को बताया कि वह बिगो ऐप के जरिए लाइव चैट करता था. उसने अपना पंजीकरण करा रखा था और इसमें उसने लाखों रुपये खर्च किये. बचे हुए रकम को वह दूसरे ऐप के जरिए अपने अकाउंट में भेज देता था.