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ISIC ने कार्यक्रम में दिव्यांग कलाकारों को किया सम्मानित - Divyang artists show their strength

दिल्ली के त्याग राज स्टेडियम दिव्यांग कलाकारों और एथलीट्स को लेकर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जिसमें दिव्यांग कलाकारों को सम्मानित किया गया.

दिव्यांग कलाकारों को किया सम्मानित
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Published : Oct 12, 2019, 5:28 PM IST

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली के त्यागराज स्टेडियम में स्पाइनल कॉर्ड डे पर दिव्यांग कलाकारों और एथलीट्स को सम्मानित कर याद किया गया. इस कार्यक्रम का आयोजन आईएसआईसी ने स्पाइनल कॉर्ड सोसायटी के सहयोग से आयोजित किया. त्यागराज स्टेडियम की पटरियों पर एक साथ व्हील चेयर दौड़ में 60 तंदुरुस्त और 40 व्हील चेयर उपयोगकर्ताओं के बीच यह दौड़ का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में देश भर के 40 स्कूलों और कॉलेजों में आयोजित पोस्टर प्रतियोगिता के विजेताओं को भी सम्मानित किया गया.

दिव्यांग कलाकारों ने दिखाया हुनर

चंडीगढ़ स्पाइनल ऋषि रिहैबिलिटेशन सेंटर गंगा अस्पताल, अजय परमार और श्री नीरज यादव को क्षेत्र की रीढ़ की हड्डी के उपचार के लिए काम कर चुके कई संगठनों और प्राप्तकर्ताओं को सम्मानित किया गया.

लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड दिया गया
अंतर्राष्ट्रीय प्रथा पेशेवरों को लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड भी दिए गए. इसके अलावा लखनऊ घराने की एक जानी-मानी कथक नृत्यांगना रानी खानम में अपनी टीम के साथ एक समावेशी नृत्य प्रदर्शित किया. दरअसल इस कार्यक्रम का आयोजन रीड की हड्डी की चोटों का निवारक उपायों और उपचार के विकल्पों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए किया गया.

ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कार्यक्रम के संयोजक डॉक्टर यस छाबड़ा ने बताया कि रीड की हड्डी की चोट एक विशिष्ट शारीरिक और आर्थिक प्रभाव के साथ ही आजीवन बोझ बन सकती है. उनमें से अधिकांश को एक सामान्य जीवन जीना मुश्किल लगता है क्योंकि आसपास विधाएं सक्षम लोगों के लिए होती हैं.

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली के त्यागराज स्टेडियम में स्पाइनल कॉर्ड डे पर दिव्यांग कलाकारों और एथलीट्स को सम्मानित कर याद किया गया. इस कार्यक्रम का आयोजन आईएसआईसी ने स्पाइनल कॉर्ड सोसायटी के सहयोग से आयोजित किया. त्यागराज स्टेडियम की पटरियों पर एक साथ व्हील चेयर दौड़ में 60 तंदुरुस्त और 40 व्हील चेयर उपयोगकर्ताओं के बीच यह दौड़ का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में देश भर के 40 स्कूलों और कॉलेजों में आयोजित पोस्टर प्रतियोगिता के विजेताओं को भी सम्मानित किया गया.

दिव्यांग कलाकारों ने दिखाया हुनर

चंडीगढ़ स्पाइनल ऋषि रिहैबिलिटेशन सेंटर गंगा अस्पताल, अजय परमार और श्री नीरज यादव को क्षेत्र की रीढ़ की हड्डी के उपचार के लिए काम कर चुके कई संगठनों और प्राप्तकर्ताओं को सम्मानित किया गया.

लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड दिया गया
अंतर्राष्ट्रीय प्रथा पेशेवरों को लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड भी दिए गए. इसके अलावा लखनऊ घराने की एक जानी-मानी कथक नृत्यांगना रानी खानम में अपनी टीम के साथ एक समावेशी नृत्य प्रदर्शित किया. दरअसल इस कार्यक्रम का आयोजन रीड की हड्डी की चोटों का निवारक उपायों और उपचार के विकल्पों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए किया गया.

ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कार्यक्रम के संयोजक डॉक्टर यस छाबड़ा ने बताया कि रीड की हड्डी की चोट एक विशिष्ट शारीरिक और आर्थिक प्रभाव के साथ ही आजीवन बोझ बन सकती है. उनमें से अधिकांश को एक सामान्य जीवन जीना मुश्किल लगता है क्योंकि आसपास विधाएं सक्षम लोगों के लिए होती हैं.

Intro:देश की राजधानी दिल्ली के त्याग राज स्टेडियम में स्पाइनल कॉर्ड डे पर दिव्यांग कलाकारों और एथलीट्स को सम्मानित कर याद किया गया इस कार्यक्रम का आयोजन आईएसआईसी ने स्पाइनल कॉर्ड सोसायटी के सहयोग से आयोजित किया इस कार्यक्रम में आईएसआईसी द्वारा स्पाइनल कार्ड का सोसायटी के सहयोग से आयोजित इस कार्यक्रम में कई नामचीन हस्तियों ने हिस्सा लिया साथ ही साथ इस कार्यक्रम में कई डॉक्टरों को सम्मानित भी किया गया


Body:त्यागराज स्टेडियम की पटरियों पर एक साथ व्हील चेयर दौड़ में 60 तंदुरुस्त और 40 व्हील चेयर उपयोगकर्ताओं के बीच यह दौड़ का आयोजन किया गया कार्यक्रम में देश भर के 40 स्कूलों और कॉलेजों में आयोजित पोस्टर प्रतियोगिता के विजेताओं को भी सम्मानित किया गया चंडीगढ़ स्पाइनल ऋषि रिहैबिलिटेशन सेंटर गंगा अस्पताल और अजय परमार और श्री नीरज यादव को क्षेत्र की रीढ़ की हड्डी के उपचार में काम कर चुके कई संगठनों और प्राप्त कर्ताओं को सम्मानित किया गया अंतर्राष्ट्रीय प्रथा अच्छे पेशेवरों को लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड भी दिए गए इसके अलावा लखनऊ घराने की एक जानी-मानी कथक नृत्यांगना रानी खानम में अपनी टीम के साथ एक समावेशी नृत्य प्रदर्शित किया जबकि एक रीढ़ की हड्डी में घायल मरीज ने भी प्रदर्शन प्रस्तुत किया जिसने दर्शकों से खूब तालियां बटोरी
दरअसल इस कार्यक्रम का आयोजन रीड की हड्डी की चोटों निवारक उपायों और उपचार के विकल्पों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए हर साल 5 सितंबर को विश्व रीढ़ की हड्डी दिवस मनाया जाता है साथ ही साथ दिव्यांग कलाकारों ने एक अलग अलग तरीके से अपने हुनर को प्रदर्शित किया और दर्शकों का मन जीत लिया


Conclusion:ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कार्यक्रम के संयोजक डॉक्टर यस यस छाबड़ा ने बताया कि रीड की हड्डी की चोट एक विशिष्ट शारीरिक और आर्थिक प्रभाव के साथ ही आजीवन बोझ बन सकती है उनमें से अधिकांश को एक सामान्य जीवन जीना मुश्किल लगता है क्योंकि आसपास विधाएं सक्षम लोगों के लिए होती हैं आज की घटना सक्षम घायल लोगों के साथ रीढ़ की हड्डी में चोट के साथ लाती है और केवल इस बात को उजागर करने के लिए की विकलांगता वाले लोगों की क्षमता सामान्य लोग नहीं है
byte-डॉ HS छाबड़ा
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