ETV Bharat / state

ISCCM ने अपने 28वें स्थापना दिवस पर कोविड में मारे गए योद्धाओं को श्रद्धांजलि दी - ISCCM ने योद्धाओं को श्रद्धांजलि दी

आईएससीसीएम (ISCCM) ने अपनी स्थापना की 28वीं वर्षगांठ पर भारतीय चिकित्सकों को क्लीनिकल ​​खोज में सबसे आगे रखने के लिए दो दिवसीय शोध संगोष्ठी का आयोजन किया.

ISCCM celebrated its 28th Foundation Day
ISCCM celebrated its 28th Foundation Day
author img

By

Published : Oct 9, 2021, 10:46 PM IST

नई दिल्ली : इंडियन सोसायटी फॉर क्रिटिकल केयर मेडिसिन (ISCCM) ने अपनी स्थापना की 28वीं वर्षगांठ को चिह्नित करने के लिए, निकट भविष्य में भारतीय चिकित्सकों को क्लीनिकल ​​अनुसंधान में सबसे आगे रखने के प्रयास के लिए दो दिवसीय शोध संगोष्ठी का आयोजन किया.

बुद्धिजीवियों की इस चर्चा में चिकित्सकों, विशेषज्ञों, नर्सों और तकनीशियनों सहित चिकित्सा क्षेत्र के 150 से अधिक लोगों ने भाग लिया. सभी चिकित्सा पेशेवरों ने उन बहादुर योद्धाओं को श्रद्धांजलि अर्पित की, जिनका जीवन कोरोना महामारी से असमय छीन लिया. साथ ही सभी पेशेवरों ने उनके निधन से हुई अपूरणीय क्षति की भरपाई करने का संकल्प भी लिया.

दो दिवसीय शोध संगोष्ठी का आयोजन
इस चर्चा में अस्पतालों में क्रिटिकल केयर यूनिट्स (CCU) के महत्व पर प्रकाश डाला गया, जो गंभीर रूप से बीमार रोगियों के जीवन को बचाने के लिए एक जीवन रक्षक साबित हुआ. सत्र में यह भी बताया गया कि इस तरह के कुशल और तकनीकी रूप से उन्नत केंद्रों की सख्त जरूरत के बावजूद इस मुद्दे पर कभी चर्चा नहीं की गई.

ISCCM का एकमात्र उद्देश्य क्रिटिकल केयर मेडिसिन के क्षेत्र में शिक्षा, ज्ञान विस्तार और कौशल विकास को जारी रखना है. इसका प्राथमिक कार्य क्रिटिकल केयर मेडिसिन के सभी चिकित्सकों को नियमित रूप से अकादमिक हितों पर चर्चा करने के साथ-साथ नई अवधारणाओं और विचारों को लागू करने के लिए एक मंच प्रदान करना है.

इस दौरान इंडियन सोसायटी फॉर क्रिटिकल केयर मेडिसिन के अध्यक्ष डॉ. दीपक गोविल ने कहा, 'हमारी शोध शाखा बहुत ही सक्रिय है, और बड़ी तेजी से आधार बना रही है. इस लिहाज से हमारा मानना है कि देश में नई पद्धतियों और अध्ययन के तौर-तरीकों की खोज के लिए युवा फिजिशियनों को प्रोत्साहित किया जाए.

साथ ही इस क्षेत्र के वरिष्ठ सहयोगियों के मार्गदर्शन में मौजूदा पद्धतियों में सुधार लाने के साधन तलाशे जाएं. देश में क्रिटिकल केयर विशेषज्ञों, नर्सों और तकनीशियनों की भारी कमी है. यह हकीकत कोविड 19 महामारी के दौरान सामने उभर कर आई. ISCCM इस कमी को पाटने के लिए शैक्षणिक और दक्षता विकास दोनों तरीके से कर्मियों को प्रशिक्षित करने में मददगार रही है.

भारत सरकार को अत्याधुनिक प्रणालियों पर पूरी तरह से चालू होने के लिए जिला और तालुका स्तर पर आईसीयू स्थापित करने की आवश्यकता है, और इनमें जितनी जल्दी हो सके प्रशिक्षित कर्मियों को ही नियुक्त किया जाए ताकि टर्शियरी केयर सेंटरों से दबाव कम हो सके. गहन देखभाल को आम आदमी के लिए अधिक सुलभ और वहनीय बनाने की आवश्यकता के साथ ISCCM आगे बढ़ रही है. साथ ही अपने ज्ञान और दक्षता से इसमें योगदान कर रही है.

इंडियन क्रिटिकल केयर निश्चित रूप से अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप है. ISCCM के कार्यों और प्रयासों को MCI ने मान्यता प्रदान की है. लेकिन अभी भी लंबा सफर तय करना है. 15 हजार से अधिक क्रिटिकल केयर विशेषज्ञों को साथ रखते हुए ISCCM सभी फिजिशियनों का संरक्षक और मार्गदर्शक बनी हुई है. उन्हें क्रिटिकल केयर मेडिसिन में विशेषज्ञ कोर्स करने या शोध मामलों पर काम करने के लिए तैयार कर रही है. साथ ही आधुनिक पद्धतियों और क्रिटिकल केयर दक्षताओं में खुद को अपडेट रखने वाले फिजिशियनों की भी मदद भी कर रही है.

सरकारी संस्थाओं के साथ ISCCM के एकीकृत कार्य निश्चित रूप से राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्रणाली में सुधार लाने में मदद करेगी. इस साल ISCCM दिवस मनाने का थीम कोविड 19 महामारी की त्रासदी से पीड़ित चिकित्सा पेशेवरों का साथ देना है.

इस दो दिवसीय सम्मेलन में चित्रकारी, फोटोग्राफी, ई-पोस्टर, आशु प्रतियोगिता का भी आयोजन किया जाएगा. क्रिटिकल केयर में चिकित्सा शिक्षा करियर की शुरुआत से लेकर अंत तक एक सतत प्रक्रिया है. इसी तरह प्रौद्योगिकी तरक्की भी एक निरंतर प्रक्रिया है. क्रिटिकल केयर विशेषज्ञों को इस केंद्र में इस्तेमाल होने वाले आधुनिक उपकरणों के बारे में अपडेट रहना चाहिए.

इस संगठन की मुख्य गतिविधि इस क्षेत्र के दिग्गजों द्वारा पूरे साल सेमिनार और अब वेबिनार (महामारी के दौर में) नियमित अंतराल पर शैक्षणिक व्याख्यान आयोजित कराना है. दक्षता स्टेशन और वर्कशॉप क्रिटिकल केयर प्रशिक्षण के आंतरिक हिस्से के तौर पर आयोजित किए जाते हैं.

नई दिल्ली : इंडियन सोसायटी फॉर क्रिटिकल केयर मेडिसिन (ISCCM) ने अपनी स्थापना की 28वीं वर्षगांठ को चिह्नित करने के लिए, निकट भविष्य में भारतीय चिकित्सकों को क्लीनिकल ​​अनुसंधान में सबसे आगे रखने के प्रयास के लिए दो दिवसीय शोध संगोष्ठी का आयोजन किया.

बुद्धिजीवियों की इस चर्चा में चिकित्सकों, विशेषज्ञों, नर्सों और तकनीशियनों सहित चिकित्सा क्षेत्र के 150 से अधिक लोगों ने भाग लिया. सभी चिकित्सा पेशेवरों ने उन बहादुर योद्धाओं को श्रद्धांजलि अर्पित की, जिनका जीवन कोरोना महामारी से असमय छीन लिया. साथ ही सभी पेशेवरों ने उनके निधन से हुई अपूरणीय क्षति की भरपाई करने का संकल्प भी लिया.

दो दिवसीय शोध संगोष्ठी का आयोजन
इस चर्चा में अस्पतालों में क्रिटिकल केयर यूनिट्स (CCU) के महत्व पर प्रकाश डाला गया, जो गंभीर रूप से बीमार रोगियों के जीवन को बचाने के लिए एक जीवन रक्षक साबित हुआ. सत्र में यह भी बताया गया कि इस तरह के कुशल और तकनीकी रूप से उन्नत केंद्रों की सख्त जरूरत के बावजूद इस मुद्दे पर कभी चर्चा नहीं की गई.

ISCCM का एकमात्र उद्देश्य क्रिटिकल केयर मेडिसिन के क्षेत्र में शिक्षा, ज्ञान विस्तार और कौशल विकास को जारी रखना है. इसका प्राथमिक कार्य क्रिटिकल केयर मेडिसिन के सभी चिकित्सकों को नियमित रूप से अकादमिक हितों पर चर्चा करने के साथ-साथ नई अवधारणाओं और विचारों को लागू करने के लिए एक मंच प्रदान करना है.

इस दौरान इंडियन सोसायटी फॉर क्रिटिकल केयर मेडिसिन के अध्यक्ष डॉ. दीपक गोविल ने कहा, 'हमारी शोध शाखा बहुत ही सक्रिय है, और बड़ी तेजी से आधार बना रही है. इस लिहाज से हमारा मानना है कि देश में नई पद्धतियों और अध्ययन के तौर-तरीकों की खोज के लिए युवा फिजिशियनों को प्रोत्साहित किया जाए.

साथ ही इस क्षेत्र के वरिष्ठ सहयोगियों के मार्गदर्शन में मौजूदा पद्धतियों में सुधार लाने के साधन तलाशे जाएं. देश में क्रिटिकल केयर विशेषज्ञों, नर्सों और तकनीशियनों की भारी कमी है. यह हकीकत कोविड 19 महामारी के दौरान सामने उभर कर आई. ISCCM इस कमी को पाटने के लिए शैक्षणिक और दक्षता विकास दोनों तरीके से कर्मियों को प्रशिक्षित करने में मददगार रही है.

भारत सरकार को अत्याधुनिक प्रणालियों पर पूरी तरह से चालू होने के लिए जिला और तालुका स्तर पर आईसीयू स्थापित करने की आवश्यकता है, और इनमें जितनी जल्दी हो सके प्रशिक्षित कर्मियों को ही नियुक्त किया जाए ताकि टर्शियरी केयर सेंटरों से दबाव कम हो सके. गहन देखभाल को आम आदमी के लिए अधिक सुलभ और वहनीय बनाने की आवश्यकता के साथ ISCCM आगे बढ़ रही है. साथ ही अपने ज्ञान और दक्षता से इसमें योगदान कर रही है.

इंडियन क्रिटिकल केयर निश्चित रूप से अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप है. ISCCM के कार्यों और प्रयासों को MCI ने मान्यता प्रदान की है. लेकिन अभी भी लंबा सफर तय करना है. 15 हजार से अधिक क्रिटिकल केयर विशेषज्ञों को साथ रखते हुए ISCCM सभी फिजिशियनों का संरक्षक और मार्गदर्शक बनी हुई है. उन्हें क्रिटिकल केयर मेडिसिन में विशेषज्ञ कोर्स करने या शोध मामलों पर काम करने के लिए तैयार कर रही है. साथ ही आधुनिक पद्धतियों और क्रिटिकल केयर दक्षताओं में खुद को अपडेट रखने वाले फिजिशियनों की भी मदद भी कर रही है.

सरकारी संस्थाओं के साथ ISCCM के एकीकृत कार्य निश्चित रूप से राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्रणाली में सुधार लाने में मदद करेगी. इस साल ISCCM दिवस मनाने का थीम कोविड 19 महामारी की त्रासदी से पीड़ित चिकित्सा पेशेवरों का साथ देना है.

इस दो दिवसीय सम्मेलन में चित्रकारी, फोटोग्राफी, ई-पोस्टर, आशु प्रतियोगिता का भी आयोजन किया जाएगा. क्रिटिकल केयर में चिकित्सा शिक्षा करियर की शुरुआत से लेकर अंत तक एक सतत प्रक्रिया है. इसी तरह प्रौद्योगिकी तरक्की भी एक निरंतर प्रक्रिया है. क्रिटिकल केयर विशेषज्ञों को इस केंद्र में इस्तेमाल होने वाले आधुनिक उपकरणों के बारे में अपडेट रहना चाहिए.

इस संगठन की मुख्य गतिविधि इस क्षेत्र के दिग्गजों द्वारा पूरे साल सेमिनार और अब वेबिनार (महामारी के दौर में) नियमित अंतराल पर शैक्षणिक व्याख्यान आयोजित कराना है. दक्षता स्टेशन और वर्कशॉप क्रिटिकल केयर प्रशिक्षण के आंतरिक हिस्से के तौर पर आयोजित किए जाते हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.