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आईपीसी का ये सेक्शन रोक सकता है चोरी और झपटमारी, जानिए कैसे?

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Published : Aug 27, 2020, 10:18 AM IST

दिल्ली पुलिस के पूर्व एसीपी वेदभूषण ने बताया कि अधिकांश मामलों में केवल चोर को पकड़ने के बाद पुलिस राहत की सांस लेती है. जबकि उन्हें चोरी एवं झपटमारी का माल खरीदने वालों पर एक्शन लेना चाहिए.

delhi crime graph
दिल्ली पुलिस के पूर्व एसीपी वेदभूषण

नई दिल्ली: चोरी एवं झपटमारी की वारदातों के बढ़ने का एक बड़ा कारण आसानी से सामान का बिक जाना है. सस्ती कीमत पर जौहरी, कबाड़ी या बाकी शख्स चोरी एवं झपटमारी के माल को खरीद लेते हैं. ऐसे खरीददारों के खिलाफ पुलिस सख्त एक्शन नहीं लेती है. आईपीसी में ऐसे आदतन खरीददारों के लिए एक खास सेक्शन है. जिसका इस्तेमाल करने पर उन्हें कड़ी सजा मिल सकती है. इतना ही नहीं उन्हें जमानत तक मिलना मुश्किल हो जाएगा.

जानिए कैसे अपराध में ला सकते हैं कमी
जानकारी के मुताबिक पुलिस कमिश्नर एसएन श्रीवास्तव ने हाल ही में आयोजित बैठक में निर्देश दिए हैं कि चोरी, झपटमारी एवं आर्म्स एक्ट के मामलों में अंतिम कड़ी तक पहुंचा जाए. अगर चोरी या झपटमारी हुई है तो न केवल अपराधी, बल्कि उससे सामान खरीदने वाले शख्स को भी पकड़ा जाए. इसी तरह से अगर कोई हथियार के साथ गिरफ्तार किया जाता है, तो इसे सप्लाई करने एवं बनाने वाले तक भी पुलिस को जाना चाहिए. ऐसा करने से इन अपराधों में कमी देखने को मिलेगी.
सेक्शन 413 का होना चाहिए इस्तेमाल


दिल्ली पुलिस के पूर्व एसीपी वेदभूषण ने बताया कि अधिकांश मामलों में केवल चोर को पकड़ने के बाद पुलिस राहत की सांस लेती है. जबकि उन्हें चोरी एवं झपटमारी का माल खरीदने वालों पर एक्शन लेना चाहिए. अगर ऐसे लोगों को पकड़ा भी जाता है तो उनके खिलाफ आईपीसी की धारा-411 के तहत कार्रवाई की जाती है.

जिसमें कम सजा का प्रावधान है. जबकि आदतन इस तरह के अपराध में लिप्त रहने वालों पर आईपीसी की धारा-413 के तहत कार्रवाई की जानी चाहिए. इस सेक्शन के तहत 10 वर्ष तक की सजा का प्रावधान है. इसमें गिरफ्तार होने वाले आरोपी को ज़मानत लेना भी आसान नहीं होता. लेकिन पुलिस इस सेक्शन का ज्यादा इस्तेमाल ही नहीं करती.



एक सेक्शन से कैसे कम होगी चोरी-झपटमारी


पूर्व एसीपी वेदभूषण ने बताया कि चोर एवं झपटमार इसलिए वारदात करते हैं, क्योंकि उनका सामान या गहने आसानी से बिक जाते हैं. इन्हें खरीदने वाले जौहरी या कबाड़ी को पता है कि अगर वो पकड़े जाएं, तो भी उन पर सख्त एक्शन नहीं होगा. लेकिन अगर ऐसे खरीददारों पर आईपीसी के सेक्शन-413 का इस्तेमाल होने लगा तो वो चोरी एवं झपटमारी का सामान खरीदने की हिम्मत नहीं करेंगे. उधर जब चोर एवं झपटमार का सामान बिकना बंद हो जाएगा, तो उन्हें वारदात करने से कोई लाभ नहीं होगा. उन्हें सामान की एवज में रुपये चाहिए जो मिलेंगे नहीं. ऐसे में चोरी एवं झपटमारी का ग्राफ अपने आप ही नीचे आ जायेगा.


पुलिस कमिश्नर दें निर्देश


पूर्व एसीपी वेदभूषण ने पुलिस कमिश्नर से मांग की है कि वो अपने सभी थानों के पुलिसकर्मियों को इस बाबत निर्देश दें. उन्हें बताया जाए कि बार-बार चोरी एवं झपटमारी का सामान खरीदने वालों के खिलाफ सेक्शन 413 का इस्तेमाल किया जाए. ऐसा करते ही दिल्ली में होने वाले इन अपराधों में आपको कमी देखने को मिल जाएगी. इससे जहां लोगों को अपराध से मुक्ति मिलेगी यो वहीं पुलिस का काम भी हल्का हो जाएगा.

नई दिल्ली: चोरी एवं झपटमारी की वारदातों के बढ़ने का एक बड़ा कारण आसानी से सामान का बिक जाना है. सस्ती कीमत पर जौहरी, कबाड़ी या बाकी शख्स चोरी एवं झपटमारी के माल को खरीद लेते हैं. ऐसे खरीददारों के खिलाफ पुलिस सख्त एक्शन नहीं लेती है. आईपीसी में ऐसे आदतन खरीददारों के लिए एक खास सेक्शन है. जिसका इस्तेमाल करने पर उन्हें कड़ी सजा मिल सकती है. इतना ही नहीं उन्हें जमानत तक मिलना मुश्किल हो जाएगा.

जानिए कैसे अपराध में ला सकते हैं कमी
जानकारी के मुताबिक पुलिस कमिश्नर एसएन श्रीवास्तव ने हाल ही में आयोजित बैठक में निर्देश दिए हैं कि चोरी, झपटमारी एवं आर्म्स एक्ट के मामलों में अंतिम कड़ी तक पहुंचा जाए. अगर चोरी या झपटमारी हुई है तो न केवल अपराधी, बल्कि उससे सामान खरीदने वाले शख्स को भी पकड़ा जाए. इसी तरह से अगर कोई हथियार के साथ गिरफ्तार किया जाता है, तो इसे सप्लाई करने एवं बनाने वाले तक भी पुलिस को जाना चाहिए. ऐसा करने से इन अपराधों में कमी देखने को मिलेगी. सेक्शन 413 का होना चाहिए इस्तेमाल


दिल्ली पुलिस के पूर्व एसीपी वेदभूषण ने बताया कि अधिकांश मामलों में केवल चोर को पकड़ने के बाद पुलिस राहत की सांस लेती है. जबकि उन्हें चोरी एवं झपटमारी का माल खरीदने वालों पर एक्शन लेना चाहिए. अगर ऐसे लोगों को पकड़ा भी जाता है तो उनके खिलाफ आईपीसी की धारा-411 के तहत कार्रवाई की जाती है.

जिसमें कम सजा का प्रावधान है. जबकि आदतन इस तरह के अपराध में लिप्त रहने वालों पर आईपीसी की धारा-413 के तहत कार्रवाई की जानी चाहिए. इस सेक्शन के तहत 10 वर्ष तक की सजा का प्रावधान है. इसमें गिरफ्तार होने वाले आरोपी को ज़मानत लेना भी आसान नहीं होता. लेकिन पुलिस इस सेक्शन का ज्यादा इस्तेमाल ही नहीं करती.



एक सेक्शन से कैसे कम होगी चोरी-झपटमारी


पूर्व एसीपी वेदभूषण ने बताया कि चोर एवं झपटमार इसलिए वारदात करते हैं, क्योंकि उनका सामान या गहने आसानी से बिक जाते हैं. इन्हें खरीदने वाले जौहरी या कबाड़ी को पता है कि अगर वो पकड़े जाएं, तो भी उन पर सख्त एक्शन नहीं होगा. लेकिन अगर ऐसे खरीददारों पर आईपीसी के सेक्शन-413 का इस्तेमाल होने लगा तो वो चोरी एवं झपटमारी का सामान खरीदने की हिम्मत नहीं करेंगे. उधर जब चोर एवं झपटमार का सामान बिकना बंद हो जाएगा, तो उन्हें वारदात करने से कोई लाभ नहीं होगा. उन्हें सामान की एवज में रुपये चाहिए जो मिलेंगे नहीं. ऐसे में चोरी एवं झपटमारी का ग्राफ अपने आप ही नीचे आ जायेगा.


पुलिस कमिश्नर दें निर्देश


पूर्व एसीपी वेदभूषण ने पुलिस कमिश्नर से मांग की है कि वो अपने सभी थानों के पुलिसकर्मियों को इस बाबत निर्देश दें. उन्हें बताया जाए कि बार-बार चोरी एवं झपटमारी का सामान खरीदने वालों के खिलाफ सेक्शन 413 का इस्तेमाल किया जाए. ऐसा करते ही दिल्ली में होने वाले इन अपराधों में आपको कमी देखने को मिल जाएगी. इससे जहां लोगों को अपराध से मुक्ति मिलेगी यो वहीं पुलिस का काम भी हल्का हो जाएगा.

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