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आज के युवा लेखकों में से ही भविष्य के भीष्म साहनी, महादेवी वर्मा और नामवर सिंह निकलेंगे: के. श्रीनिवास राव - Interview of Secretary of Sahitya Akademi

Interview of Secretary of Sahitya Akademi: देश में साहित्य और साहित्यकारों के साथ-साथ विभिन्न भाषाओं के संवर्द्धन के लिए साहित्य अकादमी काम करती है. आने वाले महीनों में बाल साहित्य पुरस्कार की घोषणा, 'पुस्तकायन' नामक पुस्तक प्रदर्शनी, युवा साहित्य पुरस्कार की घोषणा के साथ-साथ कई साहित्यकारों के जन्मशताब्दी समारोह का आयोजन होगा. ईटीवी भारत की टीम ने साहित्य अकादमी के सचिव के. श्रीनिवास राव से बातचीत की और उनसे इस संस्था के बारे में विस्तार से जाना...

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Aug 25, 2023, 7:28 AM IST

Updated : Aug 25, 2023, 6:37 PM IST

साहित्य अकादमी के सचिव के श्रीनिवास राव से बातचीत

नई दिल्ली: साहित्य अकादमी देश में साहित्य, साहित्यकारों, राष्ट्र भाषा और क्षेत्रीय भाषाओं के संवर्द्धन के लिए काम करने वाली देश की सबसे बड़ी संस्था है. यह संस्था लगातार देश के अलग-अलग राज्यों और अपने नई दिल्ली स्थित मुख्यालय में पूरे वर्ष कार्यक्रम करती है, जिसका लाभ साहित्यकारों और भाषाओं को भी मिलता है. साथ ही उत्कृष्ट कृतियों का चयन कर अकादमी प्रतिवर्ष अलग-अलग भाषाओं के साहित्यकारों को पुरस्कार प्रदान करती है, ताकि साहित्य और साहित्यकारों को बढ़ावा मिले और वह अपनी क्षेत्रीय भाषा में या राष्ट्र भाषा में साहित्य सृजन को जारी रख सकें.

इसके अतिरिक्त साहित्य अकादमी युवा साहित्यकारों को बढ़ावा देने के लिए एक योजना चला रही है, जिससे युवा साहित्यकार को भी आर्थिक रूप से मदद कर प्रोत्साहन दिया जाता है. लेखक सम्मेलन, दिव्यांग लेखक सम्मेलन, युवा लेखक सम्मेलन और अलग-अलग क्षेत्रीय भाषाओं के नाम से सम्मेलन और लेखक से मिलिए जैसे कार्यक्रमों का आयोजन कर साहित्य अकादमी साहित्य को बढ़ावा देने का कार्य करती है. अकादमी के ऐसे ही आयोजनों और उसकी युवा साहित्यकारों को बढ़ावा देने की भावी योजना, पुरस्कार वापसी के मुद्दे सहित कई अन्य विषयों को लेकर ETV भारत ने अकादमी के सचिव के. श्रीनिवास राव से विस्तृत बातचीत की. पेश है इसके प्रमुख अंश...

सवालः साहित्य अकादमी साहित्य, साहित्यकारों और भाषाओं के संवर्धन के लिए किस तरह से काम कर रही है?
जवाबः साहित्य अकादमी ने साहित्य, साहित्यकारों और भाषाओं को बढ़ावा देने के लिए तीन से 6 अगस्त तक हाल ही में मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में भारत ही नहीं, एशिया के सबसे बड़े लिटरेचर फेस्टिवल 'उन्मेष' का आयोजन किया. इसमें 101 भषाओं के 500 से ज्यादा साहित्यकारों ने भाग लिया. इनमें 13 अलग-अलग देशों से लेखक और साहित्य प्रेमी सम्मिलित हुए. सबसे अच्छी बात कि इनमें बड़ी संख्या में आदिवासी लेखक और एक चौथाई से ज्यादा युवा लेखक शामिल हुए. इन युवा लेखकों में से ही भविष्य के भीष्म साहनी, नामवर सिंह, महादेवी वर्मा जैसे बड़े साहित्यकार निकलेंगे.

सवाल: साहित्य अकादमी आने वाले दिनों में कौन-कौन से कार्यक्रमों का आयोजन करने जा रही है?
जवाब: साहित्य अकादमी नवंबर में बाल साहित्य पुरस्कार प्रदान करेगी. नवंबर में ही पुस्तकायन नाम से एक पुस्तक प्रदर्शनी का आयोजन होगा. इसके अलावा दिसंबर में साहित्य अकादमी पुरस्कारों की घोषणा होगी. जनवरी में युवा साहित्य पुरस्कार दिए जाएंगे, जिनकी घोषणा जून में हो चुकी है. इसके अलावा हिंदी के बड़े लेखकों अमृत राय, नरेश मेहता, हरिशंकर परसाई और रांगेय राघव की इस साल जन्मशताब्दी भी है, जिसे साहित्य अकादमी मनाएगी.

सवाल: जिस तरह से केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करके उसमें क्षेत्रीय भाषाओं को बढ़ावा देने पर जोर दिया है. उस तरह से क्या साहित्य अकादमी को भी क्षेत्रीय भाषाओं को बढ़ावा देने के लिए सरकार की तरफ से कोई लक्ष्य दिया गया है?
जवाब: क्षेत्रीय भाषाओं को प्रमोट करने का कार्य साहित्य अकादमी पहले से ही कर रही है. इसके अलावा बाल साहित्य को भी प्रमोट किया जा रहा है. इसके लिए बाल साहित्य पुरस्कार दिए जा रहे हैं. साथ ही बाल साहित्य पुरस्कार से सम्मानित पुस्तक को अनुवाद करके दूसरी भाषाओं में छाप भी रहे हैं, जिससे दूसरी भाषाओं और लेखक दोनों को प्रोत्साहन मिल रहा है.

सवाल: किसी नए युवा लेखक जिसने अपनी कोई पुस्तक लिखी है और उसको प्रकाशित करने के लिए उसके पास पैसे नहीं है तो उसको बढ़ावा देने के लिए आपके पास क्या योजना है?
जवाब: ऐसे युवा लेखक के लिए साहित्य अकादमी एक नवोदय योजना चलाती है. इसके अंतर्गत किसी भी युवा लेखक की कोई भी पहली रचना होनी चाहिए. इससे पहले कभी भी कहीं कोई भी रचना प्रकाशित नहीं हो. इस तरह का हम एक वचन पत्र लेखक से भरवाते हैं. फिर उसके लेखन को किसी वरिष्ठ साहित्यकार को पढ़ने के लिए देते हैं. जब साहित्यकार पढ़ने के बाद उस कंटेंट को छापने योग्य बताते हैं तो फिर साहित्य अकादमी उनसे उसकी भूमिका लिखने के लिए कहती है. फिर अपने खर्चे पर उस कंटेंट को छापकर पुस्तक का रूप देती है. फिर उसकी बिक्री करती है और उसकी बिक्री से जो आय प्राप्त होती है उसकी 15 प्रतिशत रॉयल्टी युवा लेखक को देती है. यह रॉयल्टी बिक्री होने के साथ-साथ आगे भी उस युवा लेखक को अन्य साहित्यकारों की तरह मिलती रहती है. साथ ही 10 से 15 निशुल्क कॉपी भी लेखक को प्रदान की जाती हैं. यह एक प्रोत्साहन योजना साहित्य अकादमी द्वारा चलाई जा रही है. यह 24 भारतीय भाषाओं में चलाई जा रही है.

सवाल: साहित्य अकादमी की युवा लेखकों के लिए ट्रैवल ग्रांट स्कीम क्या है? इसका लाभ कैसे मिलता है?
जवाब: जब कोई हिंदी भाषी राज्य का लेखक दूसरी भाषा वाले राज्य में जाकर उसकी भाषा का अध्ययन, वहां की संस्कृति, वहां की विरासत या उस राज्य की भाषा के बड़े लेखक से कुछ समझना और सीखना चाहता है. या कोई कन्नड़ लेखक मराठी राज्य में जाकर वहां के साहित्यिक एवं सांस्कृतिक संस्थानों का दौरा करके अध्ययन करना चाहता है तो उसको ट्रैवल ग्रांट योजना के तहत आर्थिक सहायता दी जाती है. इसके लिए शर्त यह है कि लेखक की उम्र 40 साल से कम होनी चाहिए.

सवाल: युवा पुरस्कार के लिए लेखक की क्या उम्र होनी चाहिए और उसमें पुरस्कार स्वरूप कितनी धनराशि दी जाती है?
जवाब: युवा पुरस्कार के लिए आवेदन करने वाले लेखक की उम्र 35 साल से कम होनी चाहिए. इस पुरस्कार के लिए जब युवा लेखक की किसी रचना का चयन होता है तो उसे 50 हजार रुपए की धनराशि साहित्य अकादमी की ओर से पुरस्कार स्वरूप प्रदान की जाती है.

सवाल: 2014 में कुछ लेखकों ने साहित्य अकादमी से मिले पुरस्कार वापस कर दिए थे, जो एक बहुत बड़ा मुद्दा बना था. इसे आप कैसे देखते हैं?
जवाब: 2014 में नहीं 2015 में साहित्य अकादमी से पुरस्कार लेने वाले 29 लेखकों ने अपने पुरस्कार वापस किए थे. इन लेखकों को करीब 30 साल पहले पुरस्कार दिए गए थे. यह पुरस्कार उनकी सहमति से दिए गए थे और अपनी सहमति से उन्होंने लिए थे. साहित्य अकादमी के संविधान में कहीं भी यह चीज नहीं लिखी हुई है कि जो पुरस्कार दिया गया है, उसको वापस लिया जा सकता है. इसलिए उन्होंने जिस भी चीज को ध्यान में रखकर पुरस्कार वापस किया हो साहित्य अकादमी का उससे कोई लेना-देना नहीं है और ना ही साहित्य अकादमी किसी पुरस्कार को वापस ले सकती है.

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साहित्य अकादमी के सचिव के श्रीनिवास राव से बातचीत

नई दिल्ली: साहित्य अकादमी देश में साहित्य, साहित्यकारों, राष्ट्र भाषा और क्षेत्रीय भाषाओं के संवर्द्धन के लिए काम करने वाली देश की सबसे बड़ी संस्था है. यह संस्था लगातार देश के अलग-अलग राज्यों और अपने नई दिल्ली स्थित मुख्यालय में पूरे वर्ष कार्यक्रम करती है, जिसका लाभ साहित्यकारों और भाषाओं को भी मिलता है. साथ ही उत्कृष्ट कृतियों का चयन कर अकादमी प्रतिवर्ष अलग-अलग भाषाओं के साहित्यकारों को पुरस्कार प्रदान करती है, ताकि साहित्य और साहित्यकारों को बढ़ावा मिले और वह अपनी क्षेत्रीय भाषा में या राष्ट्र भाषा में साहित्य सृजन को जारी रख सकें.

इसके अतिरिक्त साहित्य अकादमी युवा साहित्यकारों को बढ़ावा देने के लिए एक योजना चला रही है, जिससे युवा साहित्यकार को भी आर्थिक रूप से मदद कर प्रोत्साहन दिया जाता है. लेखक सम्मेलन, दिव्यांग लेखक सम्मेलन, युवा लेखक सम्मेलन और अलग-अलग क्षेत्रीय भाषाओं के नाम से सम्मेलन और लेखक से मिलिए जैसे कार्यक्रमों का आयोजन कर साहित्य अकादमी साहित्य को बढ़ावा देने का कार्य करती है. अकादमी के ऐसे ही आयोजनों और उसकी युवा साहित्यकारों को बढ़ावा देने की भावी योजना, पुरस्कार वापसी के मुद्दे सहित कई अन्य विषयों को लेकर ETV भारत ने अकादमी के सचिव के. श्रीनिवास राव से विस्तृत बातचीत की. पेश है इसके प्रमुख अंश...

सवालः साहित्य अकादमी साहित्य, साहित्यकारों और भाषाओं के संवर्धन के लिए किस तरह से काम कर रही है?
जवाबः साहित्य अकादमी ने साहित्य, साहित्यकारों और भाषाओं को बढ़ावा देने के लिए तीन से 6 अगस्त तक हाल ही में मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में भारत ही नहीं, एशिया के सबसे बड़े लिटरेचर फेस्टिवल 'उन्मेष' का आयोजन किया. इसमें 101 भषाओं के 500 से ज्यादा साहित्यकारों ने भाग लिया. इनमें 13 अलग-अलग देशों से लेखक और साहित्य प्रेमी सम्मिलित हुए. सबसे अच्छी बात कि इनमें बड़ी संख्या में आदिवासी लेखक और एक चौथाई से ज्यादा युवा लेखक शामिल हुए. इन युवा लेखकों में से ही भविष्य के भीष्म साहनी, नामवर सिंह, महादेवी वर्मा जैसे बड़े साहित्यकार निकलेंगे.

सवाल: साहित्य अकादमी आने वाले दिनों में कौन-कौन से कार्यक्रमों का आयोजन करने जा रही है?
जवाब: साहित्य अकादमी नवंबर में बाल साहित्य पुरस्कार प्रदान करेगी. नवंबर में ही पुस्तकायन नाम से एक पुस्तक प्रदर्शनी का आयोजन होगा. इसके अलावा दिसंबर में साहित्य अकादमी पुरस्कारों की घोषणा होगी. जनवरी में युवा साहित्य पुरस्कार दिए जाएंगे, जिनकी घोषणा जून में हो चुकी है. इसके अलावा हिंदी के बड़े लेखकों अमृत राय, नरेश मेहता, हरिशंकर परसाई और रांगेय राघव की इस साल जन्मशताब्दी भी है, जिसे साहित्य अकादमी मनाएगी.

सवाल: जिस तरह से केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करके उसमें क्षेत्रीय भाषाओं को बढ़ावा देने पर जोर दिया है. उस तरह से क्या साहित्य अकादमी को भी क्षेत्रीय भाषाओं को बढ़ावा देने के लिए सरकार की तरफ से कोई लक्ष्य दिया गया है?
जवाब: क्षेत्रीय भाषाओं को प्रमोट करने का कार्य साहित्य अकादमी पहले से ही कर रही है. इसके अलावा बाल साहित्य को भी प्रमोट किया जा रहा है. इसके लिए बाल साहित्य पुरस्कार दिए जा रहे हैं. साथ ही बाल साहित्य पुरस्कार से सम्मानित पुस्तक को अनुवाद करके दूसरी भाषाओं में छाप भी रहे हैं, जिससे दूसरी भाषाओं और लेखक दोनों को प्रोत्साहन मिल रहा है.

सवाल: किसी नए युवा लेखक जिसने अपनी कोई पुस्तक लिखी है और उसको प्रकाशित करने के लिए उसके पास पैसे नहीं है तो उसको बढ़ावा देने के लिए आपके पास क्या योजना है?
जवाब: ऐसे युवा लेखक के लिए साहित्य अकादमी एक नवोदय योजना चलाती है. इसके अंतर्गत किसी भी युवा लेखक की कोई भी पहली रचना होनी चाहिए. इससे पहले कभी भी कहीं कोई भी रचना प्रकाशित नहीं हो. इस तरह का हम एक वचन पत्र लेखक से भरवाते हैं. फिर उसके लेखन को किसी वरिष्ठ साहित्यकार को पढ़ने के लिए देते हैं. जब साहित्यकार पढ़ने के बाद उस कंटेंट को छापने योग्य बताते हैं तो फिर साहित्य अकादमी उनसे उसकी भूमिका लिखने के लिए कहती है. फिर अपने खर्चे पर उस कंटेंट को छापकर पुस्तक का रूप देती है. फिर उसकी बिक्री करती है और उसकी बिक्री से जो आय प्राप्त होती है उसकी 15 प्रतिशत रॉयल्टी युवा लेखक को देती है. यह रॉयल्टी बिक्री होने के साथ-साथ आगे भी उस युवा लेखक को अन्य साहित्यकारों की तरह मिलती रहती है. साथ ही 10 से 15 निशुल्क कॉपी भी लेखक को प्रदान की जाती हैं. यह एक प्रोत्साहन योजना साहित्य अकादमी द्वारा चलाई जा रही है. यह 24 भारतीय भाषाओं में चलाई जा रही है.

सवाल: साहित्य अकादमी की युवा लेखकों के लिए ट्रैवल ग्रांट स्कीम क्या है? इसका लाभ कैसे मिलता है?
जवाब: जब कोई हिंदी भाषी राज्य का लेखक दूसरी भाषा वाले राज्य में जाकर उसकी भाषा का अध्ययन, वहां की संस्कृति, वहां की विरासत या उस राज्य की भाषा के बड़े लेखक से कुछ समझना और सीखना चाहता है. या कोई कन्नड़ लेखक मराठी राज्य में जाकर वहां के साहित्यिक एवं सांस्कृतिक संस्थानों का दौरा करके अध्ययन करना चाहता है तो उसको ट्रैवल ग्रांट योजना के तहत आर्थिक सहायता दी जाती है. इसके लिए शर्त यह है कि लेखक की उम्र 40 साल से कम होनी चाहिए.

सवाल: युवा पुरस्कार के लिए लेखक की क्या उम्र होनी चाहिए और उसमें पुरस्कार स्वरूप कितनी धनराशि दी जाती है?
जवाब: युवा पुरस्कार के लिए आवेदन करने वाले लेखक की उम्र 35 साल से कम होनी चाहिए. इस पुरस्कार के लिए जब युवा लेखक की किसी रचना का चयन होता है तो उसे 50 हजार रुपए की धनराशि साहित्य अकादमी की ओर से पुरस्कार स्वरूप प्रदान की जाती है.

सवाल: 2014 में कुछ लेखकों ने साहित्य अकादमी से मिले पुरस्कार वापस कर दिए थे, जो एक बहुत बड़ा मुद्दा बना था. इसे आप कैसे देखते हैं?
जवाब: 2014 में नहीं 2015 में साहित्य अकादमी से पुरस्कार लेने वाले 29 लेखकों ने अपने पुरस्कार वापस किए थे. इन लेखकों को करीब 30 साल पहले पुरस्कार दिए गए थे. यह पुरस्कार उनकी सहमति से दिए गए थे और अपनी सहमति से उन्होंने लिए थे. साहित्य अकादमी के संविधान में कहीं भी यह चीज नहीं लिखी हुई है कि जो पुरस्कार दिया गया है, उसको वापस लिया जा सकता है. इसलिए उन्होंने जिस भी चीज को ध्यान में रखकर पुरस्कार वापस किया हो साहित्य अकादमी का उससे कोई लेना-देना नहीं है और ना ही साहित्य अकादमी किसी पुरस्कार को वापस ले सकती है.

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Last Updated : Aug 25, 2023, 6:37 PM IST
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