नई दिल्ली : जैसे जैसे दशहरा नजदीक आ रहा है वैसे वैसे रामलीलाओं का मंचन और भी रोचक होता जा रहा है . रामलीलाओं में कहीं सीता राम विवाह तो कहीं श्री राम के राज्याभिषेक की घोषणा का मंचन किया जा रहा है. अलग अलग रामलीलाओं की अलग विशेषता है. नव श्री धार्मिक लीला कमेटी के महामंत्री जगमोहन गोटेवाला ने बताया कि यहां के रामलीला की खास बात ये है कि जिस रथ पर सवार होकर श्रीराम बारात लाते हैं. वह लगभग 75 सला पुराना है. कमेटी ने इसको धरोहर के तौर पर रखा है. और हर वर्ष इसी रथ पर श्रीराम की बरात निकलती है .
दिल्ली के अजमेरी गेट स्थित रामलीला मैदान में आयोजित होने वाली श्री रामलीला समिति के उपमंत्री ललित मित्तल ने बताया कि चौथे दिन श्री राम विवाह, जानकी विदाई, राम के राज तिलक को घोषणा, मंथरा द्वारा कैकई की बुद्धि भ्रमित करना. कैकई द्वारा दशरथ जी से वरदान मांगना और श्री राम के वन आगमन का मंचन किया जा रहा है . साथ ही उन्होंने बताया कि यहां समिति 222 वर्षों से लगातार रामलीला का मंचन कर रही है .
वहीं पूर्वी दिल्ली के आईपी एक्सटेंशन में रामलीला का आयोजन करने वाली श्री रामलीला कमेटी इंद्रप्रस्थ के कोषाध्यक्ष में प्रमोद अग्रवाल ने बताया कि चौथे दिन की लीला में सीता-राम विवाह, प्रभु श्री राम का वनगमन, कैकई-मंथरा संवाद आदि का मंचन किया जाएगा. जैसे-जैसे दशहरा नज़दीक आ रहा है रामलीलाओं में भीड़ बढ़ रही है .वेस्ट दिल्ली के सुभाष नगर में आयोजित सुभाष नगर रामलीला कमेटी के प्रधान राजीव बहल ने बताया कि रामलीला के कलाकारों द्वारा श्री राम विवाह, राज्याभिषेक की घोषणा, कैकेयी दशरथ संवाद, श्री राम वनगमन और अंत में चित्रकूट में भरत-मिलाप का मंचन किया जाएगा. मंचन के दौरान जितने भी गीत प्रस्तुत किए जाते हैं, उनका लेखन और गायन इन्हीं कलाकारों के द्वारा किया जाता है .
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