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नामांकन के बाद प्रचार में उतरने की जगह नाराज कार्यकर्ताओं को मनाने में जुटी सभी पार्टियां

दिल्ली नगर निगम चुनाव (MCD Election in Delhi) के लिए नामांकन प्रक्रिया पूरी हो गई है और सभी पार्टियों ने अपने-अपने प्रत्याशियों का चुनाव भी कर लिया है. ऐसे में जिन उम्मीदवारों को उनकी पार्टी की तरफ से टिकट नहीं मिला है वो पार्टी से नाराज हैं और दूसरी पार्टियों में शामिल हो रहे हैं. ऐसे में सभी पार्टियां चुनाव प्रचार के लिए अपने-अपने कार्यकर्ताओं को मानाने में लग गई है.

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Published : Nov 16, 2022, 5:58 PM IST

Updated : Nov 16, 2022, 7:52 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली नगर निगम चुनाव (MCD Election 2022) के लिए प्रत्याशियों के नाम का ऐलान करना राजनीतिक दलों के लिए बड़ी चुनौती थी. लेकिन अब उससे बड़ी चुनौती राजनीतिक दल व प्रत्याशियों के सामने चुनाव प्रचार करने से पहले नाराज कार्यकर्ताओं को मनाना है. निगम चुनाव में मुख्य मुकाबला आम आदमी पार्टी, बीजेपी के बीच है. दोनों ही पार्टी के मुख्यालय में पार्टी छोड़कर आए हुए पदाधिकारी व कार्यकर्ताओं को शामिल किया जा रहा है. आम आदमी पार्टी से नाराज कार्यकर्ता बीजेपी में शामिल हो रहे हैं,(Angry Workers of AAP join BJP) तो बीजेपी और कांग्रेस के तवज्जो नहीं दिए जाने से नाराज कार्यकर्ता आम आदमी पार्टी में भी शामिल हो रहे हैं. यह सिलसिला पिछले तीन दिनों से जारी है.

4 दिसंबर को निगम चुनाव के लिए मतदान होगा. दो दिसंबर की शाम तक प्रत्याशी अपने-अपने क्षेत्र में चुनाव प्रचार करेंगे. इस दौरान पार्टी के बड़े नेताओं की सभाएं और रोड शो भी होंगे. चुनाव प्रचार के लिए मात्र 15-16 दिन ही बचें हैं. प्रत्याशी व पार्टी के पदाधिकारी नाराज कार्यकर्ताओं को मनाने में जुटे हैं. क्योंकि अगर वह नहीं मानें तो खामियाजा प्रत्याशियों को भुगतना पड़ेगा और इसी कोशिश में आम आदमी पार्टी तो बीजेपी के नेता जुटे हुए हैं. आम आदमी पार्टी के निगम चुनाव प्रभारी दुर्गेश पाठक ने कहा कि 250 निगम वार्डों के लिए 20 हजार से अधिक कार्यकर्ताओं ने आवेदन किया था. जाहिर है 19,750 कार्यकर्ताओं को टिकट नहीं मिला है तो वह मायूस हैं. संभलने में थोड़ा वक्त लगता है, लेकिन सब प्रत्याशियों के जिताने के लिए काम करेंगे यह उम्मीद है.

कार्यकर्ताओं की नाराजगी का आलम यह है कि प्रदेश बीजेपी कार्यालय में मंगलवार को सुबह धूमधाम से आम आदमी पार्टी के कुछ कार्यकर्ताओं की जॉइनिंग कराई गई, मगर शाम होते-होते उनमें से कुछ बीजेपी का साथ छोड़ कर फिर से आम आदमी पार्टी में चले गए. पूर्व केंद्रीय मंत्री व बीजेपी नेता विजय गोयल और विधानसभा में विपक्ष के नेता रामवीर सिंह बिधूड़ी की मौजूदगी में आप के कुछ नेताओं ने बीजेपी ज्वाइन की थी, मगर शाम होते-होते शाहदरा वार्ड संख्या 215 के आम आदमी पार्टी के इंचार्ज पवन शर्मा और वार्ड के संगठन मंत्री दीपक सिंधु वापस आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए. आप नेता व विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल ने दोनों को फिर से औपचारिक तरीके से पार्टी में शामिल कराया. उन्होंने बताया कि वरिष्ठ पदाधिकारियों से बातचीत के बाद वे फिर से आप में शामिल हो गए हैं. बीजेपी सांसद प्रवेश वर्मा और पार्टी नेता कृष्ण गहलोत ने उत्तम नगर से आम आदमी पार्टी के पूर्व प्रत्याशी नसीब सिंह और आपके राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य रहे विकास खुराना को पार्टी में शामिल कराया है.

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ये भी पढ़ें: सत्येंद्र जैन जमानत: लंबी सुनवाई, केस ट्रांसफर जैसी कई कानूनी दुश्वारियों के बाद अब कल आएगा फैसला

निगम चुनाव में प्रत्याशियों के चयन में हुई फजीहत के बाद प्रदेश बीजेपी नेतृत्व ने अब अपने पुराने कार्यकर्ताओं को साधने का काम शुरू कर दिया है. जानकारों की मानें तो पार्टी नेतृत्व जल्द ही अब अपने पुराने एवं वरिष्ठ कार्यकर्ताओं को जिलेवार जिम्मेदारी देने की तैयारी में है, जिससे चुनाव में आंतरिक विरोध को दूर किया जा सके. हालांकि पार्टी ने सोमवार को जल्दबाजी में छह जिलाध्यक्षों की नियुक्ति की घोषणा कर दी‚ लेकिन थोड़़ी देर के बाद ही यह निर्णय वापस लेना पड़़ा. पार्टी सूत्रों की मानें तो टिकटों में भेदभाव को लेकर अभी भी प्रदेश के कुछ पदाधिकारी कार्यकर्ताओं के निशाने पर हैं.

आरोप है कि इस पदाधिकारी ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर कुछ महिला पदाधिकारियों को टिकट दिया है. जबकि इन महिला दावेदारों के सामने पार्टी के अन्य मजबूत कार्यकर्ता भी टिकट के दावेदार थे. प्रदेश बीजेपी में दिल्ली नगर निगम चुनाव में टिकटों के बंटबारे का काम भले ही पूरा हो गया है‚ लेकिन पार्टी के अंदर बगावत चल रही है. इसकी वजह प्रदेश के कुछ वरिष्ठ पदाधिकारियों ने मजबूत कार्यकर्ताओं की अनदेखी करते हुए चहेतों को टिकट देना बतायी जा रही है. सूत्रों का कहना है कि पार्टी नेतृत्व ने निर्णय लिया है कि वह हर जिले में प्रभारी के रूप में पार्टी के एक वरिष्ठ कार्यकर्ताओं की नियुक्ति करेगी. यह प्रभारी जिले के सभी उम्मीदवारों और प्रदेश पदाधिकारियों के बीच सामंजस्य बैठाकर काम करेगा. इसके पीछे पार्टी का कहना है कि इससे जहां वरिष्ठ पदाधिकारियों को सम्मान मिलेगा‚ वहीं चुनाव को भी धार देने में मदद मिलेगी.

ये भी पढ़ें: आम आदमी पार्टी ने 70 लाख से 1 करोड़ रुपये में बेची टिकटें: रमेश बिधूड़ी

बता दें कि बीजेपी में विरोध का ही नतीजा है कि टिकट जारी होने के बाद नामांकन के अंतिम दिन आठ प्रत्याशियों के टिकट बदलने पड़े. इसमें महरौली वार्ड से आरती यादव के स्थान पर इंदू शर्मा को टिकट दिया है. वार्ड सैदुल्लाजाब से रामपाल यादव को बदलकर कमल यादव को टिकट दिया है. मधुर विहार वार्ड़ से शैलेंद्री प्रधान को बदलकर सुषमा राठी को टिकट दिया है. संगम विहार वार्ड से सविता देवी को बदलकर नीरज गुप्ता की पत्नी को टिकट दिया है. जनकपुरी दक्षिण से वीना रानी गर्ग की जगह आकृति का उम्मीदवार बनाया है. फतेह नगर वार्ड़ से मुकुल अग्रवाल को बदलकर इंदर कौर लवली को टिकट दिया है. इसी तरह मुंड़का वार्ड 35 से गजेंद्र दराल को बदल कर अरुण दलाल को उम्मीदवार बनाया है. पूर्वी दिल्ली के हर्ष विहार से लIमी माहौर को बदलकर विजेंद्र को उम्मीदवार बनाया है. सुंदर नगरी वार्ड से रेनू को टिकट दिया है.

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नई दिल्ली: दिल्ली नगर निगम चुनाव (MCD Election 2022) के लिए प्रत्याशियों के नाम का ऐलान करना राजनीतिक दलों के लिए बड़ी चुनौती थी. लेकिन अब उससे बड़ी चुनौती राजनीतिक दल व प्रत्याशियों के सामने चुनाव प्रचार करने से पहले नाराज कार्यकर्ताओं को मनाना है. निगम चुनाव में मुख्य मुकाबला आम आदमी पार्टी, बीजेपी के बीच है. दोनों ही पार्टी के मुख्यालय में पार्टी छोड़कर आए हुए पदाधिकारी व कार्यकर्ताओं को शामिल किया जा रहा है. आम आदमी पार्टी से नाराज कार्यकर्ता बीजेपी में शामिल हो रहे हैं,(Angry Workers of AAP join BJP) तो बीजेपी और कांग्रेस के तवज्जो नहीं दिए जाने से नाराज कार्यकर्ता आम आदमी पार्टी में भी शामिल हो रहे हैं. यह सिलसिला पिछले तीन दिनों से जारी है.

4 दिसंबर को निगम चुनाव के लिए मतदान होगा. दो दिसंबर की शाम तक प्रत्याशी अपने-अपने क्षेत्र में चुनाव प्रचार करेंगे. इस दौरान पार्टी के बड़े नेताओं की सभाएं और रोड शो भी होंगे. चुनाव प्रचार के लिए मात्र 15-16 दिन ही बचें हैं. प्रत्याशी व पार्टी के पदाधिकारी नाराज कार्यकर्ताओं को मनाने में जुटे हैं. क्योंकि अगर वह नहीं मानें तो खामियाजा प्रत्याशियों को भुगतना पड़ेगा और इसी कोशिश में आम आदमी पार्टी तो बीजेपी के नेता जुटे हुए हैं. आम आदमी पार्टी के निगम चुनाव प्रभारी दुर्गेश पाठक ने कहा कि 250 निगम वार्डों के लिए 20 हजार से अधिक कार्यकर्ताओं ने आवेदन किया था. जाहिर है 19,750 कार्यकर्ताओं को टिकट नहीं मिला है तो वह मायूस हैं. संभलने में थोड़ा वक्त लगता है, लेकिन सब प्रत्याशियों के जिताने के लिए काम करेंगे यह उम्मीद है.

कार्यकर्ताओं की नाराजगी का आलम यह है कि प्रदेश बीजेपी कार्यालय में मंगलवार को सुबह धूमधाम से आम आदमी पार्टी के कुछ कार्यकर्ताओं की जॉइनिंग कराई गई, मगर शाम होते-होते उनमें से कुछ बीजेपी का साथ छोड़ कर फिर से आम आदमी पार्टी में चले गए. पूर्व केंद्रीय मंत्री व बीजेपी नेता विजय गोयल और विधानसभा में विपक्ष के नेता रामवीर सिंह बिधूड़ी की मौजूदगी में आप के कुछ नेताओं ने बीजेपी ज्वाइन की थी, मगर शाम होते-होते शाहदरा वार्ड संख्या 215 के आम आदमी पार्टी के इंचार्ज पवन शर्मा और वार्ड के संगठन मंत्री दीपक सिंधु वापस आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए. आप नेता व विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल ने दोनों को फिर से औपचारिक तरीके से पार्टी में शामिल कराया. उन्होंने बताया कि वरिष्ठ पदाधिकारियों से बातचीत के बाद वे फिर से आप में शामिल हो गए हैं. बीजेपी सांसद प्रवेश वर्मा और पार्टी नेता कृष्ण गहलोत ने उत्तम नगर से आम आदमी पार्टी के पूर्व प्रत्याशी नसीब सिंह और आपके राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य रहे विकास खुराना को पार्टी में शामिल कराया है.

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निगम चुनाव में प्रत्याशियों के चयन में हुई फजीहत के बाद प्रदेश बीजेपी नेतृत्व ने अब अपने पुराने कार्यकर्ताओं को साधने का काम शुरू कर दिया है. जानकारों की मानें तो पार्टी नेतृत्व जल्द ही अब अपने पुराने एवं वरिष्ठ कार्यकर्ताओं को जिलेवार जिम्मेदारी देने की तैयारी में है, जिससे चुनाव में आंतरिक विरोध को दूर किया जा सके. हालांकि पार्टी ने सोमवार को जल्दबाजी में छह जिलाध्यक्षों की नियुक्ति की घोषणा कर दी‚ लेकिन थोड़़ी देर के बाद ही यह निर्णय वापस लेना पड़़ा. पार्टी सूत्रों की मानें तो टिकटों में भेदभाव को लेकर अभी भी प्रदेश के कुछ पदाधिकारी कार्यकर्ताओं के निशाने पर हैं.

आरोप है कि इस पदाधिकारी ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर कुछ महिला पदाधिकारियों को टिकट दिया है. जबकि इन महिला दावेदारों के सामने पार्टी के अन्य मजबूत कार्यकर्ता भी टिकट के दावेदार थे. प्रदेश बीजेपी में दिल्ली नगर निगम चुनाव में टिकटों के बंटबारे का काम भले ही पूरा हो गया है‚ लेकिन पार्टी के अंदर बगावत चल रही है. इसकी वजह प्रदेश के कुछ वरिष्ठ पदाधिकारियों ने मजबूत कार्यकर्ताओं की अनदेखी करते हुए चहेतों को टिकट देना बतायी जा रही है. सूत्रों का कहना है कि पार्टी नेतृत्व ने निर्णय लिया है कि वह हर जिले में प्रभारी के रूप में पार्टी के एक वरिष्ठ कार्यकर्ताओं की नियुक्ति करेगी. यह प्रभारी जिले के सभी उम्मीदवारों और प्रदेश पदाधिकारियों के बीच सामंजस्य बैठाकर काम करेगा. इसके पीछे पार्टी का कहना है कि इससे जहां वरिष्ठ पदाधिकारियों को सम्मान मिलेगा‚ वहीं चुनाव को भी धार देने में मदद मिलेगी.

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बता दें कि बीजेपी में विरोध का ही नतीजा है कि टिकट जारी होने के बाद नामांकन के अंतिम दिन आठ प्रत्याशियों के टिकट बदलने पड़े. इसमें महरौली वार्ड से आरती यादव के स्थान पर इंदू शर्मा को टिकट दिया है. वार्ड सैदुल्लाजाब से रामपाल यादव को बदलकर कमल यादव को टिकट दिया है. मधुर विहार वार्ड़ से शैलेंद्री प्रधान को बदलकर सुषमा राठी को टिकट दिया है. संगम विहार वार्ड से सविता देवी को बदलकर नीरज गुप्ता की पत्नी को टिकट दिया है. जनकपुरी दक्षिण से वीना रानी गर्ग की जगह आकृति का उम्मीदवार बनाया है. फतेह नगर वार्ड़ से मुकुल अग्रवाल को बदलकर इंदर कौर लवली को टिकट दिया है. इसी तरह मुंड़का वार्ड 35 से गजेंद्र दराल को बदल कर अरुण दलाल को उम्मीदवार बनाया है. पूर्वी दिल्ली के हर्ष विहार से लIमी माहौर को बदलकर विजेंद्र को उम्मीदवार बनाया है. सुंदर नगरी वार्ड से रेनू को टिकट दिया है.

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Last Updated : Nov 16, 2022, 7:52 PM IST
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