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5.16 लाख CCTV कैमरों से लैस होंगी ट्रेनें, बढ़ेगी सुरक्षा व संरक्षा - CCTV cameras in trains

CCTV cameras in trains: जल्द ही सभी ट्रेनों में  सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे. जिससे सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता होगी. मार्च तक इसका काम पूरा हो जाएगा. रेलवे की ओर से टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी गई है.

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Jan 11, 2024, 3:09 PM IST

CCTV कैमरों से लैस होंगी ट्रेनें

नई दिल्ली: भारतीय रेलवे बहुत जल्द ट्रेनों में 5,16,115 सीसीटीवी कैमरे लगवाएगा. 1,82,279 कैमरे ट्रेनों के लोकोमोटिव में लगाए जाएंगे. जो ट्रेन के लोको पायलट पर नजर रखने के साथ आवाज को रिकॉर्ड करेगा. इससे सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता होगी. लापरवाही मिलने पर कार्रवाई भी सुनिश्चित हो सकेगी. इस तरीके से ट्रेन हदस कम होंगे और रेलवे की संरक्षा बढ़ेगी. वहीं, 3,33,836 सीसीटीवी कैमरे 44038 रेलवे के कोच में लगेंगे. मार्च तक इसका काम पूरा हो जाएगा. इसके लिए रेलवे की ओर से टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी गई है.

शताब्दी, शेरे पंजाब जैसी कुछ ही ट्रेनों के कोच में सीसीटीवी कैमरे लगे हैं. अब नई ट्रेनों पहले से ही सीसीटीवी कैमरे लग हैं. बीती 30 दिसंबर को अमृत भारत ट्रेन को लांच किया गया था. इस ट्रेन के लोकोमोटिव समेत, सभी कोच में दो-दो सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं. अब रेलवे सभी पुरानी ट्रेनों में भी सीसीटीवी कैमरे लगवाने जा रहा है. जल्द ही इसके लिए टेंडर जारी होगा.

इसके बाद जिस कंपनी को टेंडर मिलेगा उसे सप्लाई, इंस्टालेशन, टेस्टिंग आदि करना होगा. लोकोमोटिव्स यानी ट्रेन के इंजन में लगने वाले कैमरे वीडियो के साथ आवाज भी रिकार्ड करेंगे. इन कैमरों के जरिए ट्रेन के लोगों पायलट को संदेश भी दिया जा सकेगा. कैमरों का तीन साल की गारंटी और पांच साल का मेंटिनेंस कांट्रैक्ट होगा.

ट्रेनों में कैमरे लगने से ये होंगे फायदे: ट्रेन के लोकोमोटिव में लगने वाले कैमरों से लोको पायलट की निगरानी के साथ बातचीत भी की जा सकती है. इससे आवश्यक दिशा निर्देश दिए जा सकेंगे. निगरानी से लोकोपायलट लापरवाही नहीं बरतेंगे, जिससे रेल हादसे होने की संभावना कम होगी. यात्रियों के कोच में निगरानी से सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता करने में मदद मिलेगी. कोई घटना होने पर विविचना में फुटेज से मदद भी मिलेगी.

डेटा सेंटर से जोड़े जाएंगे कैमरे: रेलवे अधिकारियों के मुताबिक, सभी ट्रेनों में भविष्य में कैमरे लगाए जाने की योजना है. ट्रेनों में रिकार्डिंग का डेटा बहुत ज्यादा होगा. इन सभी कैमरों को रेलवे के डेटाबेस से जोड़ा जाएगा. बता दें, रेलवे का डेटा सेंटर हैदराबाद, दिल्ली, मुंबई समेत पांच स्थानों पर हैं. इन कैमरों को इन डेटा सेंटरों से जोड़ा जाएगा, जिससे की कोई भी पुरानी सीसीटीवी फुजेट निकाली हो तो आसानी से निकाली जा सके.

CCTV कैमरों से लैस होंगी ट्रेनें

नई दिल्ली: भारतीय रेलवे बहुत जल्द ट्रेनों में 5,16,115 सीसीटीवी कैमरे लगवाएगा. 1,82,279 कैमरे ट्रेनों के लोकोमोटिव में लगाए जाएंगे. जो ट्रेन के लोको पायलट पर नजर रखने के साथ आवाज को रिकॉर्ड करेगा. इससे सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता होगी. लापरवाही मिलने पर कार्रवाई भी सुनिश्चित हो सकेगी. इस तरीके से ट्रेन हदस कम होंगे और रेलवे की संरक्षा बढ़ेगी. वहीं, 3,33,836 सीसीटीवी कैमरे 44038 रेलवे के कोच में लगेंगे. मार्च तक इसका काम पूरा हो जाएगा. इसके लिए रेलवे की ओर से टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी गई है.

शताब्दी, शेरे पंजाब जैसी कुछ ही ट्रेनों के कोच में सीसीटीवी कैमरे लगे हैं. अब नई ट्रेनों पहले से ही सीसीटीवी कैमरे लग हैं. बीती 30 दिसंबर को अमृत भारत ट्रेन को लांच किया गया था. इस ट्रेन के लोकोमोटिव समेत, सभी कोच में दो-दो सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं. अब रेलवे सभी पुरानी ट्रेनों में भी सीसीटीवी कैमरे लगवाने जा रहा है. जल्द ही इसके लिए टेंडर जारी होगा.

इसके बाद जिस कंपनी को टेंडर मिलेगा उसे सप्लाई, इंस्टालेशन, टेस्टिंग आदि करना होगा. लोकोमोटिव्स यानी ट्रेन के इंजन में लगने वाले कैमरे वीडियो के साथ आवाज भी रिकार्ड करेंगे. इन कैमरों के जरिए ट्रेन के लोगों पायलट को संदेश भी दिया जा सकेगा. कैमरों का तीन साल की गारंटी और पांच साल का मेंटिनेंस कांट्रैक्ट होगा.

ट्रेनों में कैमरे लगने से ये होंगे फायदे: ट्रेन के लोकोमोटिव में लगने वाले कैमरों से लोको पायलट की निगरानी के साथ बातचीत भी की जा सकती है. इससे आवश्यक दिशा निर्देश दिए जा सकेंगे. निगरानी से लोकोपायलट लापरवाही नहीं बरतेंगे, जिससे रेल हादसे होने की संभावना कम होगी. यात्रियों के कोच में निगरानी से सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता करने में मदद मिलेगी. कोई घटना होने पर विविचना में फुटेज से मदद भी मिलेगी.

डेटा सेंटर से जोड़े जाएंगे कैमरे: रेलवे अधिकारियों के मुताबिक, सभी ट्रेनों में भविष्य में कैमरे लगाए जाने की योजना है. ट्रेनों में रिकार्डिंग का डेटा बहुत ज्यादा होगा. इन सभी कैमरों को रेलवे के डेटाबेस से जोड़ा जाएगा. बता दें, रेलवे का डेटा सेंटर हैदराबाद, दिल्ली, मुंबई समेत पांच स्थानों पर हैं. इन कैमरों को इन डेटा सेंटरों से जोड़ा जाएगा, जिससे की कोई भी पुरानी सीसीटीवी फुजेट निकाली हो तो आसानी से निकाली जा सके.

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