नई दिल्ली: डोर स्टेप डिलीवरी का एक साल पूरा होने के बाद दिल्ली सरकार इस योजना का विस्तार करने जा रही है. इस साल के अंत तक डोर स्टेप डिलीवरी में 30 नई सेवाओं को भी जोड़ दिया जाएगा. जिसके बाद सरकार की कुल 100 सेवाओं की डोर स्टेप डिलीवरी शुरू हो जाएगी.
70 सेवाओं की मिल रही है होम डिलीवरी
केजरीवाल सरकार ने ठीक 1 साल पहले सिंतबर माह में सरकारी सेवाओं की होम डिलीवरी योजना शुरू की थी. उस समय 40 सेवाओं के साथ यह योजना शुरू की गई थी बाद में इसकी संख्या में बढ़ोतरी की गई. अभी दिल्ली सरकार के 12 विभागों की 70 सेवाओं की होम डिलीवरी मिल रही है.
पिछले 1 साल के आंकड़ों के मुताबिक डोर स्टेप डिलीवरी योजना के तहत सबसे ज्यादा मांग रेवेन्यू और ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट की सर्विस की हुई है. इस योजना में घर बैठे 1076 नंबर पर फोन करके अपनी सहायता के अनुसार समय तय कर मोबाइल सहायक को बुलाया जा सकता है. इसका लाभ उठाकर जाति प्रमाण पत्र, राशन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, मैरिज सर्टिफिकेट समेत 70 सरकारी सेवाओं का फायदा लिया जा सकता है.
ऑटोमेटिक वेरिफिकेशन प्रक्रिया आसान
इसके अलावा दिल्ली सरकार सरकारी कागजात के ऑटोमेटिक वेरिफिकेशन की प्रक्रिया को भी आसान बनाने के लिए योजना तैयार कर रही है. जब मोबाइल सहायक की मदद से किसी भी सर्विस से संबंधित फाइल अधिकारी के पास पहुंचती है, तो 90 फीसद दिल्ली के लोगों के जरूरी दस्तावेज ऑनलाइन ही जांच कर ली जाती है.
लेकिन कुछ ऐसे राज्य हैं जिन्होंने अपना डाटा ऑनलाइन नहीं किया है. उनको दिल्ली सरकार पत्र लिखकर डाटा ऑनलाइन साझा करने की मांग करेगी. ताकि सेवाओं देने में समय कम लगे इसके अलावा कई सर्टिफिकेट के लिए 20 से 25 दिन का टाइम लाइन है जिसे सरकार कम करना चाहती है.
40 फीसदी आवेदन जाति प्रमाण पत्रों के लिए
सरकारी सेवाओं की डोर स्टेप डिलीवरी योजना शुरू होने के 1 साल पूरे होने पर जो आंकड़े सामने आए उसमें 40 फीसद आवेदन जाति प्रमाण पत्रों के लिए आए हैं. इसी तरह से आय प्रमाण पत्र बनवाने के लिए आवेदन और लर्निंग लाइसेंस के लिए भी 17 फीसद से अधिक आवेदन आए हैं.
अभी सरकार कुल 70 सर्विसेस के डोर स्टेप डिलीवरी कर रही है दिसंबर तक इसे बढ़ाकर 100 करने की योजना है.
निजी कंपनी को सरकार ने दिया है कॉन्ट्रैक्ट
वीएफएस ग्लोबल नाम की कंपनी को दिल्ली सरकार ने सुविधाएं घर पर उपलब्ध कराने के लिए तीन साल का कॉन्ट्रैक्ट दिया है. इस कॉन्ट्रैक्ट के अनुसार ही निजी कंपनी प्रत्येक सफल लेनदेन के एवज में दिल्ली की जनता से 50 रुपये सुविधा शुल्क वसूलती है. यह कंपनी राष्ट्रीय राजधानी में परियोजना के क्रियान्वयन के लिए बिचौलिये का काम कर रही है.