नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में रोजाना पारा 40 डिग्री सेल्सियस को पार कर रहा है. भीषण गर्मी से बचने के लिए कोई कूलर तो कोई एसी चला रहा है. ऐसे में लोगों को उन छोटी मछलियों के बारे में भी सोचिना चाहिए, जो तपती गर्मी में भी एक्वेरियम में रहती हैं. मछलियों को गर्मी से बचाना बेहद ज़रूरी है. ज्ञात हो कि बहुत से लोग अपने घरों में वास्तु दोष को भी दूर करने के लिए फिश टैंक रखते हैं. ऐसे में आइए जानते हैं फिश टैंक में मछलियों की देखभाल और पानी के तापमान को किस तरह से नियंत्रित रखा जा सकता है?
पानी को समय-समय पर बदलते रहना चाहिए: पश्चिमी दिल्ली के उत्तम नगर स्थित पेट शॉप के दुकानदार बिन्नी ने बताया कि गर्मियों में किस तरह से घर या दफ्तर के एक्वेरियम का तापमान मैनेज किया जा सकता है ?
गर्मी के मौसम में जिस तरह से एक आम इंसान को साफ और ठंडे पानी की ज़रूरत होती है. ठीक उसी तरह से मछलियों को भी गर्मी में साफ और ठंडे पानी पसंद होते हैं. बिन्नी ने बताया कि बाजार में मिलने वाले वेव पंप को एक्वेरियम में लगा सकते हैं. इसके अलावा 20 दिन में एक बाद फिश टैंक का पानी जरुर बदलना चाहिए. वहीं जिन लोगों ने टैंक में वेव पंप नहीं लगाया है, उनको महीने में तीन से चार बार पानी को बदलना चाहिए. हालांकि, एक्वेरियम में फ्रिज का पानी या फिर आइस क्यूब डालना सही नहीं माना जाता है. इससे मछलियां मर भी सकती है, इसलिए नॉर्मल पानी डालना सही रहेगा.
लाइट के नीचे नहीं रखना चाहिए: बहुत लोग रौशनी में मछलियों को तैरते देखना बेहद पसंद करते हैं. इससे उनके रंग और उभर कर आते हैं. लेकिन तेज गर्मी और तेज लाइट के नीचे रखने से कई बार मछलियां परेशान भी हो जाती है. ऐसे में दिन के समय फिश टैंक की लाइट्स को ऑफ रख सकते हैं. इससे पानी भी ठंडा रहता है और मछलियों पर अधिक गर्मी असर भी नहीं पड़ता है. गर्मी के मौसम में आप फिश फ्रेंडली लाइट को ही एक्वेरियम में जलाएं. बिन्नी ने बताया कि कुछ मायनों में टैंक में लाइट जलाना अच्छा भी होता है. ज्यादा लाइट से टैंक में काई (पानी में पनपने वाली छोटा पौधा) जमती है, जो कुछ मछलियों का भोजन होती है.
एक्वेरियम में रखी सजावट की चीजों नियमित साफ रखें: एक्वेरियम को सुंदर दिखने के लिए कई लोग फिश टैंक में स्टोन, ग्रीन मैट या फिर आर्टिफिशियल घास को भी रखते हैं. इसको भी नियमित रूप से साफ करना बहुत जरुरी है. जिस तरह से गर्मी के मौसम में एक्वेरियम का पानी गर्म हो जाता है. ठीक उसी तरह एक्वेरियम में मौजूद घास या पत्थर भी गर्म हो जाता है. ऐसे में समय-समय पर इन दोनों ही चीजों को बदलते रहना चाहिए. बिन्नी ने बताया कि हर मछली का अलग स्वभाव होता है. कुछ मछलियां ऐसी होती है जो काई नहीं खाती है. ऐसे में अगर समय पर टैंक में रखी सजावट की चीजों को साफ नहीं किया जायेगा तो उसमें जमी काई मछलियों के लिए मौत का कारण भी बन सकती है.
फिश टैंक ठंडी जगह रखना चाहिए: कई बार देखा जाता है कि बहुत से लोग एक्वेरियम को ओपन एरिया में रखना पसंद करते हैं. लेकिन गर्मी के मौसम में ओपन एरिया में फिश टैंक को रखना मछलियों के लिए गलत साबित भी हो जाता है. खिड़की, दरवाजा आदि जगहों से आने वाली गर्म हवा टैंक को जल्द ही गर्म कर सकती है. ऐसे में गर्मी के मौसम में फिश टैंक को ठंडी जगह ही रखना चाहिए. बिन्नी ने बताया कि घर के किसी ऐसे कोने में टैंक को रखना चाहिए, जहां का तापमान घर के अन्य स्थानों की तुलना में कम हो.
कोई मछली मर जाए, तो क्या करना चाहिए: वास्तु के अनुसार घर में एक्वेरियम रखना शुभ माना जाता है. इसमें मछलियों का मरना भी स्वाभाविक होता है. बिन्नी में बताया कि जब कभी कोई मछली मर जाए, तो उसे एक्वेरियम से बाहर निकाल देना चाहिए. साथ ही उसकी जगह नई मछली लाकर रख देना चाहिए.
एक्वेरियम की दिशा: एक्वेरियम को पूर्व, उत्तर अथवा उत्तर-पूर्व में दिखा में रखना चाहिए. इसे शयनकक्ष अथवा रसोईघर में नहीं रखना चाहिए, क्योंकि इससे संपत्ति की हानि होती है. दांपत्य जीवन में आपसी प्रेम बनाए रखने के लिए इसे मुख्य द्वार के बायीं ओर रखना चाहिए.
बता दें कि वास्तु के अनुसार फिश एक्वेरियम रखना शुभ होता है. फिश एक्वेरियम से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है. एक्वेरियम में मछलियों की संख्या कम से कम नौ होनी चाहिए. आठ मछलियां लाल अथवा सुनहरे रंग की होनी चाहिए. जबकि एक मछली काले रंग की होनी चाहिए. एक्वेरियम ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों की संख्या नौ बतायी गई है. संभव है कि इन्हीं कारणों से वास्तु में भी नौ मछलियां एक्वेरियम में रखने की बात कही गई है. वास्तु के अनुसार जब कोई मछली मरती है तो वह अपने साथ घर पर आने वाली विपत्तियों को साथ लेकर चली जाती है. इसलिए एक्वेरियम में मछली के मरने पर दुःखी नहीं होना चाहिए.
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