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दिल्ली के कोविड-19 मरीजों के लिए खुशखबरी, अब इलाज होगा सस्ता

दिल्ली में कोरोना के बढ़ते मामले के बीच कोविड-19 मरीजों के लिए खुशी की खबर आई है. अब कोरोना के इलाज की दरें घटा दी गईं हैं.

home ministry fixed coronavirus treatment charge for private hospital
कोरोना इलाज
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Published : Jun 19, 2020, 2:15 PM IST

नई दिल्लीः कोरोना महामारी के समय संक्रमित मरीजों से जिस तरह निजी अस्पताल वाले मनमाना पैसा वसूल रहे हैं, अब वह ऐसा नहीं कर पाएंगे. गृह मंत्री अमित शाह द्वारा पिछले दिनों दिल्ली के अस्पतालों में कोरोना के इलाज के लिए क्या दरें होनी चाहिए?

एक तिहाई सस्ता होगा इलाज

इसके लिए नीति आयोग के सदस्य की कमेटी बनाई गई थी. कमेटी ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है. इसमें जो शुल्क निर्धारित की गई हैं वह वर्तमान में निजी अस्पतालों द्वारा लिए जाने वाले शुल्क से एक तिहाई है.

home ministry fixed coronavirus treatment charge for private hospital
नीति आयोग ने रिपोर्ट सौंपी

नए शुल्क का निर्धारण

गृह मंत्रालय के आदेश पर नीति आयोग के सदस्य ने कोरोना के इलाज के लिए निजी अस्पतालों में जो दरें निर्धारित की हैं, उसके मुताबिक आइसोलेशन बेड के लिए निजी अस्पताल 8000 से 10000 रुपये शुल्क ले सकते हैं. आईसीयू में भर्ती मरीज से निजी अस्पताल 13000 से 15000 रुपये तक अधिकतम शुल्क ले सकते हैं.

home ministry fixed coronavirus treatment charge for private hospital
इलाज की दरें घटी

वेंटिलेटर सपोर्ट वाले आईसीयू में भर्ती मरीज से निजी अस्पताल 15000 से 18000 रुपये अधिकतम शुल्क ही ले सकते हैं. इस शुल्क में मरीज को देखने वाले डॉक्टर व अन्य स्वास्थ्य कर्मियों के पीपीई किट का चार्ज भी शामिल है.

अभी निजी अस्पताल मरीजों से लेते हैं इतना

गृह मंत्रालय को कमेटी द्वारा भेजे गए सुझाव में यह भी जिक्र है कि अभी तक दिल्ली के निजी अस्पताल वाले कोरोना मरीजों से सिर्फ आइसोलेशन बेड के लिए 24 से 25 हजार रुपये तक प्रतिदिन के हिसाब से ले रहे थे.

वहीं आईसीयू में रहने वाले मरीज के लिए 34 से 45 हजार रुपये तक हुआ चार्ज कर रहे थे. इतना ही नहीं अगर कोई मरीज वेंटिलेटर पर है तो उससे प्रतिदिन 44 से 54 रुपये तक वह चार्ज कर रहे थे. इसमें पीपीई कीट का चार्ज भी शामिल नहीं है.

निजी अस्पतालों में कोरोना के इलाज को मंजूर

बता दें कि दिल्ली सरकार ने दिल्ली के जिन निजी अस्पतालों में कोरोना के इलाज करने की अनुमति दी है, अस्पताल वालों ने बकायदा रेट लिस्ट जारी कर मरीजों से मनमाना पैसा वसूल रहे हैं. कोरोना संक्रमित किसी मरीज को भर्ती करने के दौरान ही उसे 4 से 8 लाख रुपये तक एडवांस मांगते हैं.

प्रतिदिन इलाज के मद में 50000 से 100000 रुपये तक वह शुल्क भी वसूलते हैं. इस तरह की शिकायतें मिलने के बाद ही गृह मंत्री ने निजी अस्पतालों में कोरोना इलाज के लिए शुल्क निर्धारित करने के लिए कमेटी का गठन किया था.

नई दिल्लीः कोरोना महामारी के समय संक्रमित मरीजों से जिस तरह निजी अस्पताल वाले मनमाना पैसा वसूल रहे हैं, अब वह ऐसा नहीं कर पाएंगे. गृह मंत्री अमित शाह द्वारा पिछले दिनों दिल्ली के अस्पतालों में कोरोना के इलाज के लिए क्या दरें होनी चाहिए?

एक तिहाई सस्ता होगा इलाज

इसके लिए नीति आयोग के सदस्य की कमेटी बनाई गई थी. कमेटी ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है. इसमें जो शुल्क निर्धारित की गई हैं वह वर्तमान में निजी अस्पतालों द्वारा लिए जाने वाले शुल्क से एक तिहाई है.

home ministry fixed coronavirus treatment charge for private hospital
नीति आयोग ने रिपोर्ट सौंपी

नए शुल्क का निर्धारण

गृह मंत्रालय के आदेश पर नीति आयोग के सदस्य ने कोरोना के इलाज के लिए निजी अस्पतालों में जो दरें निर्धारित की हैं, उसके मुताबिक आइसोलेशन बेड के लिए निजी अस्पताल 8000 से 10000 रुपये शुल्क ले सकते हैं. आईसीयू में भर्ती मरीज से निजी अस्पताल 13000 से 15000 रुपये तक अधिकतम शुल्क ले सकते हैं.

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इलाज की दरें घटी

वेंटिलेटर सपोर्ट वाले आईसीयू में भर्ती मरीज से निजी अस्पताल 15000 से 18000 रुपये अधिकतम शुल्क ही ले सकते हैं. इस शुल्क में मरीज को देखने वाले डॉक्टर व अन्य स्वास्थ्य कर्मियों के पीपीई किट का चार्ज भी शामिल है.

अभी निजी अस्पताल मरीजों से लेते हैं इतना

गृह मंत्रालय को कमेटी द्वारा भेजे गए सुझाव में यह भी जिक्र है कि अभी तक दिल्ली के निजी अस्पताल वाले कोरोना मरीजों से सिर्फ आइसोलेशन बेड के लिए 24 से 25 हजार रुपये तक प्रतिदिन के हिसाब से ले रहे थे.

वहीं आईसीयू में रहने वाले मरीज के लिए 34 से 45 हजार रुपये तक हुआ चार्ज कर रहे थे. इतना ही नहीं अगर कोई मरीज वेंटिलेटर पर है तो उससे प्रतिदिन 44 से 54 रुपये तक वह चार्ज कर रहे थे. इसमें पीपीई कीट का चार्ज भी शामिल नहीं है.

निजी अस्पतालों में कोरोना के इलाज को मंजूर

बता दें कि दिल्ली सरकार ने दिल्ली के जिन निजी अस्पतालों में कोरोना के इलाज करने की अनुमति दी है, अस्पताल वालों ने बकायदा रेट लिस्ट जारी कर मरीजों से मनमाना पैसा वसूल रहे हैं. कोरोना संक्रमित किसी मरीज को भर्ती करने के दौरान ही उसे 4 से 8 लाख रुपये तक एडवांस मांगते हैं.

प्रतिदिन इलाज के मद में 50000 से 100000 रुपये तक वह शुल्क भी वसूलते हैं. इस तरह की शिकायतें मिलने के बाद ही गृह मंत्री ने निजी अस्पतालों में कोरोना इलाज के लिए शुल्क निर्धारित करने के लिए कमेटी का गठन किया था.

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