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चांदनी चौक प्राचीन गौरी शंकर मंदिर के बाहर से हटवाई गई होलिका, नहीं होगा दहन - holika dahan in delhi

इस बार कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए सार्वजनिक तौर पर होली खेलने और होलिका दहन पर रोक लगाई गई है. इसी कड़ी में चांदनी चौक स्थित प्राचीन गौरी शंकर मंदिर के पास जहां पिछले कई वर्षों से पारंपरिक तरीके से होलिका दहन होता था, वह इस बार नहीं हो पाएगा.

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चांदनी चौक प्राचीन गौरी शंकर मंदिर के बाहर से हटवाई गई होलिका, नहीं होगा दहन
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Published : Mar 28, 2021, 6:34 PM IST

नई दिल्ली: रंगों वाली होली से 1 दिन पहले होलिका दहन किया जाता है. देश भर में यह पर्व 28 मार्च को मनाया जा रहा है. मान्यता के अनुसार, लकड़ी से होलिका तैयार की जाती है. फूल-माला, चुनरी, कलावा आदि से होलिका सजायी जाती है और शाम को होलिका दहन होता है. इस दौरान लोग होलिका की परिक्रमा करते हैं और पूरी आस्था के साथ इस पर्व को मनाते हैं.

इस बार कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए सार्वजनिक तौर पर होली खेलने और होलिका दहन पर रोक लगाई गई है.

ये भी पढ़ें- कोरोना काल में रखें सुरक्षा का ख्याल, होली की तस्वीरें शेयर करें ETV BHARAT के साथ

ये भी पढ़ें- कोरोना: दिल्ली में होलिका दहन स्थानों पर सन्नाटा, घरों में ही मनाएं होली

इस बार कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए सार्वजनिक तौर पर होली खेलने और होलिका दहन पर रोक लगाई गई है. इसी कड़ी में चांदनी चौक स्थित प्राचीन गौरी शंकर मंदिर के पास जहां पिछले कई वर्षों से पारंपरिक तरीके से होलिका दहन होता था, वह इस बार नहीं हो पाएगा. हालांकि मंदिर प्रशासन और स्थानीय लोगों की तरफ से छोटी होलिका सजाई गई थी, लेकिन रविवार सुबह 12 बजे के करीब प्रशासन द्वारा उसे हटा दिया गया, स्थानीय लोगों के मुताबिक, हर साल बड़े धूमधाम से वह होलिका दहन का पर्व मनाते थे. इसके लिए 5 से 6 फुट की होलिका बनाई जाती थी, लेकिन इस बार प्रशासन की सख्ती को देखते हुए एक छोटी होली लगाई थी, लेकिन उसे हटा दिया गया.

सुबह सजाई थी होलिका, प्रशासन ने हटवाई

मंदिर के बाहर फूल बेचने वाले राजू ने कहा कि सुबह ही होलिका लगाई गई थी और बहुत ही एहतियात के साथ होली सजाई थी. फर्श पर मिट्टी लगाकर कुछ लकड़ियों के साथ ही होली सजायी गयी थी, जिससे कि लोगों की परंपरा न टूटे और आस्था के साथ लोग होलिका दहन कर सकें, जिसमें केवल 1 घंटे का समय ही लगता, लेकिन प्रशासन ने उसे हटा दिया.

नई दिल्ली: रंगों वाली होली से 1 दिन पहले होलिका दहन किया जाता है. देश भर में यह पर्व 28 मार्च को मनाया जा रहा है. मान्यता के अनुसार, लकड़ी से होलिका तैयार की जाती है. फूल-माला, चुनरी, कलावा आदि से होलिका सजायी जाती है और शाम को होलिका दहन होता है. इस दौरान लोग होलिका की परिक्रमा करते हैं और पूरी आस्था के साथ इस पर्व को मनाते हैं.

इस बार कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए सार्वजनिक तौर पर होली खेलने और होलिका दहन पर रोक लगाई गई है.

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इस बार कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए सार्वजनिक तौर पर होली खेलने और होलिका दहन पर रोक लगाई गई है. इसी कड़ी में चांदनी चौक स्थित प्राचीन गौरी शंकर मंदिर के पास जहां पिछले कई वर्षों से पारंपरिक तरीके से होलिका दहन होता था, वह इस बार नहीं हो पाएगा. हालांकि मंदिर प्रशासन और स्थानीय लोगों की तरफ से छोटी होलिका सजाई गई थी, लेकिन रविवार सुबह 12 बजे के करीब प्रशासन द्वारा उसे हटा दिया गया, स्थानीय लोगों के मुताबिक, हर साल बड़े धूमधाम से वह होलिका दहन का पर्व मनाते थे. इसके लिए 5 से 6 फुट की होलिका बनाई जाती थी, लेकिन इस बार प्रशासन की सख्ती को देखते हुए एक छोटी होली लगाई थी, लेकिन उसे हटा दिया गया.

सुबह सजाई थी होलिका, प्रशासन ने हटवाई

मंदिर के बाहर फूल बेचने वाले राजू ने कहा कि सुबह ही होलिका लगाई गई थी और बहुत ही एहतियात के साथ होली सजाई थी. फर्श पर मिट्टी लगाकर कुछ लकड़ियों के साथ ही होली सजायी गयी थी, जिससे कि लोगों की परंपरा न टूटे और आस्था के साथ लोग होलिका दहन कर सकें, जिसमें केवल 1 घंटे का समय ही लगता, लेकिन प्रशासन ने उसे हटा दिया.

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