नई दिल्ली: कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच हम दूसरी बार होली का त्योहार मनाने जा रहे हैं. ऐसे में डॉक्टर की सलाह है कि इस बार होली का त्योहार वर्चुअली मनाया जाए, न कि एक दूसरे के घर जाकर या फिर कार्यक्रमों में शामिल होकर. कोरोना के बीच आ रहे होली के त्योहार को लेकर ईटीवी भारत ने वरिष्ठ डॉक्टर नरेंद्र सैनी से खास बातचीत की और यह जानने की कोशिश की होली मनाते समय किन-किन बातों का ध्यान रखा जाए और किस तरीके से हम त्योहार मनाने के साथ साथ कोरोना से बचे सकते हैं.
एक दूसरे से मिलने के बजाय वर्चुअल मनाएं होली
डॉक्टर सैनी ने कहा कि होली मनाने से कोई खतरा नहीं है, लेकिन आप घर पर ही होली मनाएं लोगों से न मिलें अपने घर पर ही अपने परिवार के साथ होली मना सकते हैं. क्योंकि अगर आप अलग-अलग कार्यक्रम में जाते हैं. लोगों के संपर्क में आएंगे, तो कोरोना वायरस का खतरा बहुत ज्यादा होगा. क्योंकि कई बार लोगों को खुद नहीं पता होता कि वह एक वायरस को लेकर घूम रहे हैं और होली में हम एक दूसरे को रंग लगाते हैं. गले मिलते हैं, ऐसे में संपर्क में आने का खतरा बहुत ज्यादा बढ़ जाता है.
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रंग और पानी का न करें ज्यादा इस्तेमाल
इसके साथ ही डॉक्टर ने कहा कि होली के रंगों से भी आपको इस समय एलर्जी हो सकती है. इसलिए रंगों का ज्यादा इस्तेमाल न करें, पानी से भी बचाव करें एक-दूसरे के ऊपर रंग और पानी न डालें. क्योंकि इससे भी आप संक्रमण की चपेट में आ सकते हैं और दूसरे लोगों को संक्रमित कर सकते हैं. डॉक्टर ने कहा जितना हो सके आफ वर्चुअल तरीके से त्योहार मनाएं. फोन कॉल और वीडियो कॉल के जरिए अपने दोस्तों रिश्तेदारों को बधाई भेज सकते हैं.
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लोगों को लगे वैक्सीन
वहीं डॉक्टर ने कहा कि अगर कई लोग यह सोच रहे हैं कि अब कोरोना की वैक्सीन आ गई है, तो डरने की जरूरत नहीं है, लेकिन यह गलत है क्योंकि वैक्सीन कोरोना की दवा नहीं है, बल्कि उससे बचाव करती है. हमारे देश में जितनी आबादी है, अब तक 1 फ़ीसदी लोगों को ही वैक्सीन लगी है और जब तक 60 से 70 फ़ीसदी लोगों को वैक्सीन नहीं लग जाती, तब तक खतरा बरकरार रहेगा. इसलिए जिन लोगों की बारी आ रही है वह व्यक्ति जरूर लगवाएं.