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बिजली कनेक्शन मांग रहे पाकिस्तान से आए हिंदुओं ने रक्षा मंत्रालय की भूमि पर किया है कब्जा- केंद्र

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Published : Oct 21, 2021, 8:26 PM IST

उत्तरी दिल्ली के कुछ इलाकों में रह रहे पाकिस्तान से आए हिंदू शरणार्थियों ने अवैध तरीके से रक्षा मंत्रालय की जमीन पर कब्जा कर रखा है. इसकी जानकारी केंद्र सरकार ने दिल्ली हाई कोर्ट में दी है.

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नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने दिल्ली हाई कोर्ट में कहा है कि बिजली कनेक्शन की मांग कर रहे उत्तरी दिल्ली के कुछ इलाकों में रह रहे पाकिस्तान से आए हिन्दू शरणार्थियों ने अवैध तरीके से रक्षा मंत्रालय की भूमि पर कब्जा कर रखा है. चीफ जस्टिस डीएन पटेल की अध्यक्षता वाली बेंच इस मामले पर 22 अक्टूबर को सुनवाई करेगी.



केंद्र सरकार ने अपने जवाबी हलफनामे में याचिका को खारिज करने की मांग की है. 21 सितंबर को कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली सरकार और उत्तरी दिल्ली नगर निगम को नोटिस जारी किया था. हरिओम नाम के शख्स ने याचिका दायर कर कहा कि पाकिस्तान से आए करीब 800 शरणार्थी बिना बिजली के पिछले कई सालों से रह रहे हैं.

इसके लिए उन्होंने कई प्राधिकारों में अपनी बात रखी थी. दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार से भी अपनी समस्या बताई थी, लेकिन कोई हल नहीं निकला. ये हिंदू शरणार्थी ठंड और गर्मी का प्रकोप झेलने को अभिशप्त हैं.

ये भी पढ़ें- HC ने 24 हफ्तों से अधिक समय के भ्रूण को खत्म करने की अनुमति दी


याचिका में चमेली सिंह बनाम उत्तर प्रदेश सरकार पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए कहा कि आश्रय का अधिकार धारा 21 के तहत मौलिक अधिकार है. इस अधिकार के तहत बिजली का अधिकार भी शामिल है.

याचिका में कहा गया है कि शरणार्थियों ने टाटा पावर दिल्ली डिस्ट्रिब्युशन लिमिटेड से भी अपनी समस्या बताई थी और उन्हें अपना वीजा और आधार कार्ड दिखाया था, लेकिन उनके आवेदन को खारिज कर दिया गया.

नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने दिल्ली हाई कोर्ट में कहा है कि बिजली कनेक्शन की मांग कर रहे उत्तरी दिल्ली के कुछ इलाकों में रह रहे पाकिस्तान से आए हिन्दू शरणार्थियों ने अवैध तरीके से रक्षा मंत्रालय की भूमि पर कब्जा कर रखा है. चीफ जस्टिस डीएन पटेल की अध्यक्षता वाली बेंच इस मामले पर 22 अक्टूबर को सुनवाई करेगी.



केंद्र सरकार ने अपने जवाबी हलफनामे में याचिका को खारिज करने की मांग की है. 21 सितंबर को कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली सरकार और उत्तरी दिल्ली नगर निगम को नोटिस जारी किया था. हरिओम नाम के शख्स ने याचिका दायर कर कहा कि पाकिस्तान से आए करीब 800 शरणार्थी बिना बिजली के पिछले कई सालों से रह रहे हैं.

इसके लिए उन्होंने कई प्राधिकारों में अपनी बात रखी थी. दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार से भी अपनी समस्या बताई थी, लेकिन कोई हल नहीं निकला. ये हिंदू शरणार्थी ठंड और गर्मी का प्रकोप झेलने को अभिशप्त हैं.

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याचिका में चमेली सिंह बनाम उत्तर प्रदेश सरकार पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए कहा कि आश्रय का अधिकार धारा 21 के तहत मौलिक अधिकार है. इस अधिकार के तहत बिजली का अधिकार भी शामिल है.

याचिका में कहा गया है कि शरणार्थियों ने टाटा पावर दिल्ली डिस्ट्रिब्युशन लिमिटेड से भी अपनी समस्या बताई थी और उन्हें अपना वीजा और आधार कार्ड दिखाया था, लेकिन उनके आवेदन को खारिज कर दिया गया.

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