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डीयू: कुलसचिव की नियुक्ति को लेकर हुआ हाई वोल्टेज ड्रामा

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Published : Oct 22, 2020, 11:27 AM IST

दिल्ली विश्वविद्यालय में कुलसचिव की नियुक्ति को लेकर काफी रस्साकसी मची रही. पहले डीयू की वेबसाइट में प्रोफेसर पीसी झा को डीयू के कुलसचिव का कार्यभार सौंपने की बात लिखी गई, बाद में इस नोटिफिकेशन हटाकर प्रोफेसर विकास गुप्ता को कुलसचिव नियुक्त कर दिया गया.

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कुलसचिव की नियुक्ति को लेकर हुआ हाई वोल्टेज ड्रामा

नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय में बुधवार को हाई वोल्टेज ड्रामा देखने को मिला. बुधवार सुबह डीयू की वेबसाइट पर एक नोटिफिकेशन जारी किया गया, जिसमें ऑपरेशन रिसर्च विभाग के प्रोफेसर पीसी झा को अगले आदेश तक डीयू साउथ कैंपस का निर्देशक नियुक्त करने की बात कही गई थी. इसके अलावा प्रोफेसर पीसी झा को डीयू के कुलसचिव का कार्यभार सौंपने की भी बात लिखी थी. साथ ही इस नियुक्ति प्रक्रिया को अधिकृत अधिकारियों की सहमति बताया गया था.

कुलसचिव की नियुक्ति को लेकर हुआ हाई वोल्टेज ड्रामा

वहीं वेबसाइट पर अपलोड होने के चंद घंटे के अंदर ही इस नोटिफिकेशन को हटा दिया गया और फिर एक नई कहानी सामने आई. एक नोटिस कार्यकारी कुलपति पीसी जोशी द्वारा जारी किया गया था, जिसमें पीसी झा की नियुक्ति को गलत ठहराते हुए उन्हें तत्काल कार्यालय खाली करने का आदेश दिया गया था. वहीं बुधवार देर शाम इस पूरे ड्रामा का अंत हुआ, जब एक और नोटिफिकेशन जारी किया गया, जिसमें डीयू एग्जीक्यूटिव काउंसिल द्वारा प्रोफेसर विकास गुप्ता को कुलसचिव नियुक्त कर दिया गया.


अभी अंतिम मुहर नहीं

दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफ़ेसर योगेश त्यागी के अस्वस्थ होने की बात सामने आ रही है. साथ ही यह भी कहा जा रहा है कि मार्च के पहले सप्ताह में उनका कार्यकाल समाप्त हो रहा है. ऐसे में कुलपति की अनुपस्थिति के चलते पूरा कार्यभार प्रोफेसर पीसी जोशी संभाल रहे हैं. वहीं डीयू के कुल सचिव पद के लिए 10 अक्टूबर को इंटरव्यू भी हुए थे, लेकिन उसका रिजल्ट जारी नहीं किया जा सका.

इसी सिलसिले में विचार विमर्श करने के लिए 20 अक्टूबर को यूजीसी ने ऑनलाइन बैठक भी बुलाई थी, जिसमें कुलपति भी शामिल हुए थे. लेकिन सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार तकनीकी खराबी के चलते बैठक बेनतीजा रही. वहीं अगले दिन ही एग्जीक्यूटिव काउंसिल द्वारा प्रोफेसर विकास गुप्ता को कुलसचिव नियुक्त किए जाने का नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया गया हालांकि इस पर अंतिम मोहर नहीं लग पाई है.



प्रो पीसी झा को कार्यालय खाली करने के आदेश

नियुक्ति की पूरी प्रक्रिया नाटकीय बन गई क्योंकि इस पर कुल सचिव की नियुक्ति को लेकर जारी किया हुआ ऑर्डर वापस ले लिया गया और एक नया नोटिफिकेशन जारी किया गया जिसमें कार्यकारी कुलपति प्रोफ़ेसर पीसी जोशी ने इस नियुक्ति प्रक्रिया को ही गलत ठहराया और प्रोफ़ेसर पीसी झा को यह निर्देश दिया कि वह तत्काल कार्यालय खाली करें. साथ ही उन पर आरोप लगाया गया कि उन्होंने 21 अक्टूबर की सुबह से कार्यालय पर अवैध कब्जा किया है. इसके अलावा उन्हें चेतावनी भी दी गई कि यदि वह कार्यालय खाली नहीं करते हैं तो उन्हें वहां से हटाया जाएगा और उन पर कार्रवाई भी की जाएगी.


बेनतीजा रही बैठक

वहीं सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस पूरे घटनाक्रम के बाद डीयू के एग्जीक्यूटिव काउंसिल की बैठक बुलाई गई. इस बैठक में कुलसचिव पद प्रोफेसर पीसी झा के साथ-साथ दो अन्य लोगों की भी नियुक्ति की गई. वहीं सूत्रों की मानें तो बुधवार शाम प्रोफेसर सुमन कुंडू को कुलसचिव और साउथ कैंपस निदेशक नियुक्त किया गया जबकि रात 8 बजे नया ऑर्डर जारी कर विकास गुप्ता को कुलसचिव और गिरीश रंजन को फाइनेंस ऑफिसर बना दिया गया.


डूटा ने घटनाक्रम को निंदनीय करार दिया

वहीं इस तरह के नाटकीय घटनाक्रम को दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ के अध्यक्ष प्रोफेसर राजीव रे ने विरोध किया है. उन्होंने कहा कि एक पदाधिकारी को हटा दिया गया इसके बाद नोटिस जारी कर नवनियुक्त पदाधिकारियों को धमकाया गया यह बहुत ही निंदनीय है. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय नियमों के तहत कुलपति को इस पूरे मामले में तत्काल हस्तक्षेप की आवश्यकता है.

नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय में बुधवार को हाई वोल्टेज ड्रामा देखने को मिला. बुधवार सुबह डीयू की वेबसाइट पर एक नोटिफिकेशन जारी किया गया, जिसमें ऑपरेशन रिसर्च विभाग के प्रोफेसर पीसी झा को अगले आदेश तक डीयू साउथ कैंपस का निर्देशक नियुक्त करने की बात कही गई थी. इसके अलावा प्रोफेसर पीसी झा को डीयू के कुलसचिव का कार्यभार सौंपने की भी बात लिखी थी. साथ ही इस नियुक्ति प्रक्रिया को अधिकृत अधिकारियों की सहमति बताया गया था.

कुलसचिव की नियुक्ति को लेकर हुआ हाई वोल्टेज ड्रामा

वहीं वेबसाइट पर अपलोड होने के चंद घंटे के अंदर ही इस नोटिफिकेशन को हटा दिया गया और फिर एक नई कहानी सामने आई. एक नोटिस कार्यकारी कुलपति पीसी जोशी द्वारा जारी किया गया था, जिसमें पीसी झा की नियुक्ति को गलत ठहराते हुए उन्हें तत्काल कार्यालय खाली करने का आदेश दिया गया था. वहीं बुधवार देर शाम इस पूरे ड्रामा का अंत हुआ, जब एक और नोटिफिकेशन जारी किया गया, जिसमें डीयू एग्जीक्यूटिव काउंसिल द्वारा प्रोफेसर विकास गुप्ता को कुलसचिव नियुक्त कर दिया गया.


अभी अंतिम मुहर नहीं

दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफ़ेसर योगेश त्यागी के अस्वस्थ होने की बात सामने आ रही है. साथ ही यह भी कहा जा रहा है कि मार्च के पहले सप्ताह में उनका कार्यकाल समाप्त हो रहा है. ऐसे में कुलपति की अनुपस्थिति के चलते पूरा कार्यभार प्रोफेसर पीसी जोशी संभाल रहे हैं. वहीं डीयू के कुल सचिव पद के लिए 10 अक्टूबर को इंटरव्यू भी हुए थे, लेकिन उसका रिजल्ट जारी नहीं किया जा सका.

इसी सिलसिले में विचार विमर्श करने के लिए 20 अक्टूबर को यूजीसी ने ऑनलाइन बैठक भी बुलाई थी, जिसमें कुलपति भी शामिल हुए थे. लेकिन सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार तकनीकी खराबी के चलते बैठक बेनतीजा रही. वहीं अगले दिन ही एग्जीक्यूटिव काउंसिल द्वारा प्रोफेसर विकास गुप्ता को कुलसचिव नियुक्त किए जाने का नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया गया हालांकि इस पर अंतिम मोहर नहीं लग पाई है.



प्रो पीसी झा को कार्यालय खाली करने के आदेश

नियुक्ति की पूरी प्रक्रिया नाटकीय बन गई क्योंकि इस पर कुल सचिव की नियुक्ति को लेकर जारी किया हुआ ऑर्डर वापस ले लिया गया और एक नया नोटिफिकेशन जारी किया गया जिसमें कार्यकारी कुलपति प्रोफ़ेसर पीसी जोशी ने इस नियुक्ति प्रक्रिया को ही गलत ठहराया और प्रोफ़ेसर पीसी झा को यह निर्देश दिया कि वह तत्काल कार्यालय खाली करें. साथ ही उन पर आरोप लगाया गया कि उन्होंने 21 अक्टूबर की सुबह से कार्यालय पर अवैध कब्जा किया है. इसके अलावा उन्हें चेतावनी भी दी गई कि यदि वह कार्यालय खाली नहीं करते हैं तो उन्हें वहां से हटाया जाएगा और उन पर कार्रवाई भी की जाएगी.


बेनतीजा रही बैठक

वहीं सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस पूरे घटनाक्रम के बाद डीयू के एग्जीक्यूटिव काउंसिल की बैठक बुलाई गई. इस बैठक में कुलसचिव पद प्रोफेसर पीसी झा के साथ-साथ दो अन्य लोगों की भी नियुक्ति की गई. वहीं सूत्रों की मानें तो बुधवार शाम प्रोफेसर सुमन कुंडू को कुलसचिव और साउथ कैंपस निदेशक नियुक्त किया गया जबकि रात 8 बजे नया ऑर्डर जारी कर विकास गुप्ता को कुलसचिव और गिरीश रंजन को फाइनेंस ऑफिसर बना दिया गया.


डूटा ने घटनाक्रम को निंदनीय करार दिया

वहीं इस तरह के नाटकीय घटनाक्रम को दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ के अध्यक्ष प्रोफेसर राजीव रे ने विरोध किया है. उन्होंने कहा कि एक पदाधिकारी को हटा दिया गया इसके बाद नोटिस जारी कर नवनियुक्त पदाधिकारियों को धमकाया गया यह बहुत ही निंदनीय है. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय नियमों के तहत कुलपति को इस पूरे मामले में तत्काल हस्तक्षेप की आवश्यकता है.

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