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सरोजिनी नगर झुग्गी बस्ती खाली कराने पर हाईकोर्ट की रोक - झुग्गी वालों के पुनर्वास को लेकर कोर्ट ने मांगी योजना

दिल्ली हाईकोर्ट ने सरोजिनी नगर में झुग्गियों में रहने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने पर रोक लगा दिया है. जस्टिस यशवंत वर्मा ने संबंधित अधिकारियों को झुग्गी वालों के पुनर्वास को लेकर अपनी योजना कोर्ट को बताने का निर्देश दिया है. मामले में अगली सुनवाई 12 मई को होगी.

Delhi High court
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Published : May 11, 2022, 8:42 AM IST

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने सरोजिनी नगर में झुग्गियों में रहने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने पर रोक लगा दिया है. जस्टिस यशवंत वर्मा ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे झुग्गी वालों के पुनर्वास को लेकर अपनी योजना कोर्ट को बताएं. मामले की अगली सुनवाई 12 मई को होगी.

दरअसल सरोजिनी नगर झुग्गी झोपड़ी विकास समिति ने हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दायर किया है. याचिकाकर्ता की ओर से वकील कमलेश कुमार मिश्रा ने कहा कि 22 मार्च 2021 को कोर्ट ने लोगों की समस्याओं पर संज्ञान लिया था. मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग के मुताबिक भूमि एवं विकास कार्यालय को झुग्गी वालों के पुनर्वास का काम करना होगा. कोर्ट ने इस बात पर गौर किया कि अभी तक उस याचिका का कोई जवाब नहीं आया है.

याचिका में कहा गया है कि झुग्गी वालों को संबंधित स्थान से हटाकर दूसरी जगह बसाने के लिए कोई काम नहीं हुआ है. लेकिन चार अप्रैल को झुग्गी वालों को नोटिस जारी कर अपने-अपने सामान हटाकर जगह ख़ाली करने का आदेश दिया गया. याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने ये पूछा है कि झुग्गी वालों के पुनर्वास के लिए क्या योजना है. बता दें कि सरोजिनी नगर के झुग्गी वालों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट ने भी अतिक्रमण हटाने पर रोक लगा दिया है.

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नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने सरोजिनी नगर में झुग्गियों में रहने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने पर रोक लगा दिया है. जस्टिस यशवंत वर्मा ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे झुग्गी वालों के पुनर्वास को लेकर अपनी योजना कोर्ट को बताएं. मामले की अगली सुनवाई 12 मई को होगी.

दरअसल सरोजिनी नगर झुग्गी झोपड़ी विकास समिति ने हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दायर किया है. याचिकाकर्ता की ओर से वकील कमलेश कुमार मिश्रा ने कहा कि 22 मार्च 2021 को कोर्ट ने लोगों की समस्याओं पर संज्ञान लिया था. मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग के मुताबिक भूमि एवं विकास कार्यालय को झुग्गी वालों के पुनर्वास का काम करना होगा. कोर्ट ने इस बात पर गौर किया कि अभी तक उस याचिका का कोई जवाब नहीं आया है.

याचिका में कहा गया है कि झुग्गी वालों को संबंधित स्थान से हटाकर दूसरी जगह बसाने के लिए कोई काम नहीं हुआ है. लेकिन चार अप्रैल को झुग्गी वालों को नोटिस जारी कर अपने-अपने सामान हटाकर जगह ख़ाली करने का आदेश दिया गया. याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने ये पूछा है कि झुग्गी वालों के पुनर्वास के लिए क्या योजना है. बता दें कि सरोजिनी नगर के झुग्गी वालों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट ने भी अतिक्रमण हटाने पर रोक लगा दिया है.

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