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हेलमेट मैन ऑफ इंडिया, देश भर में अब तक बांट चुके हैं 60 हजार हेलमेट - बांट चुके हैं 60 हजार हेलमेट

Special Interview: नोएडा के रहने वाले राघवेंद्र को लोग हेलमेट मैन के नाम से जानते हैं. राघवेंद्र पिछले 10 सालों से लोगों को फ्री में हेलमेट बांट रहे हैं और उन्हें सुरक्षा के लिए जागरूक कर रहे हैं.

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Jan 13, 2024, 11:42 AM IST

Updated : Jan 13, 2024, 3:57 PM IST

राघवेंद्र को लोग हेलमेट मैन के नाम से जानते हैं.

नई दिल्ली: स्वामी विवेकानंद की जयंती पर दिल्ली के कंस्टीट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया में एक कार्यक्रम का आयोजित किया गया. इसमें हेलमेट मैन ऑफ इंडिया के नाम से मशहूर राघवेंद्र भी पहुंचे. इस दौरान उन्होंने लोगों से बाइक या स्कूटी चलाते वक्त हेलमेट पहनने की अपील की. राघवेंद्र पिछले 10 सालों से लोगों को फ्री में हेलमेट बांट रहे हैं और उन्हें सुरक्षा के लिए जागरूक कर रहे हैं. आइए, जानते हैं उनके हेलमेट बांटने के पीछे की कहानी को.

सवाल: आपका नाम हेलमेट मैन ऑफ इंडिया कैसे पड़ा, इसके पीछे की वजह क्या है?

जवाब: सबसे पहले तो मैं सभी देशवासियों को स्वामी विवेकानंद जयंती की हार्दिक बधाई देना चाहता हूं. 10 साल पहले एक सड़क हादसे में मैंने अपने एक दोस्त को खोया था. 2014 में मेरे करीबी मित्र बिना हेलमेट के सड़क पर बाइक चला रहे थे, तभी दुर्घटना का शिकार हो गए. इस हादसे में उसके सिर पर गहरी चोट लगने से मौत हो गई थी. तब से मौने संकल्प लिया कि मैं लोगों को सुरक्षा के लिए जागरूक करूंगा.

सवाल: आपने अब तक कितने हेलमेट बांटे हैं और कौन-कौन से राज्यों में आपका अभियान चल रहा है?
जवाब: पिछले 10 वर्षों से देशभर के 22 राज्यों में अपनी इस मुहिम को चला रहा हूं. अब तक 60 हजार से ज्यादा हेलमेट बांट चुका हुं. वहीं 35 लोगों की जिंदगी भी बचाई है. देश में रोजाना सैकड़ों लोगों की जान सड़क हादसे में जाती है, इसलिए लोगों को ट्रैफिक नियमों के प्रति जागरूक होने की जरूरत है.

सवाल:आप हर जगह हेलमेट पहन कर क्यों जाते हैं? इवेंट हो अवॉर्ड फंक्शनआप हर जगह हेलमेट पहने हुए नजर आते हैं?
जवाब: मैं अवॉर्ड फंक्शन में जाता हूं मेट्रो में ट्रेवल करता हूं बस में ट्रेवल करता हूं. तब भी मैं हेलमेट लगाए रहता हूं. कुछ लोग मुझे पागल समझते हैं. लेकिन कई जगह पर तो लोग मुझे पहचान जाते हैं क्योंकि मैं पूरे देश भर में हेलमेट मैन ऑफ इंडिया के नाम से मशहूर हो चुका हूं. मुझे यह सब करना अच्छा भी लगता है.

सवाल: स्वामी विवेकानंद की जयंती पर युवाओं के लिए क्या संदेश देंगे ?
जवाब: आज युवाओं के लिए मैं यही संदेश देना चाहता हूं कि, यवा सबसे ज्यादा सड़क हादसों का शिकार होते हैं. मैंने यह लड़ाई सुप्रीम कोर्ट तक लड़ी, और 4 साल से उपर के बच्चे के लिए भी हेलमेट का कानून सुप्रीम कोर्ट ने दिया. 4 साल से उपर के बच्चे के सर पर भी हेलमेट होना चाहिए. 18 साल से 25 साल के लड़कों को हम सड़कों पर सबसे ज्यादा हादसे का शिकार होता देखते हैं. मैं यही कहना चाहता हूं की बाइक चलाते लोग सर पर हेलमेट लगाए.

राघवेंद्र को लोग हेलमेट मैन के नाम से जानते हैं.

नई दिल्ली: स्वामी विवेकानंद की जयंती पर दिल्ली के कंस्टीट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया में एक कार्यक्रम का आयोजित किया गया. इसमें हेलमेट मैन ऑफ इंडिया के नाम से मशहूर राघवेंद्र भी पहुंचे. इस दौरान उन्होंने लोगों से बाइक या स्कूटी चलाते वक्त हेलमेट पहनने की अपील की. राघवेंद्र पिछले 10 सालों से लोगों को फ्री में हेलमेट बांट रहे हैं और उन्हें सुरक्षा के लिए जागरूक कर रहे हैं. आइए, जानते हैं उनके हेलमेट बांटने के पीछे की कहानी को.

सवाल: आपका नाम हेलमेट मैन ऑफ इंडिया कैसे पड़ा, इसके पीछे की वजह क्या है?

जवाब: सबसे पहले तो मैं सभी देशवासियों को स्वामी विवेकानंद जयंती की हार्दिक बधाई देना चाहता हूं. 10 साल पहले एक सड़क हादसे में मैंने अपने एक दोस्त को खोया था. 2014 में मेरे करीबी मित्र बिना हेलमेट के सड़क पर बाइक चला रहे थे, तभी दुर्घटना का शिकार हो गए. इस हादसे में उसके सिर पर गहरी चोट लगने से मौत हो गई थी. तब से मौने संकल्प लिया कि मैं लोगों को सुरक्षा के लिए जागरूक करूंगा.

सवाल: आपने अब तक कितने हेलमेट बांटे हैं और कौन-कौन से राज्यों में आपका अभियान चल रहा है?
जवाब: पिछले 10 वर्षों से देशभर के 22 राज्यों में अपनी इस मुहिम को चला रहा हूं. अब तक 60 हजार से ज्यादा हेलमेट बांट चुका हुं. वहीं 35 लोगों की जिंदगी भी बचाई है. देश में रोजाना सैकड़ों लोगों की जान सड़क हादसे में जाती है, इसलिए लोगों को ट्रैफिक नियमों के प्रति जागरूक होने की जरूरत है.

सवाल:आप हर जगह हेलमेट पहन कर क्यों जाते हैं? इवेंट हो अवॉर्ड फंक्शनआप हर जगह हेलमेट पहने हुए नजर आते हैं?
जवाब: मैं अवॉर्ड फंक्शन में जाता हूं मेट्रो में ट्रेवल करता हूं बस में ट्रेवल करता हूं. तब भी मैं हेलमेट लगाए रहता हूं. कुछ लोग मुझे पागल समझते हैं. लेकिन कई जगह पर तो लोग मुझे पहचान जाते हैं क्योंकि मैं पूरे देश भर में हेलमेट मैन ऑफ इंडिया के नाम से मशहूर हो चुका हूं. मुझे यह सब करना अच्छा भी लगता है.

सवाल: स्वामी विवेकानंद की जयंती पर युवाओं के लिए क्या संदेश देंगे ?
जवाब: आज युवाओं के लिए मैं यही संदेश देना चाहता हूं कि, यवा सबसे ज्यादा सड़क हादसों का शिकार होते हैं. मैंने यह लड़ाई सुप्रीम कोर्ट तक लड़ी, और 4 साल से उपर के बच्चे के लिए भी हेलमेट का कानून सुप्रीम कोर्ट ने दिया. 4 साल से उपर के बच्चे के सर पर भी हेलमेट होना चाहिए. 18 साल से 25 साल के लड़कों को हम सड़कों पर सबसे ज्यादा हादसे का शिकार होता देखते हैं. मैं यही कहना चाहता हूं की बाइक चलाते लोग सर पर हेलमेट लगाए.

Last Updated : Jan 13, 2024, 3:57 PM IST
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