नई दिल्ली: पंजाब, हरियाणा और उत्तरप्रदेश में पराली जलाने पर रोक की मांग को लेकर दायर याचिका पर हाईकोर्ट आज सुनवाई करेगा. पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने केंद्र, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और तीनों राज्यों को नोटिस जारी किया था. चीफ जस्टिस डीएन पटेल की अध्यक्षता वाली बेंच इस मामले में सुनवाई करने वाली है.
याचिका सुधीर मिश्रा की ओर से दायर की गई है. याचिकाकर्ता की ओर से ऋत्विक नंदा ने कहा था कि पराली जलाने से कोरोना की स्थिति और खराब हो सकती है. पराली का धुंआ लोगों के लिए जानलेवा साबित हो सकता है. याचिका में कहा गया है कि पंजाब, हरियाणा और उत्तरप्रदेश से आने वाले पराली के धूंए से समूचा उत्तर भारत गैस चैंबर में तब्दील हो जाएगा. पराली के धूंओं का सीधा असर फेफड़ों पर होता है, फेफड़े कमजोर होने लगते हैं. फेफड़ा कमजोर होने से कोरोना का संक्रमण बढ़ने का खतरा ज्यादा है.
प्रदूषण से कोरोना का खतरा
याचिका में कहा गया है कि कोरोना की वजह से पूरे देश में 92 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. कोरोना से मौत की सबसे बड़ी वजह से फेफड़ो के कमजोर होने से सांस लेने में दिक्कत और आक्सीजन की मात्रा में की को बताया जाता है. याचिका में कहा गया है कि अगर समय रहते पराली जलाने से नहीं रोका गया तो इससे जो धुंआ फैलेगा, उससे लोगों के फेफड़े और ज्यादा कमजोर हो जाएंगे. जिससे कोरोना का प्रकोप भी बढ़ेगा.