नई दिल्ली: राकेश अस्थाना और देवेंद्र कुमार के मामले में सीबीआई की अर्जी पर दिल्ली हाइकोर्ट 4 अप्रैल को सुनवाई करेगा. सीबीआई ने अर्जी दाखिल कर दोनों के खिलाफ जांच के लिए और समय देने की मांग की थी. पिछले 27 मार्च को सीबीआई ने जांच के संबंध में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल किया था.
10 हफ्ते में जांच पूरी करने का निर्देश
पिछले 11 जनवरी को दिल्ली हाईकोर्ट ने राकेश अस्थाना और देवेंद्र कुमार की अपने खिलाफ दर्ज एफआईआर निरस्त करने और कोई भी निरोधात्मक कार्रवाई करने पर रोक लगाने की मांग करने वाली याचिका खारिज कर दी थी. जस्टिस नाजिम वजीरी ने सीबीआई को इस मामले में दस हफ्ते में जांच पूरी करने का निर्देश दिया था.
3 करोड़ रुपए रिश्वत देने का है आरोप
कोर्ट ने कहा था कि सतीश साना ने काफी गंभीर आरोप लगाए हैं. कोर्ट ने कहा कि धारा 17ए के तहत किसी लोकसेवक के खिलाफ भ्रष्टाचार और लोकसेवा न करने के मामले में अभियोजन के लिए स्वीकृति लेने की जरूरत नहीं है. सतीश साना ही वह व्यक्ति है जिसपर कुरैशी से जुड़ा अपना केस रफा-दफा कराने के लिए अस्थाना को 3 करोड़ रुपए रिश्वत देने का आरोप लगा था. साना के मुताबिक उससे रिश्वत की मांग की गई थी.
एफआईआर के मुताबिक मनोज प्रसाद और सोमेश प्रसाद सतीश साना से दुबई में मिले और उसका मामला रफा-दफा कराने का आश्वासन दिलाया. साना दुबई का कारोबारी है. सीबीआई उसके खिलाफ मीट कारोबारी के संबंध को लेकर जांच कर रही है. कुरैशी साल 2014 के बाद से भ्रष्टाचार के केस में कई एजेंसियों के निशाने पर है.
16 अक्टूबर को बिचौलिया हुआ था गिरफ्तार
सीबीआई के मुताबिक 2 करोड़ रुपये का रिश्वत सतीश ने खुद को 25 अक्टूबर 2018 तक बचाए रखने के लिए दिया था.10 अक्टूबर 2018 को 25 लाख रुपये चुकाए गए और बाकी के पैसे 16 अक्टूबर 2018 तक चुकाने की बात हुई. सीबीआई ने 16 अक्टूबर को बिचौलिए मनोज प्रसाद को गिरफ्तार किया था, जब वह बाकी के पौने दो करोड़ रुपए लेने भारत आया था. मामले में पटियाला हाउस कोर्ट ने मनोज प्रसाद को जमानत दे दी है.