नई दिल्ली: दरअसल सोशल मीडिया पर जन-गण-मन नामक एक वीडियो वायरल हुआ है. जिसमें पांच अल्पसंख्यक युवकों को पुलिसकर्मी घेरे हुए हैं और उनसे राष्ट्रगान गाने के लिए दबाव बना रहे हैं. ये युवक जमीन पर असहाय लेटे हुए हैं और पुलिस उनके साथ मारपीट कर रही है. मृत युवक को 24 फरवरी 2020 को पुलिस ने गिरफ्तार किया था. उसे 25 फरवरी 2020 को काफी नाजुक स्थिति में छोड़ा था. उसे एलएनजेपी अस्पताल में भर्ती किया गया था, जहां उसकी 26 फरवरी 2020 को मौत हो गई.
पुलिस की पिटाई से स्थिति हुई खराब
याचिका में कहा गया है कि 25-26 फरवरी की दरम्यानी रात को फैजान ने अपनी मां किस्मातुन को बताया था कि उसे पुलिस ने प्रताड़ित किया था और उसकी खूब पिटाई की गई थी. याचिका में कहा गया है कि फैजान को ज्योति नगर पुलिस थाने में गैरकानूनी हिरासत में रखा गया था. उसे इलाज उपलब्ध करने से इनकार कर दिया गया था. जब उसकी स्थिति खराब होने लगी और पुलिस को लगा कि वह नहीं बच पाएगा तो उसे छोड़ा गया.
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याचिका में कहा गया है कि इस मामले में हत्या का केस दर्ज किया गया, लेकिन जांच में पुलिसकर्मियों को बचाने की कोशिश की जा रही है. ऐसे में इस मामले की जांच कोर्ट की निगरानी में की जाए. इसके लिए स्वतंत्र और निष्पक्ष टीम गठित की जाए, जो फैजान की हिरासत में मौत की जांच करे. इस जांच की समय-समय पर रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल करने का दिशा-निर्देश जारी किया जाए.
दिल्ली हिंसा: अल्पसंख्यक युवक की मौत की जांच की मांग पर HC में सुनवाई आज
दिल्ली हाईकोर्ट आज उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हिंसा के दौरान पुलिसकर्मियों द्वारा कुछ अल्पसंख्यक युवकों की पिटाई करने के दौरान एक युवक की मौत की जांच की मांग पर सुनवाई करेगा. पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया था. जस्टिस सुरेश कैत की बेंच सुनवाई करेगी.
नई दिल्ली: दरअसल सोशल मीडिया पर जन-गण-मन नामक एक वीडियो वायरल हुआ है. जिसमें पांच अल्पसंख्यक युवकों को पुलिसकर्मी घेरे हुए हैं और उनसे राष्ट्रगान गाने के लिए दबाव बना रहे हैं. ये युवक जमीन पर असहाय लेटे हुए हैं और पुलिस उनके साथ मारपीट कर रही है. मृत युवक को 24 फरवरी 2020 को पुलिस ने गिरफ्तार किया था. उसे 25 फरवरी 2020 को काफी नाजुक स्थिति में छोड़ा था. उसे एलएनजेपी अस्पताल में भर्ती किया गया था, जहां उसकी 26 फरवरी 2020 को मौत हो गई.
पुलिस की पिटाई से स्थिति हुई खराब
याचिका में कहा गया है कि 25-26 फरवरी की दरम्यानी रात को फैजान ने अपनी मां किस्मातुन को बताया था कि उसे पुलिस ने प्रताड़ित किया था और उसकी खूब पिटाई की गई थी. याचिका में कहा गया है कि फैजान को ज्योति नगर पुलिस थाने में गैरकानूनी हिरासत में रखा गया था. उसे इलाज उपलब्ध करने से इनकार कर दिया गया था. जब उसकी स्थिति खराब होने लगी और पुलिस को लगा कि वह नहीं बच पाएगा तो उसे छोड़ा गया.
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याचिका में कहा गया है कि इस मामले में हत्या का केस दर्ज किया गया, लेकिन जांच में पुलिसकर्मियों को बचाने की कोशिश की जा रही है. ऐसे में इस मामले की जांच कोर्ट की निगरानी में की जाए. इसके लिए स्वतंत्र और निष्पक्ष टीम गठित की जाए, जो फैजान की हिरासत में मौत की जांच करे. इस जांच की समय-समय पर रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल करने का दिशा-निर्देश जारी किया जाए.