नई दिल्ली: दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने दिल्ली दंगों में मनी लांड्रिंग मामले के सह-आरोपी अमित गुप्ता की खुद को सरकारी गवाह बनाने के लिए दायर याचिका पर सुनवाई टाल दी है. एडिशनल सेशंस जज अमिताभ रावत ने इस मामले पर 20 अप्रैल को सुनवाई करने का आदेश दिया.
ईडी के असिस्टेंट डायरेक्टर मौजूद नहीं
आज सुनवाई के दौरान ईडी की ओर से पेश वकील एनके माटा ने कहा कि ईडी के असिस्टेंट डायरेक्टर पंकज कुमार खत्री आज उपलब्ध नहीं हैं. उनकी तबियत ठीक नहीं है और उनके रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि इस मामले में खत्री के सहयोग की जरुरत है. एनके माटा ने सुनवाई टालने की मांग की. सुनवाई के दौरान सह-आरोपी अमित गुप्ता ने कोर्ट को बताया कि उनके वकील भी उपलब्ध नहीं हैं. ताहिर हुसैन के वकील रिजवान ने कहा कि उन्हें हाईकोर्ट में एक दूसरे मामले की सुनवाई के लिए जाना है, उसके बाद कोर्ट ने आज सुनवाई टाल दी.
मीडिया में अपमानजनक खबरें चलाई जा रही
पिछले 28 जनवरी सुनवाई के दौरान ताहिर हुसैन की ओर से वकील रिजवान ने कहा था कि ताहिर हुसैन के खिलाफ मीडिया में अपमानजनक खबरें चलाई जा रही हैं. उन्होंने कहा था कि कोर्ट के आदेश के पहले ही मीडिया ऐसी खबरें चला रहा है, जैसे ताहिर हुसैन दोषी हो. उन्होंने कहा था कि ताहिर हुसैन विचाराधीन कैदी है , दोषी नहीं.
उन्होंने कहा था कि चार्जशीट में जो आरोप लगाए गए हैं, वे महज आरोप हैं, प्रमाणित तथ्य नहीं. मीडिया की ओर से ऐसा करने से उसके निष्पक्ष ट्रायल के अधिकार का उल्लंघन होता है. रिजवान ने कोर्ट से मीडिया संगठनों को ताहिर हुसैन के खिलाफ ट्रायल चलाने से रोकने का आदेश देने की मांग की थी.
एक करोड़ दस लाख रुपये की मनी लांड्रिंग का आरोप
ईडी ने ताहिर हुसैन और अमित गुप्ता को आरोपी बनाया है. 16 अक्टूबर 2020 को ईडी के असिस्टेंड डायरेक्टर पंकज कुमार खत्री ने चार्जशीट दाखिल की थी. ईडी ने ताहिर हुसैन और अमित गुप्ता को मनी लांड्रिंग एक्ट के तहत धारा 3 के तहत आरोपी बनाया है. चार्जशीट में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में भड़के दंगों में ताहिर द्वारा धनराशि लगाने का आरोप लगाया है.
ईडी ने कहा है कि करीब सवा करोड़ रुपये से दंगों के लिए हथियारों की खरीदारी की गई. ईडी के मुताबिक ताहिर हुसैन और उससे जुड़े लोगों ने एक करोड़ दस लाख रुपये की मनी लांड्रिंग किया. दंगों के लिए एकत्रित किए गए इस धन को फर्जी कंपनी के जरिये नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में चल रहे धरना-प्रदर्शनों में लगाया गया.