नई दिल्लीः दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को संबंधित अधिकारियों को राष्ट्रीय प्राणी उद्यान में बड़ी संख्या में जानवरों की असामयिक मृत्यु के संबंध में जांच गठित करने की मांग पर निर्णय लेने का निर्देश दिया है. न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति सुब्रमणियम प्रसाद की खंडपीठ ने बुधवार को केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण और अन्य प्रतिवादियों को निर्देश दिया कि वे याचिकाकर्ता द्वारा मांगे गए अभ्यावेदन पर निर्णय लें. याचिका में जू कीपर्स, असिस्टेंट जू कीपर्स, अटेंडेंट्स, फूड डिस्ट्रीब्यूटर्स, चौकीदारों के रिक्त पदों को भरने का निर्देश देने की भी मांग की गई है.
याचिका में राष्ट्रीय प्राणी उद्यान में रखे गए पशुओं की बीमारी की जांच और निदान के लिए पर्याप्त चिकित्सा उपकरण आदि प्रदान करने का निर्देश देने का भी अनुरोध किया गया है. नेशनल जूलॉजिकल पार्क में जनता के प्रवेश के लिए फिजिकल टिकट काउंटर बनाने का भी अनुरोध किया है. याचिका में भारतीय पशु कल्याण बोर्ड को जंगली जानवरों की मौत के कारणों के साथ-साथ चिकित्सा सुविधाओं और चिकित्सा संकाय के संबंध में जांच के लिए एक समिति गठित करने और राष्ट्रीय प्रणाली की जांच करने के निर्देश जारी करने की भी मांग की गई है. जूलोजॉकिल पार्क में वन्य जीवों को उनके आहार की आदतों के अनुसार गुणवत्ता, मात्रा, ताजगी और पर्याप्त भोजन सुनिश्चित करने की मांग की गई है.
याचिका में आरोप लगाया गया है कि प्रतिवादी चिड़ियाघर में एक स्वस्थ, स्वच्छ और प्राकृतिक वातावरण बनाए रखने में विफल रहा है और चिड़ियाघर में हर जानवर को आवास, रखरखाव और स्वास्थ्य प्रदान करने में भी विफल रहा है. यह बात याचिकाकर्ता के आरटीआई के जवाब से स्पष्ट है. याचिका में कहा गया है कि प्रतिवादी चिड़ियाघर में रखे गए जानवरों को चौबीसों घंटे पोर्टेबल पीने के पानी की आपूर्ति करने में भी विफल रहा है और चिड़ियाघर के कर्मचारी जानवरों के साथ शारीरिक रूप से क्रूरता से पेश आते हैं. चिड़ियाघर में रखे गए जानवरों की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम बहुत ही चौंकाने वाले हैं. नवंबर 2022 के दूसरे हफ्ते में कुछ आवारा कुत्तों ने तीन हिरणों पर जानलेवा हमला कर दिया था. फिर भी आज तक चिड़ियाघर द्वारा जानवरों की सुरक्षा के लिए कोई सुरक्षा इंतजाम नहीं किए गए हैं.
(इनपुट- ANI)
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