नई दिल्ली/पलवलः जिला कांग्रेस की ओर से 24 नवंबर यानी आज बीजेपी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया जाएगा. प्रदेश कांग्रेस ने जिला स्तरीय प्रदर्शन के लिए पूर्व मंत्री करण सिंह दलाल को प्रभारी बनाया है. इसके लिए प्रदेश कांग्रेस प्रधान कुमारी शैलजा ने पार्टी कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों की ड्यूटी लगाई है. प्रदर्शन में हथीन इलाके से भारी संख्या में कार्यकर्ता जिला मुख्यालय पलवल पहुंचेंगें. जिले की तीनों सीटों पर कांग्रेस हारी है. हालांकि लोगों की निगाहें आज कांग्रेस के प्रदर्शन की ओर लगी हैं.
इन मुद्दों को लेकर सड़कों पर उतरी कांग्रेस
महंगाई, बेरोजगारी, बेहाल अर्थव्यवस्था, बिगड़ती कानून-व्यवस्था मुद्दे को लेकर हरियाणा कांग्रेस ने प्रदेश की बीजेपी सरकार के खिलाफ प्रदेश भर में मोर्चा खोल रखा है. कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष कुमारी शैलजा, सीएलपी लीडर भूपेंद्र हुड्डा सहित कांग्रेस के तमाम बड़े नेता बीजेपी के खिलाफ जगह-जगह प्रदर्शन कर रहे हैं. इसी कड़ी में आज भी पलवल में बड़े स्तर पर प्रदर्शन का आयोजन किया गया है. इस प्रदर्शन की अगुआई पलवल से पूर्व विधायक करण सिंह करेंगे.
पलवल विधानसभा सीट का परिणाम
हरियाणा के पलवल जिले की तीनों सीटों पर बीजेपी उम्मीदवारों को जीत मिली. इस बार यहां से कई बड़े उम्मीदवार मैदान में थे.
- पलवल विधानसभा सीट पर बीजेपी के दीपक मंगला को जीत मिली. उन्होंने कांग्रेस के करण सिंह को 28,296 वोटों से हराया.
- हथीन विधानसभा सीट पर बीजेपी के प्रवीण डागर ने कांग्रेस उम्मीदवार मोहम्मद इसरेल को 2887 वोटों को हराया.
- होडल विधानसभा सीट पर बीजेपी के जगदीश नायर ने बाजी मारी. उन्होंने कांग्रेस के उदय भान को 3387 वोटों से हराया.
2014 में करण दलाल बने थे विधायक
2014 विधानसभा चुनाव में पलवल सीट से कांग्रेस के कर्ण सिंह दलाल 57423 वोट हासिल कर विधायक चुने गए थे. जबकि दूसरे नंबर पर रहे बीजेपी के दीपक मंगला को 51781 वोट मिले और तीसरे नंबर पर इनेलो के सुभाष चौधरी रहे थे. इस बार के विधानसभा चुनाव में पलवल सीट पर कुल 11 प्रत्याशी किस्मत आजमा रहे थे. कांग्रेस से करण सिंह दलाल एक बार फिर मैदान में थे.
गठबंधन पर कांग्रेस का वार
हरियाणा विधानसभा चुनाव में प्रदेश की जनता ने किसी भी दल को पूर्ण बहूमत नहीं दी. भले ही बीजेपी को सबसे ज्यादा सीटें हासिल हुई थी लेकिन सरकार बनाने के लिए बीजेपी को भी गठबंधन का सहारा लेना पड़ा. हरियाणा में स्थाई सरकार बनाने के लिए जेजेपी ने अपनी चाबी बीजेपी को सौंप दी. यानी बीजेपी-जेजेपी की गठबंधन की सरकार.
प्रदेश में बनी इस नई नवेली गठबंधन की सरकार को कांग्रेस लगातार घेरने की कोशिश कर रही है. कभी किसान के मुद्दे पर तो कभी रोजगार तो कभी गिरती अर्थव्यवस्था. यही नहीं कांग्रेस ने बीजेपी-जेजेपी गठबंधन को भी जनविरोधी करार दे दिया है. कांग्रेस का मानना है के कि ये सरकार ज्यादा दिन नहीं चलने वाली है, क्योंकि दोनों ही पार्टियों ने जो वादे जनता से किए हैं उन्हें वो पूरा नहीं कर पाएंगी.