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महिलाओं के लिए बेहद खास होता है हरतालिका तीज, सालभर से करती हैं इंतजार

सोमवार को देशभर में हरतालिका तीज का पर्व मनाया जा रहा है. यह दिन महिलाओं को लिए बेहद खास है. इस दिन सुहागिन महिलाएं निर्जला व्रत रखते हुए शिव-पार्वती की पूजा करती हैं. साथ ही अपने पति की लंबी आयु की कामना करती हैं.

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Sep 18, 2023, 2:27 PM IST

Updated : Sep 18, 2023, 4:04 PM IST

देशभर में हरतालिका तीज का पर्व मनाया जा रहा है.

नई दिल्ली: देशभर में आज हरतालिका तीज का पर्व मनाया जा रहा है. यह दिन महिलाओं को लिए बेहद खास है. यह व्रत भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि पर रखा जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मां पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए कठोर तप किया था. इस व्रत में सुहागिन महिलाएं निर्जला व्रत रखते हुए शिव-पार्वती की पूजा करती हैं और अपने पति की लंबी आयु की कामना करती हैं.

'ETV भारत' ने कुछ उपवासी महिलाओं से जानने का प्रयास किया कि वह कब से इस व्रत को रखती आ रही है? उनके लिए कितना महत्वपूर्ण है यह व्रत? बिहार से आकर दिल्ली में रहने वाली सपना कुमारी ने बताया कि वो दस वर्षों से लगातार इस व्रत को करती आ रही हैं. निर्जल व्रत रहती हैं और अपने पति की लंबी आयु की कामना करती हैं. हरतालिका तीज का व्रत निर्जला रखा जाता है. इसमें कई तरह के नियमों का पालन करना होता है. व्रत के दौरान दिन में सोने से बचें. इस दिन रात भर जागकर शिव और मां पार्वती की पूजा व भजन करें. यदि व्रत के दौरान कोई सोता है तो उसे व्रत का पूर्ण फल नहीं मिलता है.

ज्योति ने बताया कि वह इस व्रत को पूरे हर्ष उल्लास से मानती हैं. पूरे साल इसका इंतजार होता हैं. उन्होंने बताया कि इस दिन कई तरह के पकवान बनाए जाते हैं. जिसमें ठकुआल (स्वीट डिश), मीठी पूरी और गुजिया बनाते हैं. इस व्रत का उद्यापन अगले दिन सुबह को किया जाता है. इसके बाद पति के हाथों से पानी पीकर व्रत को संपन्न किया जाता है.

मान्यता है कि हरतालिका तीज का व्रत निर्जला होता है. इस दिन पानी का भी सेवन नहीं किया जाता है. साथ ही इस व्रत का पारण अगले दिन सूर्योदय के बाद होता है. ऐसे में इस दिन गलती से भी अन्न जल ग्रहण नहीं करना चाहिए. पांच वर्षों से हरतालिका तीज का व्रत करने वाली आशु ने बताया कि यह व्रत कठिन तपस्या है. इसमें 24 घंटे के लिए निर्जल व्रत रखा जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार एक बार अगर आपने हरतालिका व्रत को करना शुरू कर दिया, तो इसे हर साल रखना चाहिए. बीच में व्रत न छोड़ें. हर साल यह व्रत पूरे विधि-विधान से करना चाहिए.

हिमाचल से आकर दिल्ली में रहने वाली पूजा शर्मा ने बताया कि हिमचाल में तीज के व्रत को कुछ अलग तरीके से मनाया जाता है. महिलाएं नदी के किनारे जाकर भगवान शिव और माता पार्वती की मिटटी की प्रतिमा बनती हैं. पूजा और कथा सुनने के बाद उसको जल में विसर्जित कर देती हैं. हिमाचल में इस व्रत को निर्जला ही रखा जाता है. बस पूजा की विधि अलग है. अखंड सौभाग्यवती का आशीर्वाद पाने के लिए हरतालिका व्रत के दिन भगवान शिव और माता पार्वती से जुड़ी कथाएं अवश्य ही सुननी चाहिए. इसके अलावा मां पार्वती को खीर का भोग लगाना न भूलें. फिर खीर को प्रसाद के रूप में पति को खिलाएं. इससे पति-पत्नी का रिश्ता मजबूत होता है. साथ ही दांपत्य जीवन सुखमय बना रहता है.

ये भी पढ़ें : Hartalika Teej 2023: इस बार हरतालिका तीज पर खुद से करें मेकअप, जानें कुछ आसान टिप्स

ये भी पढ़ें : Hartalika Teej 2023: राशि के अनुसार रंगों के वस्त्र पहनकर हरतालिका तीज पर करें पूजन, जानें शुभ मुहूर्त

देशभर में हरतालिका तीज का पर्व मनाया जा रहा है.

नई दिल्ली: देशभर में आज हरतालिका तीज का पर्व मनाया जा रहा है. यह दिन महिलाओं को लिए बेहद खास है. यह व्रत भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि पर रखा जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मां पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए कठोर तप किया था. इस व्रत में सुहागिन महिलाएं निर्जला व्रत रखते हुए शिव-पार्वती की पूजा करती हैं और अपने पति की लंबी आयु की कामना करती हैं.

'ETV भारत' ने कुछ उपवासी महिलाओं से जानने का प्रयास किया कि वह कब से इस व्रत को रखती आ रही है? उनके लिए कितना महत्वपूर्ण है यह व्रत? बिहार से आकर दिल्ली में रहने वाली सपना कुमारी ने बताया कि वो दस वर्षों से लगातार इस व्रत को करती आ रही हैं. निर्जल व्रत रहती हैं और अपने पति की लंबी आयु की कामना करती हैं. हरतालिका तीज का व्रत निर्जला रखा जाता है. इसमें कई तरह के नियमों का पालन करना होता है. व्रत के दौरान दिन में सोने से बचें. इस दिन रात भर जागकर शिव और मां पार्वती की पूजा व भजन करें. यदि व्रत के दौरान कोई सोता है तो उसे व्रत का पूर्ण फल नहीं मिलता है.

ज्योति ने बताया कि वह इस व्रत को पूरे हर्ष उल्लास से मानती हैं. पूरे साल इसका इंतजार होता हैं. उन्होंने बताया कि इस दिन कई तरह के पकवान बनाए जाते हैं. जिसमें ठकुआल (स्वीट डिश), मीठी पूरी और गुजिया बनाते हैं. इस व्रत का उद्यापन अगले दिन सुबह को किया जाता है. इसके बाद पति के हाथों से पानी पीकर व्रत को संपन्न किया जाता है.

मान्यता है कि हरतालिका तीज का व्रत निर्जला होता है. इस दिन पानी का भी सेवन नहीं किया जाता है. साथ ही इस व्रत का पारण अगले दिन सूर्योदय के बाद होता है. ऐसे में इस दिन गलती से भी अन्न जल ग्रहण नहीं करना चाहिए. पांच वर्षों से हरतालिका तीज का व्रत करने वाली आशु ने बताया कि यह व्रत कठिन तपस्या है. इसमें 24 घंटे के लिए निर्जल व्रत रखा जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार एक बार अगर आपने हरतालिका व्रत को करना शुरू कर दिया, तो इसे हर साल रखना चाहिए. बीच में व्रत न छोड़ें. हर साल यह व्रत पूरे विधि-विधान से करना चाहिए.

हिमाचल से आकर दिल्ली में रहने वाली पूजा शर्मा ने बताया कि हिमचाल में तीज के व्रत को कुछ अलग तरीके से मनाया जाता है. महिलाएं नदी के किनारे जाकर भगवान शिव और माता पार्वती की मिटटी की प्रतिमा बनती हैं. पूजा और कथा सुनने के बाद उसको जल में विसर्जित कर देती हैं. हिमाचल में इस व्रत को निर्जला ही रखा जाता है. बस पूजा की विधि अलग है. अखंड सौभाग्यवती का आशीर्वाद पाने के लिए हरतालिका व्रत के दिन भगवान शिव और माता पार्वती से जुड़ी कथाएं अवश्य ही सुननी चाहिए. इसके अलावा मां पार्वती को खीर का भोग लगाना न भूलें. फिर खीर को प्रसाद के रूप में पति को खिलाएं. इससे पति-पत्नी का रिश्ता मजबूत होता है. साथ ही दांपत्य जीवन सुखमय बना रहता है.

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Last Updated : Sep 18, 2023, 4:04 PM IST
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